देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से लगातार अपील की जा रही है कि वह बिना रजिस्ट्रेशन और मंदिर परिसर में वीडियोग्राफी, फोटो और रील्स ना बनाएं, लेकिन कुछ लोगों द्वारा लगातार इस गलती को दोहराया जा रहा है. जिस पर चमोली पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए, ऐसे 16 लोगों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की है, जो मंदिर परिसर में मोबाइल से रील्स या किसी अन्य तरह की वीडियो बना रहे थे. वहीं, पुलिस का कहना है कि कई लोग इस तरह की वीडियो बनाकर आसपास भीड़ इकट्ठा करते हैं, जिससे व्यवस्था में परेशानी होती है.
केदारनाथ में बनाई जा रही थी सबसे ज्यादा रील्स: बीते 2 सालों से उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान कई ऐसे लोग थे, जो अपने मोबाइल से तरह-तरह की वीडियोग्राफी करके मंदिर और वहां की धार्मिक आस्था को अपने तरीके से सोशल मीडिया पर पेश कर रहे थे. जिससे मंदिर समिति और पुलिस प्रशासन के ऊपर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे कि आखिरकार इस तरह के वीडियो खासकर केदारनाथ मंदिर से क्यों आ रहे हैं? लिहाजा इस बार राज्य सरकार ने यह फैसला लिया कि चारधाम मंदिर के 50 मीटर के दायरे में किसी भी तरह की कोई वीडियोग्राफी या मोबाइल का प्रयोग भक्त नहीं कर पाएंगे.
बदरीनाथ में रील्स बनाने पर 16 लोगों के कटे चालान: इसके लिए बाकायदा राज्य सरकार ने शासनादेश जारी करके चारधामों में तैनात अधिकारियों को यह आदेश भी दिए थे. ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस ने मंदिर के आसपास कई लोगों को तैनात भी किया है. इसी सिलसिले में अब चमोली पुलिस ने बदरीनाथ में ऐसे 16 लोगों के चालान काटे हैं, जो मंदिर में मोबाइल का प्रयोग करके वीडियोग्राफी कर रहे थे.
पुलिस की अपील को नहीं मान रहे श्रद्धालु: बदरीनाथ थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ने बताया कि शासनादेश जारी होने के बाद हम लगातार ऐसे भक्तों पर नजर बनाकर रखे हुए हैं, जो मंदिर परिसर में तरह-तरह की वीडियोग्राफी कर रहे हैं. हमने देश के अलग-अलग राज्यों से आए लगभग 16 लोगों के चालान किए हैं. उन्होंने कहा कि चालानी कार्रवाई में पहले मोबाइल को जब्त करते हैं और वार्निंग देने के साथ ही 500 का चालान का प्रावधान रखा गया है. हम लगातार लाउडस्पीकर और अन्य माध्यम से भी भक्तों से अपील कर रहे हैं कि वह किसी तरह की वीडियोग्राफी या रील्स मंदिर परिसर में ना बनाएं.
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