सीतामढ़ी: बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए पुलिस प्रशासन और समाज के जागरूक लोगों की पहल जरूरी होती है. तभी बाल विवाह को रोका जाना संभव है. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है सीतामढ़ी के परिहार प्रखंड क्षेत्र के एक गांव से, जहां एक नाबालिग बालिका के बाल-विवाह की पूरी तैयारी थी.
सीतामढ़ी में पुलिस ने रोका बाल विवाह: गुजरात से बारात भी सीतामढ़ी पहुंच चुकी थी, लेकिन स्थानीय वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति से जानकारी मिलते ही सीतामढ़ी पुलिस के सहयोग से और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन की टीम ने मौके पर पहुंचकर शादी रुकवा दी.
गुजरात से आई थी बारात: बाल विवाह की जानकारी बचपन बचाओ आंदोलन की टीम के द्वारा सीतामढ़ी जिला के डीएम रिची पांडेय और एसपी मनोज कुमार तिवारी को दी गई. डीएम व एसपी के निर्देश पर प्रशासनिक टीम ने बाल विवाह रुकवाई. सदर एसडीओ सह बाल विवाह निषेध अधिकारी संजीव कुमार एवं जिला के एएसपी सह नोडल विशेष किशोर पुलिस इकाई मनोज राम के निर्देशन पर पुलिस प्रशासन ने पहुंचकर शादी रुकवाई.
सारे रस्मो रिवाज हो रहे थे पूरे: बाल विवाह पर रोक का मामला पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गया है. वहीं मामले की भनक लगते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण वहां पर इकट्ठे हो गए. स्थानीय लोगों ने बताया कि शादी की पूरी रस्म लड़की वालों की तरफ से पूरी कर ली गई थी. गुजरात से लड़के वाले भी बारात गांव में लेकर पहुंच गए थे.
प्रशासन ने लोगों को किया जागरूक: इसी बीच पुलिस एवं बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त टीम को बाल विवाह की जानकारी दी गई. उसके बाद मौके पर पहुंचकर लड़की के परिवार से बंध पत्र बनवाकर नाबालिग लड़की का बाल विवाह रुकवाया गया. साथ ही उपस्थित लोगों को बाल विवाह निषेध कानून की जानकारी और इस कानूनी अपराध को करने पर सजा के प्रावधान की भी जानकारी दी गई.
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