संभल : शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद अब पुलिस सक्रिय है. हिंसा में शामिल लोगों की शिनाख्त के साथ ही माहौल सामान्य बनाए रखने के लिए लगातार कोशिश में लगी हुई है.इसी क्रम में बुधवार को ASP और CO ने कोतवाली में सभी धर्म गुरुओं के साथ संवाद किया. नियमों का हवाला देते हुए साफ किया कि किसी भी धर्मस्थल पर लाउडस्पीकर नहीं बजेगा. इसलिए लाउडस्पीकर उतार लें. लाउडस्पीकर की आवाज धर्म स्थल परिसर के अंदर ही रहनी चाहिए. अगर कोई इस मुद्दे को लेकर असहमति जता रहा है तो बता दे. वहीं ASP ने कहा कि संभल हिंसा में जो लोग दोषी हैं और जिनके चेहरे फुटेज में आए हैं अथवा पहचान में आए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. निर्दोष लोगों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होगी.
शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे को लेकर दाखिल वाद पर कोर्ट के आदेश पर सर्वे हुआ था. इसके बाद भारी हिंसा हुई थी. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 29 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे. पुलिस ने इस मामले में SP सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल सहित कई लोगों के खिलाफ नामजद तो 2750 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
हालांकि इस घटना को लेकर राजनीति भी खूब हुई. वहीं पुलिस अब इस मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई करने के मूड में नहीं है. पुलिस लगातार हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इसी के साथ शांति कायम रखने के लिए धर्म गुरुओं से संवाद भी स्थापित कर रही है. इसी के चलते बुधवार को सदर कोतवाली में ASP श्रीश चंद्र और CO अनुज चौधरी ने सभी धर्मों के धर्म गुरुओं के साथ वार्ता की. इस दौरान दोनों अधिकारियों ने धर्म स्थलों पर लगे माइक एवं लाउडस्पीकर हटाने के लिए कहा.
ASP ने कहा कि किसी भी धर्मस्थल पर माइक नहीं बजेगा, जिस किसी भी धर्मस्थल पर अभी भी माइक और लाउडस्पीकर लगे हैं, उन्हें उतार लें. धर्मस्थल परिसर के भीतर कम आवाज में छोटा लाउडस्पीकर लगा सकते हैं, लेकिन उसकी आवाज परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए. कहा कि अगर कोई आदेश का पालन नहीं करता है तो वह अपनी असहमति बता दे. हालांकि किसी ने आपत्ति नहीं जताई.