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इलाज करवाने के लिए डॉक्टर को बुलाया फिर कर लिया अपहरण, शराब की तस्करी से जुड़े हैं अपहरण करने वाले - पलामू में डॉक्टर का अपहरण

Kidnapping of Doctor Rahman. पलामू में पिछले दिनों हुए डॉक्टर रहमान के अपहरण को लेकर पुलिस ने कई खुलासे किए हैं. पुलिस के मुताबिक इलाज करवाने के लिए डॉक्टर को बुलाया और फिर अपहरण कर लिया. आरोपी शराब की तस्करी से जुड़े हैं.

Kidnapping of Doctor Rahman
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 1, 2024, 7:57 PM IST

पलामू: पेट दर्द के इलाज के लिए डॉक्टर को क्लीनिक से बाहर बुलाया गया और फिर अपहरण कर लिया. अपहरण करने वाले शराब के तस्करी से जुड़े हुए हैं. पलामू पुलिस ने झोला छाप डॉक्टर मोहम्मद फिरोज खान उर्फ रहमान अपहरण कांड का खुलासा किया है. डॉक्टर रहमान का पलामू के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के ऊपरी कला गांव से सोमवार को अपराधियों का अपहरण कर लिया था.

अपहरण के बाद दो करोड़ की फिरौती मांगी गई थी. पुलिस ने अपहरण कांड का 72 घंटे के अंदर खुलासा किया है और अपहृत डॉक्टर को बरामद कर लिया है और तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अपराधी शराब की तस्करी से जुड़े हुए हैं और बिहार के इलाके में भी अपहरण समेत कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी प्रिंस कुमार और चंदन कुमार सिंह पलामू के हुसैनाबाद जबकि अभय कुमार सिंह मेदिनीनगर के रहने वाले है. जबकि अपहरण की घटना में चार अन्य अपराधी भी शामिल है.

जिसने योजना तैयार की, उसका बचपन से इलाज कर रहे थे डॉक्टर

दरअसल, अपहरण की योजना प्रिंस कुमार और फरार दिग्विजय सिंह ने तैयार की थी. प्रिंस कुमार बचपन से ही डॉ रहमान से इलाज करवा रहा था. प्रिंस ने ही अपहरण के लिए डॉक्टर का चयन किया था. एसपी ने बताया कि अपराधी डॉक्टर की क्लीनिक के अंदर दाखिल हुए थे और कहा था कि एक युवक को पेट में दर्द काफी अधिक है और वह कार में है.

अपराधी ने इलाज के बहाने डॉक्टर को क्लीनिक से बाहर बुलाया और अपहरण कर लिया. अपहरण के बाद डॉक्टर को मेदिनीनगर टाउन थाना क्षेत्र के हाउसिंग कॉलोनी के इलाके में रखा गया था. एसपी ने बताया कि अपहरण कांड के बाद हुसैनाबाद एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम का गठन किया गया था. एसआईटी और पुलिस के टेक्निकल सेल ने पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए आपरी डॉक्टर को बरामद कर लिया और तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पूरे अभियान में हुसैनाबाद थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर शशि शेखर पांडेय, तंजीलूल मन्नान मनौवर, एएसआई नबी अंसारी और पुलिस का टेक्निकल सेल शामिल था.

डॉक्टर के मोबाइल से ही मांगी गई थी फिरौती

अपहरण के बाद डॉक्टर के परिजनों से दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई थी. फिरौती मांगने के लिए अपराधी डॉक्टर के ही मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे. अपराधियों ने परिजनों को तीन बार मोबाइल से कॉल किया था. अपहरण करने वाले अपराधियों को डॉक्टर की बेटी साहसपूर्वक जवाब दे रही थी और बात कर रही थी. अपहरण की घटना में शामिल अपराधी बिहार के इलाके में शराब की तस्करी करते हैं.

एक वर्ष पहले तस्करी के दौरान शराब की खेप पकड़ी गई थी और अपराधियों का एक लाख रुपये नुकसान हुआ था. बाद में अपराधियों ने जिसके कारण नुकसान हुआ था उसे अपहरण करके पलामू के इलाके में लाए थे और 50 हजार रुपये वसूला था. इसी के बाद अपराधियों की साहस बढ़ गई और कई घटनाओं को अंजाम दिया था.

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पलामू: पेट दर्द के इलाज के लिए डॉक्टर को क्लीनिक से बाहर बुलाया गया और फिर अपहरण कर लिया. अपहरण करने वाले शराब के तस्करी से जुड़े हुए हैं. पलामू पुलिस ने झोला छाप डॉक्टर मोहम्मद फिरोज खान उर्फ रहमान अपहरण कांड का खुलासा किया है. डॉक्टर रहमान का पलामू के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के ऊपरी कला गांव से सोमवार को अपराधियों का अपहरण कर लिया था.

अपहरण के बाद दो करोड़ की फिरौती मांगी गई थी. पुलिस ने अपहरण कांड का 72 घंटे के अंदर खुलासा किया है और अपहृत डॉक्टर को बरामद कर लिया है और तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अपराधी शराब की तस्करी से जुड़े हुए हैं और बिहार के इलाके में भी अपहरण समेत कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी प्रिंस कुमार और चंदन कुमार सिंह पलामू के हुसैनाबाद जबकि अभय कुमार सिंह मेदिनीनगर के रहने वाले है. जबकि अपहरण की घटना में चार अन्य अपराधी भी शामिल है.

जिसने योजना तैयार की, उसका बचपन से इलाज कर रहे थे डॉक्टर

दरअसल, अपहरण की योजना प्रिंस कुमार और फरार दिग्विजय सिंह ने तैयार की थी. प्रिंस कुमार बचपन से ही डॉ रहमान से इलाज करवा रहा था. प्रिंस ने ही अपहरण के लिए डॉक्टर का चयन किया था. एसपी ने बताया कि अपराधी डॉक्टर की क्लीनिक के अंदर दाखिल हुए थे और कहा था कि एक युवक को पेट में दर्द काफी अधिक है और वह कार में है.

अपराधी ने इलाज के बहाने डॉक्टर को क्लीनिक से बाहर बुलाया और अपहरण कर लिया. अपहरण के बाद डॉक्टर को मेदिनीनगर टाउन थाना क्षेत्र के हाउसिंग कॉलोनी के इलाके में रखा गया था. एसपी ने बताया कि अपहरण कांड के बाद हुसैनाबाद एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम का गठन किया गया था. एसआईटी और पुलिस के टेक्निकल सेल ने पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए आपरी डॉक्टर को बरामद कर लिया और तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पूरे अभियान में हुसैनाबाद थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर शशि शेखर पांडेय, तंजीलूल मन्नान मनौवर, एएसआई नबी अंसारी और पुलिस का टेक्निकल सेल शामिल था.

डॉक्टर के मोबाइल से ही मांगी गई थी फिरौती

अपहरण के बाद डॉक्टर के परिजनों से दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई थी. फिरौती मांगने के लिए अपराधी डॉक्टर के ही मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे. अपराधियों ने परिजनों को तीन बार मोबाइल से कॉल किया था. अपहरण करने वाले अपराधियों को डॉक्टर की बेटी साहसपूर्वक जवाब दे रही थी और बात कर रही थी. अपहरण की घटना में शामिल अपराधी बिहार के इलाके में शराब की तस्करी करते हैं.

एक वर्ष पहले तस्करी के दौरान शराब की खेप पकड़ी गई थी और अपराधियों का एक लाख रुपये नुकसान हुआ था. बाद में अपराधियों ने जिसके कारण नुकसान हुआ था उसे अपहरण करके पलामू के इलाके में लाए थे और 50 हजार रुपये वसूला था. इसी के बाद अपराधियों की साहस बढ़ गई और कई घटनाओं को अंजाम दिया था.

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