राजनांदगांव : मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के 36 मजदूरों को महाराष्ट्र में बंधक बनाया गया था.जिसे एसपी यशपाल सिंह ने सूचना मिलने के बाद महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से छुड़वाया. आपको बता दें कि अंबागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम विचारपुर के रहवासी 36 बंधक मजदूरों ने चोरी छिपे अपना वीडियो बनाकर परिजनों को भेजा तब इन मजदूरों की महाराष्ट्र में दुर्दशा जानकारी मिली.
परिजनों ने लगाई थी गुहार : इन मजदूरों ने रोते बिलखते मदद की मार्मिक गुहार लगाई थी. इधर मजदूरों के हालात को जानने के बाद विचारपुर के दर्जनों ग्रामीणों ने बंधक मजदूरों के परिजन जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी. उक्त मामले की जानकारी मिलते ही परिजनों ने बीते दिन जिला कार्यालय मोहला पहुंचकर कलेक्टर एसपी को ज्ञापन सौंपा. इसके बाद बंधक बनाए गए मजदूरों को जल्द छुड़वाकर गांव वापस लाने की फरियाद प्रशासन से की.
पुलिस प्रशासन ने त्वरित इस मामले में कार्रवाई कर महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क कर सभी 36 बंधकों को छुड़ाया है. बंधकों को मजदूरी करने वहां ले जाया गया था मिर्ची तोड़ने उन्हें ले जाया गया था. लेकिन उसके बजाय गन्ना कटाई का काम जबरदस्ती कराया जा रहा था,जिसको लेकर उन्होंने अपने परिजनों से वीडियो कॉल और अन्य माध्यमों से इसके बारे में जानकारी दी.इसके बाद परिजनों ने एसपी कार्यालय में इस मामले की सोमवार को शिकायत की थी. जिसके बाद आज मामले में कार्रवाई करते हुए सभी बंधकों को छुड़ा लिया गया है और महाराष्ट्र से वह अपने गांव आने के लिए निकल चुके हैं- पीतांबर पटेल,एएसपी
परिजनों की माने तो महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के गोल्हाली गांव में मजदूरों को मिर्ची तोड़वाने के लिए ले जाया गया था. लेकिन उनसे गन्ना तोड़ने का काम करवाया जा रहा था. इतना ही नहीं ना तो मजदूर को पर्याप्त मजदूरी वह खाना पीना दिया जा रहा था और ना ही ठहरने का उचित इंतजाम किया जा रहा था. रोजी-रोटी के फेर में पढ़कर छत्तीसगढ़ के यह ग्रामीण मजदूर महाराष्ट्र में कड़कड़ाती ठंड एवं बेमौसम बारिश के बीच टीन के छोटे से सेट में खुले आसमान के नीचे भूखे प्यासे रहने को मजबूर थे. वहीं पूरे मामले को एसपी ने गंभीरता से लेते हुए महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से बंधक मजदूरों को छुड़वाकर सकुशल रेलवे स्टेशन पहुंचाकर मानवता की मिसाल पेश की है