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शादी तय होते ही मास्टर को फंसाने की रची साजिश, पुलिस की सूझबूझ से ऐसे बचा निर्दोष!

गिरिडीह पुलिस की सूझबूझ से एक निर्दोष गंभीर आरोप में जेल जाने से बच गया.

Police exposed conspiracy of criminals to trap teacher in Giridih
गिरिडीह पुलिस की प्रेस वार्ता (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 17 hours ago

गिरिडीहः अपराधियों ने एक शिक्षक को फंसाने के लिए गंभीर साजिश रच डाली. मास्टर के घर के पास कारतूस छिपा दिया तो उसके भाई की गुमटी के नीचे दो पिस्टल और दो जिंदा कारतूस रख दिया. हथियार रखने के बाद पुलिस को सूचना भी दे दी. पुलिस ने हथियार बरामद कर लिया और छानबीन शुरू कर दी.

सबसे पहले मास्टर को थाना बुलाया गया पूछताछ हुई. पूछताछ में निजी शिक्षक मुफ्फसिल थाना इलाके के पपरवाटांड़ निवासी अशोक दास निर्दोष प्रतीत हुआ. इसके बाद गिरिडीह एसपी डॉ. विमल कुमार ने सदर एसडीपीओ जीतबाहन उरांव के नेतृत्व में विशेष टीम गठित कर दिया.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः गिरिडीह पुलिस ने किया साजिश से पर्दाफाश (ETV Bharat)

इस टीम में मुफ्फसिल थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर श्याम किशोर महतो, अवर निरीक्षक संजय कुमार, बुधेश्वर उरांव, मुकेश कुमार पंडित, सहायक अवर निरीक्षक राहुल रंजन सिंह, सुन्दर लाल मंडल को शामिल करते हुए जांच आरंभ हुई. मानवीय और टेक्निकल तरीके से हरेक बिंदू पर जांच हुई. जांच में यह साफ हुआ कि अशोक को फंसाने के लिए साजिश रची गई थी.

पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में मुफ्फसिल थाना इलाके के भूराही निवासी जीतन दास (पिता होरिल दास) बनियाडीह सीसीएल क्वार्टर नंबर बी-20 निवासी डब्लू कुमार दास (पिता गुलाब चंद दास) और देवरी खाजाटोल निवासी मनोज चौधरी (पिता विजय महथा) शामिल हैं.

police-exposed-conspiracy-of-criminals-to-trap-teacher-in-giridih
आरोपी के पास से बरामद हथियार समेत अन्य सामान (ETV Bharat)

अशोक की मंगेतर से शादी करना चाहता था जीतन

एसपी के निर्देश पर गठित टीम ने जब जीतन को गिरफ्त में लिया तो उसने पूरा राज उगल दिया. पूछताछ में यह साफ हुआ कि जिस लड़की से शादी करने की ख्वाहिश जीतन ने पाल रखी थी वह लड़की अशोक की मंगेतर बन चुकी थी. दिसंबर माह में ही अशोक की शादी उसी लड़की से होनी थी. ऐसे में अशोक को जेल भिजवाने की योजना तैयार की गई.

इस योजना के तहत पहले अशोक के भाई की गुमटी के नीचे दो देसी पिस्टल और दो कारतूस रख दिया. वहीं अशोक के घर के बाहर मिट्टी के बोरे में एक कारतूस छिपा दिया. फिर पुलिस को सूचना दी कि अशोक दास नामक युवक ने हथियार छिपाकर रखा है. पुलिस ने हथियार बरामद किया, अशोक और उसके भाई को पूछताछ के लिए थाना लाया. प्रारंभिक जांच में ही पुलिस को लगने लगा कि ये साजिश गहरी है.

ताड़ी बेचनेवाले से खरीदा गया था हथियार

पुलिस की पूछताछ में जीतन ने बताया कि उसने 25 हजार रुपये में बनियाडीह निवासी डब्लू कुमार दास से हथियार को खरीदा था. पुलिस ने डब्लू को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि उसने बनियाडीह में रहकर ताड़ी बेचने वाले देवरी के खाजाटोल निवासी मनोज चौधरी से हथियार खरीदा है.

गिरिडीह एसपी डॉ. विमल कुमार ने बताया कि पुलिस ने मनोज को भी गिरफ्तार कर लिया. पुलिसिया पूछताछ में तीनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. पूरे मामले को विशेष टीम ने काफी गंभीरता से लेते हुए छानबीन की और निर्दोष को फंसाने की साजिश को विफल कर दिया.

कौन हैं अशोक दास

बता दें कि अशोक दास ड्राइंग टीचर हैं. निजी स्कूलों में बच्चों को ड्राइंग सिखाने का काम करते हैं. वहीं समाहरणालय से 300 मीटर की दूरी पर इनका घर है तो 200 मीटर की दूरी पर इनके भाई की दुकान है. 30 नवंबर की सुबह इसी के घर के बाहर और दुकान (गुमटी) के नीचे पुलिस ने हथियार बरामद किया था.

इसे भी पढ़े- रांची में बाइक चोर गिरोह के सात अपराधी गिरफ्तार, नाले में छुपाया हथियार भी किया बरामद

इसे भी पढ़ें- सगाई के लिए मंदिर में प्रेमिका करती रही इंतजार, प्रेमी हुआ फरार

इसे भी पढ़ें- झोला में रख कर हथियार बेचने की थी तैयारी, पुलिस ने दबोचा

गिरिडीहः अपराधियों ने एक शिक्षक को फंसाने के लिए गंभीर साजिश रच डाली. मास्टर के घर के पास कारतूस छिपा दिया तो उसके भाई की गुमटी के नीचे दो पिस्टल और दो जिंदा कारतूस रख दिया. हथियार रखने के बाद पुलिस को सूचना भी दे दी. पुलिस ने हथियार बरामद कर लिया और छानबीन शुरू कर दी.

सबसे पहले मास्टर को थाना बुलाया गया पूछताछ हुई. पूछताछ में निजी शिक्षक मुफ्फसिल थाना इलाके के पपरवाटांड़ निवासी अशोक दास निर्दोष प्रतीत हुआ. इसके बाद गिरिडीह एसपी डॉ. विमल कुमार ने सदर एसडीपीओ जीतबाहन उरांव के नेतृत्व में विशेष टीम गठित कर दिया.

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इस टीम में मुफ्फसिल थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर श्याम किशोर महतो, अवर निरीक्षक संजय कुमार, बुधेश्वर उरांव, मुकेश कुमार पंडित, सहायक अवर निरीक्षक राहुल रंजन सिंह, सुन्दर लाल मंडल को शामिल करते हुए जांच आरंभ हुई. मानवीय और टेक्निकल तरीके से हरेक बिंदू पर जांच हुई. जांच में यह साफ हुआ कि अशोक को फंसाने के लिए साजिश रची गई थी.

पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में मुफ्फसिल थाना इलाके के भूराही निवासी जीतन दास (पिता होरिल दास) बनियाडीह सीसीएल क्वार्टर नंबर बी-20 निवासी डब्लू कुमार दास (पिता गुलाब चंद दास) और देवरी खाजाटोल निवासी मनोज चौधरी (पिता विजय महथा) शामिल हैं.

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आरोपी के पास से बरामद हथियार समेत अन्य सामान (ETV Bharat)

अशोक की मंगेतर से शादी करना चाहता था जीतन

एसपी के निर्देश पर गठित टीम ने जब जीतन को गिरफ्त में लिया तो उसने पूरा राज उगल दिया. पूछताछ में यह साफ हुआ कि जिस लड़की से शादी करने की ख्वाहिश जीतन ने पाल रखी थी वह लड़की अशोक की मंगेतर बन चुकी थी. दिसंबर माह में ही अशोक की शादी उसी लड़की से होनी थी. ऐसे में अशोक को जेल भिजवाने की योजना तैयार की गई.

इस योजना के तहत पहले अशोक के भाई की गुमटी के नीचे दो देसी पिस्टल और दो कारतूस रख दिया. वहीं अशोक के घर के बाहर मिट्टी के बोरे में एक कारतूस छिपा दिया. फिर पुलिस को सूचना दी कि अशोक दास नामक युवक ने हथियार छिपाकर रखा है. पुलिस ने हथियार बरामद किया, अशोक और उसके भाई को पूछताछ के लिए थाना लाया. प्रारंभिक जांच में ही पुलिस को लगने लगा कि ये साजिश गहरी है.

ताड़ी बेचनेवाले से खरीदा गया था हथियार

पुलिस की पूछताछ में जीतन ने बताया कि उसने 25 हजार रुपये में बनियाडीह निवासी डब्लू कुमार दास से हथियार को खरीदा था. पुलिस ने डब्लू को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि उसने बनियाडीह में रहकर ताड़ी बेचने वाले देवरी के खाजाटोल निवासी मनोज चौधरी से हथियार खरीदा है.

गिरिडीह एसपी डॉ. विमल कुमार ने बताया कि पुलिस ने मनोज को भी गिरफ्तार कर लिया. पुलिसिया पूछताछ में तीनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. पूरे मामले को विशेष टीम ने काफी गंभीरता से लेते हुए छानबीन की और निर्दोष को फंसाने की साजिश को विफल कर दिया.

कौन हैं अशोक दास

बता दें कि अशोक दास ड्राइंग टीचर हैं. निजी स्कूलों में बच्चों को ड्राइंग सिखाने का काम करते हैं. वहीं समाहरणालय से 300 मीटर की दूरी पर इनका घर है तो 200 मीटर की दूरी पर इनके भाई की दुकान है. 30 नवंबर की सुबह इसी के घर के बाहर और दुकान (गुमटी) के नीचे पुलिस ने हथियार बरामद किया था.

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