जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ओम महला को डीन और एचओडी पद से हटाने सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर धरना दे रहे एबीवीपी के छात्रों को बुधवार को पुलिस ने बलपूर्वक हटा दिया. पुलिस ने छात्रों को घसीटकर उठाया और फिर जीप में डालकर हिरासत में ले लिया. इसका छात्रों ने विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी भी की और आगे छात्र हितों में सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी दी.
विश्वविद्यालय कैंपस में कुलपति सचिवालय के बाहर बीते 3 दिन से विभिन्न अपनी मांगों को लेकर एबीवीपी के छात्र धरने पर बैठे थे. छात्र राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से स्कूल ऑफ सोशल साइंस में महिला उत्पीड़न के आरोपी प्रो. ओम महला को डीन नियुक्त करने का विरोध कर रहे थे. इसके अलावा विश्वविद्यालय कैंपस में इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क और दूसरी सुविधाओं से जुड़ी 11 सूत्री मांग भी थी. छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से उनकी मांगों पर सुनवाई करने की बजाय पुलिस प्रशासन की ओर से बर्बरता पूर्वक बल प्रयोग करते हुए उन्हें हटाया गया, जिसमें छात्र घायल हो गए. उन्होंने कहा कि कुलपति छात्रों की आवाज को दबाने के लिए पुलिस का सहारा ले रही है, लेकिन इससे विद्यार्थी परिषद के छात्र डरने वाले नहीं है.
इसे भी पढ़ें - विश्वविद्यालय में बनेगी एंटी इंटॉक्सिकेशन कमेटी, छात्रों से लिया जाएगा नशा नहीं करने का शपथ पत्र
वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जयपुर प्रांत मंत्री अभिनव सिंह ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने राजस्थान सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि छात्र शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और राजस्थान पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई ये दिखाता है कि किस तरह छात्रों की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय के सोशल साइंस विभाग में दुष्कर्म के आरोपी को डीन बनाना और उसे बर्खास्त करने की मांग करने वालों की आवाज दबाना दुर्भाग्यपूर्ण है. विद्यार्थी परिषद इस तरह की बर्बरता से डरने वाली नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती तो आगे छात्र हित में सड़क पर उतर कर आंदोलन किया जाएगा.