रायबरेली: रायबरेली के थाना सलोन क्षेत्र के अंतर्गत हुआ फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने की वजह से सुर्खियों में आ गया था. इस मामले में पुलिस अधीक्षक अभिषेक कुमार अग्रवाल ने बताया कि यूपी एटीएस व रायबरेली पुलिस की संयुक्त फील्ड यूनिट टीमों ने इस मामले के 6 आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह सभी लोग आपस में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ जुड़े हुए थे, जब किसी को कोई जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती थी तो वह ग्रुप में उसका नाम, जन्मतिथि व माता-पिता का नाम व पता लिखकर मैसेज कर देता था. ग्रुप में जुड़े हुए व्यक्ति जिसके पास उस समय के ग्राम विकास अधिकारी के लॉगिन आईडी व पासवर्ड उपलब्ध होता है उसी ग्राम विकास अधिकारी की आईडी से विवरण भर के जन्म प्रमाण पत्र जारी कर देता था. उसकी पीडीएफ फाइल बनाकर ग्रुप में डाल देता था.
ग्राम विकास अधिकारी की लॉगिन आईडी विभिन्न जन सेवा केंद्र संचालकों के माध्यम से की जाती थी. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के लिए बार कोड से पेमेंट किया जाता था. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी एवं फर्जी वेबसाइट से बने जन्म प्रमाण पत्र के माध्यम से यह लोग आधार कार्ड में प्रमाणिक संशोधन भी करते थे. इस प्रकार का कृत्य करके यह लोग फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का उपयोग जन्म तिथि में हेरफेर कर सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में अनुचित लाभ लेने के लिए किया जाता था. उनके मुताबिक गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के नाम गोविंद केसरी निवासी, सोनभद्र आकाश निवासी संत कबीर नगर, सलमान अली निवासी गोरखपुर, संजीव कुमार निवासी कुशीनगर, वैभव उपाध्याय निवासी प्रतापगढ़ व शाहनवाज निवासी मुरादाबाद है. इनके पास से तीन टैबलेट, 11 मोबाइल, 7 लैपटॉप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड व आधार कार्ड बरामद किए गए हैं. इस मामले में सलोन से विजय सिंह यादव, जीशान खान, सोहेल और रियाज खान को 19 जुलाई को गिरफ्तार करके पुलिस ने न्यायिक की अभिरक्षा में भेज दिया था. अभी तक कुल 10 लोग जेल भेजे जा चुके हैं.
वहीं, पुलिस अधीक्षक से जब यह पूछा गया कि इस फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में बांग्लादेश कि किसी नागरिक का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बना है तो इस पर उन्होंने कहा कि अभी तक कि जांच में कोई भी ऐसा मामला निकल के नहीं आया है. ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि स्थानीय भाजपा विधायक अशोक कुमार के दावे फेल नजर आ रहे हैं. वहीं जीशान की संपत्ति को लेकर भी जांच चल रही है उसके द्वारा अर्जित की गई आय पिछले 4 सालों में बनी है या फिर उससे पहले आय व संपत्ति बनाई गई है.