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जीएसटी चोरी का मामला: पुलिस ने मामले में दोनों मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार, लंबा-चौड़ा है कारोबार

GST fraud case in noida: जीएसटी चोरी के मामले में नोएडा पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है. दरअसल, पुलिस ने इस मामले के दोनों मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने दोनों के ऊपर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया था.

GST fraud case in noida
GST fraud case in noida
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 20, 2024, 10:19 PM IST

शक्ति अवस्थी, डीसीपी

नई दिल्ली/नोएडा: लगभग 26 सौ से अधिक फर्जी कंपनी खोलकर भारत सरकार के राजस्व को अरबों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह के दोनों सरगना को थाना सेक्टर-20 और साइबर सेल की टीम ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. दोनों फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर ठगी कर रहे थे. लंबे समय से वांछित चल रहे आरोपियों पर नोएडा पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. अब तक गिरोह के 32 आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. गिरफ्त में आए दोनों आरोपी व्यापारी हैं और इनका मेटल का कारोबार है.

डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि जीएसटी फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड, अजय शर्मा और संजय जिंदल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये दोनों हरियाणा के सोनीपत निवासी हैं. आरोपी संजय जिंदल मेसर्स ए एस ब्राउनी मैटल एंड एलॉय प्राइवेट लिमिटेड और अजय शर्मा मेसर्स क्रिस्टल मैटल इंडस्ट्रीज के मालिक हैं. जांच में सामने आया कि संजय जिंदल ने करीब 17 करोड़ रुपए और अजय शर्मा ने 8.5 करोड रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जीवाड़ा किया है. पुलिस के अनुसार, संजय जिंदल ने अपनी कंपनी की आड़ में करीब 20 फर्जी फर्म बनाई.

उसके अलावा अजय शर्मा ने छह फर्म बनाकर फर्जीवाड़ा किया. दोनों ने मिलकर सरकार को करीब 26 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान पहुंचाया. ये अवैध तरीके से फर्जी जीएसटी फर्म तैयार करवाते थे और उन्हीं फर्जी जीएसटी फर्मों से फर्जी इन्वॉयस के माध्यम से अवैध लाभ कमाते थे. मामले में असली बेनिफिशियरी यही थे और स्क्रैप का भी कारोबार करते हैं. इस संबंध में थाना सेक्टर 20 में एक मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी जांच के बाद पुलिस ने कार्रवाई की. कुछ समय पहले नोएडा पुलिस द्वारा दिए गए इनपुट पर दोनों आरोपियों को जीएसटी विभाग ने भी गिरफ्तार किया था. उस समय दोनों करीब दो माह तक सलाखों के पीछे रहे थे.

यह भी पढ़ें-GST चोरी का मामला: रिमांड पर आए आरोपी की निशानदेही पर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद

आरोपियों तक ऐसे पहुंची पुलिस: बीते चार मार्च जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल कुणाल मेहता नामक आरोपी ने सरेंडर किया था, जिसके पास अहम दस्तावेज बरामद हुए थे. पुलिस ने उस पर भी 25 हजार रुपये का इनाम रखा था. रिमांड के दौरान पुलिस को कुणाल ने कई ठिकानों की जानकारी दी थी. पुलिस को कुणाल से फर्जीवाड़े में शामिल कई अन्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी मिली.

कुणाल द्वारा दी गई जानकारी के बाद पुलिस ने दोनों शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस मामले का बीते साल जून में नोएडा पुलिस ने खुलासा किया था. अब तक गौरव सिंघल, गुरमीत सिंह, राजीव ,राहुल, विनीता, अश्वनी, अतुल सेंगर, दीपक मुरजानी, यासीन, विशाल, राजीव, जतिन, नंदकिशोर, अमित कुमार, महेश, प्रीतम शर्मा, राकेश कुमार, अजय कुमार, दिलीप कुमार, मनन सिंघल, पीयूष, अतुल गुप्ता, सुमित गर्ग व कुणाल सहित 32 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

यह भी पढ़ें-जीएसटी धोखाधड़ी मामला: एक और आरोपी की संपत्ति की गई कुर्क, अन्य की तलाश जारी

शक्ति अवस्थी, डीसीपी

नई दिल्ली/नोएडा: लगभग 26 सौ से अधिक फर्जी कंपनी खोलकर भारत सरकार के राजस्व को अरबों रुपये का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह के दोनों सरगना को थाना सेक्टर-20 और साइबर सेल की टीम ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. दोनों फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर ठगी कर रहे थे. लंबे समय से वांछित चल रहे आरोपियों पर नोएडा पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. अब तक गिरोह के 32 आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. गिरफ्त में आए दोनों आरोपी व्यापारी हैं और इनका मेटल का कारोबार है.

डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि जीएसटी फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड, अजय शर्मा और संजय जिंदल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये दोनों हरियाणा के सोनीपत निवासी हैं. आरोपी संजय जिंदल मेसर्स ए एस ब्राउनी मैटल एंड एलॉय प्राइवेट लिमिटेड और अजय शर्मा मेसर्स क्रिस्टल मैटल इंडस्ट्रीज के मालिक हैं. जांच में सामने आया कि संजय जिंदल ने करीब 17 करोड़ रुपए और अजय शर्मा ने 8.5 करोड रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जीवाड़ा किया है. पुलिस के अनुसार, संजय जिंदल ने अपनी कंपनी की आड़ में करीब 20 फर्जी फर्म बनाई.

उसके अलावा अजय शर्मा ने छह फर्म बनाकर फर्जीवाड़ा किया. दोनों ने मिलकर सरकार को करीब 26 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान पहुंचाया. ये अवैध तरीके से फर्जी जीएसटी फर्म तैयार करवाते थे और उन्हीं फर्जी जीएसटी फर्मों से फर्जी इन्वॉयस के माध्यम से अवैध लाभ कमाते थे. मामले में असली बेनिफिशियरी यही थे और स्क्रैप का भी कारोबार करते हैं. इस संबंध में थाना सेक्टर 20 में एक मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी जांच के बाद पुलिस ने कार्रवाई की. कुछ समय पहले नोएडा पुलिस द्वारा दिए गए इनपुट पर दोनों आरोपियों को जीएसटी विभाग ने भी गिरफ्तार किया था. उस समय दोनों करीब दो माह तक सलाखों के पीछे रहे थे.

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आरोपियों तक ऐसे पहुंची पुलिस: बीते चार मार्च जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल कुणाल मेहता नामक आरोपी ने सरेंडर किया था, जिसके पास अहम दस्तावेज बरामद हुए थे. पुलिस ने उस पर भी 25 हजार रुपये का इनाम रखा था. रिमांड के दौरान पुलिस को कुणाल ने कई ठिकानों की जानकारी दी थी. पुलिस को कुणाल से फर्जीवाड़े में शामिल कई अन्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी मिली.

कुणाल द्वारा दी गई जानकारी के बाद पुलिस ने दोनों शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस मामले का बीते साल जून में नोएडा पुलिस ने खुलासा किया था. अब तक गौरव सिंघल, गुरमीत सिंह, राजीव ,राहुल, विनीता, अश्वनी, अतुल सेंगर, दीपक मुरजानी, यासीन, विशाल, राजीव, जतिन, नंदकिशोर, अमित कुमार, महेश, प्रीतम शर्मा, राकेश कुमार, अजय कुमार, दिलीप कुमार, मनन सिंघल, पीयूष, अतुल गुप्ता, सुमित गर्ग व कुणाल सहित 32 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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