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आपका ये डेली नाश्ता करवाएगा बीमारी से वास्ता, बन जाएंगे भयंकर रोगी - disadvantages of eating poha - DISADVANTAGES OF EATING POHA

Poha can cause diabetes हमारा खानपान हमारी सेहत को निर्धारित करता है. हम जो भी खाते हैं,उसी से हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है.लेकिन कभी-कभी हमारा स्वाद और हमारा सेहत दोनों में जमीन आसमान का अंतर होता है.यानी हमारी सेहत के लिए जो अच्छा नहीं है,हम सिर्फ उसे स्वाद के लिए खा लेते हैं,जिसका परिणाम होता है गंभीर बीमारी.आज हम आपको ऐसे ही खाने की चीज के बारे में बताएंगे.जो आपको बीमार बना सकती है. why poha not good for health

Poha Danger For Health
ETV Bharat Chhattisgarh (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 1, 2024, 6:53 AM IST

रायपुर : भारतीय जीवन शैली में पोहा सुबह में नाश्ते के रूप में सबसे ज्यादा खाया जाता है. मध्य भारत में सुबह-सुबह पोहे के बिना नाश्ता अधूरा माना जाता है. पोहा को नाश्ते में इस्तेमाल करने की कई वजह है.एक तो ये आसानी से झटपट तैयार हो जाता है.इसे तैयार करने से लेकर खाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती. दूसरा यदि इसमें थोड़ी सब्जियां और नमकीन मिला दिया जाए, तो इसका स्वाद का कोई तोड़ नहीं होता. एमपी के इंदौर में तो बिना पोहा शायद ही किसी की सुबह होती हो.लेकिन आगे जो बात हम आपको बताने जा रहे हैं,उसे पढ़ने के बाद पोहा प्रेमी थोड़े उदास जरुर होंगे.

पोहा पैदा कर सकता है बड़ी परेशानी : भले ही पोहा भारतीय व्यंजन का हिस्सा हो,लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं. आज हम आपको बताएंगे कि पोहा आपको किस तरह से बीमार कर सकता है.पोहा आपका दिन तो बना सकता है,लेकिन सेहत बनाएगा कि नहीं ये नहीं पता.क्योंकि शोध में पता चला है कि पोहा शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ाता है. पूरे भारत में 17 फीसदी लोग डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित है.इंडिया को डायबिटीज कंट्री भी कहा जाने लगा है.इसका सबसे बड़ा कारण खानपान ही है.

क्यों बनते हैं हम डायबिटीज का शिकार : दैनिक आधार पर नाश्ते और दूसरे तरह की चीजों में उपयोग में लाने वाले भोजन के कारण हमारे खून में शुगर की मात्रा बढ़ती है.डायबिटीज को मैनेज करने के लिए सबसे पहले ब्लड शुगर और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को समझना जरूरी है. भोजन के बाद कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में टूटकर खून में जाता है. उसके बाद पेनक्रियाज में इंसुलिन हार्मोन को रिलीज करता है. इसके बाद ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में बदलता है. कोशिकाओं में जब इंसुलिन की मात्रा कम होती है तब इन्सुलिन रेजिस्टेंस होने लगता है और ग्लूकोज का ठीक से उपयोग नहीं हो पाता. यहीं से ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ता है और हम डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं.

पोहा की जगह सुबह क्या खाएं : एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि पोहा खाने के बजाए यदि आप अपने नाश्ते में मूंग की दाल या चिला खाएं तो ये आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होगा. सुबह में यदि पोहे की जगह पराठा, मूंग दाल का चिला, पनीर भुर्जी खाया जाये तो ब्लड में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ेगी. कच्चा मूंग, मूंगफली और चना भी आपको ना सिर्फ ज्यादा ऊर्जा देगा बल्कि ब्लड शुगर से भी राहत दिलाएगा. मूंग और चना में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. जिससे भूख पर नियंत्रण रहता है. साथ ही ब्लड शुगर की मात्रा गिरने से ये बचाता है. इनके सेवन के थकान और कमजोरी नहीं होती.

हाई फाइबर फूड रखेगा आपको स्वस्थ्य : खाने में हाई फाइबर फूड को सबसे पहले उपयोग में लाएं. दिन की शुरुआत में फाइबर की मात्रा लेने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायता मिलती है.फाइबर फूड के साथ दिन की शुरुआत करें,अंत में कार्बोहाईड्रेट को जगह दें. खाने में मिलेट्स, दलिया, चावल की जगह सत्तू, रागी, अलसी की रोटियां खाएं. साबूत फल खाएं. नींबू का सेवन करें या फिर सत्तू पीएं. इससे हाई फाइबर के साथ कम शुगर ब्लड में जाएगा. जिससे ब्लड ग्लूकोज को स्थिर रखने में मदद मिलेगी.

सुझाव- यह खान पान को नियंत्रित करके ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की सलाह है. यदि आप ब्लड शुगर की दवा लेते हैं.या किसी अन्य बीमारी की दवाईयां चल रही हैं तो खान पान में बदलाव करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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रायपुर : भारतीय जीवन शैली में पोहा सुबह में नाश्ते के रूप में सबसे ज्यादा खाया जाता है. मध्य भारत में सुबह-सुबह पोहे के बिना नाश्ता अधूरा माना जाता है. पोहा को नाश्ते में इस्तेमाल करने की कई वजह है.एक तो ये आसानी से झटपट तैयार हो जाता है.इसे तैयार करने से लेकर खाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती. दूसरा यदि इसमें थोड़ी सब्जियां और नमकीन मिला दिया जाए, तो इसका स्वाद का कोई तोड़ नहीं होता. एमपी के इंदौर में तो बिना पोहा शायद ही किसी की सुबह होती हो.लेकिन आगे जो बात हम आपको बताने जा रहे हैं,उसे पढ़ने के बाद पोहा प्रेमी थोड़े उदास जरुर होंगे.

पोहा पैदा कर सकता है बड़ी परेशानी : भले ही पोहा भारतीय व्यंजन का हिस्सा हो,लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं. आज हम आपको बताएंगे कि पोहा आपको किस तरह से बीमार कर सकता है.पोहा आपका दिन तो बना सकता है,लेकिन सेहत बनाएगा कि नहीं ये नहीं पता.क्योंकि शोध में पता चला है कि पोहा शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ाता है. पूरे भारत में 17 फीसदी लोग डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित है.इंडिया को डायबिटीज कंट्री भी कहा जाने लगा है.इसका सबसे बड़ा कारण खानपान ही है.

क्यों बनते हैं हम डायबिटीज का शिकार : दैनिक आधार पर नाश्ते और दूसरे तरह की चीजों में उपयोग में लाने वाले भोजन के कारण हमारे खून में शुगर की मात्रा बढ़ती है.डायबिटीज को मैनेज करने के लिए सबसे पहले ब्लड शुगर और इन्सुलिन रेजिस्टेंस को समझना जरूरी है. भोजन के बाद कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में टूटकर खून में जाता है. उसके बाद पेनक्रियाज में इंसुलिन हार्मोन को रिलीज करता है. इसके बाद ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में बदलता है. कोशिकाओं में जब इंसुलिन की मात्रा कम होती है तब इन्सुलिन रेजिस्टेंस होने लगता है और ग्लूकोज का ठीक से उपयोग नहीं हो पाता. यहीं से ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ता है और हम डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं.

पोहा की जगह सुबह क्या खाएं : एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि पोहा खाने के बजाए यदि आप अपने नाश्ते में मूंग की दाल या चिला खाएं तो ये आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होगा. सुबह में यदि पोहे की जगह पराठा, मूंग दाल का चिला, पनीर भुर्जी खाया जाये तो ब्लड में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ेगी. कच्चा मूंग, मूंगफली और चना भी आपको ना सिर्फ ज्यादा ऊर्जा देगा बल्कि ब्लड शुगर से भी राहत दिलाएगा. मूंग और चना में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. जिससे भूख पर नियंत्रण रहता है. साथ ही ब्लड शुगर की मात्रा गिरने से ये बचाता है. इनके सेवन के थकान और कमजोरी नहीं होती.

हाई फाइबर फूड रखेगा आपको स्वस्थ्य : खाने में हाई फाइबर फूड को सबसे पहले उपयोग में लाएं. दिन की शुरुआत में फाइबर की मात्रा लेने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायता मिलती है.फाइबर फूड के साथ दिन की शुरुआत करें,अंत में कार्बोहाईड्रेट को जगह दें. खाने में मिलेट्स, दलिया, चावल की जगह सत्तू, रागी, अलसी की रोटियां खाएं. साबूत फल खाएं. नींबू का सेवन करें या फिर सत्तू पीएं. इससे हाई फाइबर के साथ कम शुगर ब्लड में जाएगा. जिससे ब्लड ग्लूकोज को स्थिर रखने में मदद मिलेगी.

सुझाव- यह खान पान को नियंत्रित करके ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की सलाह है. यदि आप ब्लड शुगर की दवा लेते हैं.या किसी अन्य बीमारी की दवाईयां चल रही हैं तो खान पान में बदलाव करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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