रुद्रपुर: नाबालिग बहन को हवस का शिकार बनाने वाले कलयुगी भाई को जिला एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को 20 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर तीस हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. इस दौरान विशेष लोक अभियोजक द्वारा कोर्ट के समक्ष 6 गवाह प्रस्तुत किए.
23 जनवरी 2021 को थाना नानकमत्ता पुलिस को एक व्यक्ति ने तहरीर देकर बताया कि 23 जनवरी को भतीजे ने उसकी 7 वर्षीय नाबालिग बेटी को खाने की चीज देने का लालच देकर अपने घर ले गया. जहां उसने बच्ची के साथ जबरन दुराचार किया और फिर उसे खाने की चीज देकर घर छोड़कर भाग गया. बच्ची को रोते हुए व उसके कपड़े खून से लथपथ देख माता पिता ने पूछा तो उसने सारी बातें बता दी. जिसके बाद पीड़ित पक्ष पुलिस के पास पहुंचे.परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.
जिसके बाद पुलिस ने बच्ची का मेडिकल करवाया तो उसमें दुराचार की पुष्टि हुई. पुलिस ने 31 जनवरी 2021 को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तब से मामला पॉक्सो न्यायालय में चला रहा है. इस दौरान विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने कोर्ट के समक्ष 6 गवाह पेश किए गए. न्यायाधीश अश्वनी गौड़ द्वारा दोषी को धारा 5/6 पॉक्सो अधिनियम के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास और 30 हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई गई है. साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वह पीड़िता को मुआवजे के रूप में 6 लाख रुपए दिए जाए.
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