पटनाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी महीने में बिहार आ रहे हैं. यहां वो कई मेगा प्रोजेक्ट्स के शिलान्यास और उद्घाटन के साथ ही लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज भी करेंगे. बिहार में प्रधानमंत्री जिन योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने वाले हैं उससे बिहार की तकदीर बदल सकती है. रोजगार और उद्योग धंधे को बढ़ावा मिल सकता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि जब प्रधानमंत्री बिहार आ रहे हैं तो इस बार उन्हें विशेष पैकेज की की भी घोषणा करनी चाहिए.
20000 करोड़ के मेगा प्रोजेक्ट का शिलान्यासः पीएम मोदी उत्तर बिहार में 20000 करोड़ से अधिक लागत के मेगा प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. पीएम जिन योजनाओं का शिलान्यास करेंगे उनमें बिहार के पहले दरभंगा-आमस एक्सप्रेस वे है, जिस पर 6000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो रही है. गांधी सेतु के समानांतर गंगा में चार लाइन पुल जिस पर 3000 करोड़ की राशि खर्च होने वाली है. दरभंगा एम्स पर 2000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने वाली है. इसके साथ रेल और नेशनल हाईवे की हजारों करोड़ की योजना का शिलान्यास और उद्घाटन भी होगा.
आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे सबसे बड़ा प्रोजेक्टः बिहार के पहले एक्सप्रेस वे आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे को केंद्र सरकार ने 2021 में ही हरी झंडी दे दी थी. साथ ही नेशनल हाईवे डी 119 के नाम से नोटिफाइड भी कर दिया. लेकिन जमीन अधिग्रहण में हो रहे विलंब के कारण इसके निर्माण शुरू होने में विलंब हुआ. 189 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है. लेकिन इसमें विलंब होगा 4 पैकेज में बनने वाले आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे पर लगभग 6000 करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान है.
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनाने की तैयारीः आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे को ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनाने की तैयारी हो रही है. औरंगाबाद के आमस के निकट नेशनल हाईवे 19 से एक्सप्रेस-वे शुरू होगा. यह कच्ची दरगाह होते हुए हाजीपुर के कल्याणपुर, समस्तीपुर के ताजपुर से होकर दरभंगा में बेला से होते हुए नवादा में एनएच-27 में जाकर समाप्त होगा. 7 जिलों के 239 गांव में जमीन का अधिग्रहण का काम किया जा रहा है. 222 राजस्व गांव में 1363 एकड़ जमीन इस एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहण किया जा रहा है.
हजारों लोगों को मिलेगा रोजगारः मिलेगा प्रधानमंत्री के द्वारा अगले महीने इसके विधिवत शिलान्यास करने के बाद काम में तेजी आने की उम्मीद है. एक्सप्रेस वे शुरू होने से सात जिलों औरंगाबाद, जहानाबाद, नालंदा, पटना, वैशाली, समस्तीपुर और दरभंगा की आर्थिक गतिविधियां तो बढ़ेगीं ही साथ ही पूरे बिहार में उद्योग और व्यापार को नई गति मिलेगी. एक्सप्रेस वे के किनारे कई स्थानों पर होटल, ढाबा सहित उद्योग स्थापित होगा. जिसमें हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही कृषि और अन्य उत्पादों को दूसरे स्थान पर भेजने में मदद मिलेगी. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा.
दरभंगा एम्स निर्माण में खर्च होगा 2000 करोड़ः दरभंगा एम्स का निर्माण भी पिछले कई सालों से जमीन के कारण ही विवाद में रहा है. इस पर सियासत भी खूब होती रही है. अब प्रधानमंत्री जब अगले महीने बिहार में कार्यक्रम करेंगे तो इसका भी शिलान्यास करने वाले हैं दरभंगा एम्स के निर्माण की सहमति हो चुकी है. दरभंगा एम्स के निर्माण पर भी लगभग 2000 करोड़ की राशि खर्च होगी. दरभंगा एम्स के निर्माण से जहां उत्तर बिहार में लोगों को इलाज में तो सुविधा होगी ही मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
गांधी सेतु के समानांतर पुल का शिलान्यासः गांधी सेतु के समानांतर चार लेन पुल का निर्माण भी शुरू होने वाला है. प्रधानमंत्री इसका भी शिलान्यास करेंगे. लगभग 3000 करोड़ की राशि इस प्रोजेक्ट पर भी खर्च होना है और यह भी उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ेगा. ऐसे गंगा नदी पर कई पुल का निर्माण हो रहा है, जिसमें कच्ची दरगाह बिदुपुर सिक्स लेन का पुल भी शामिल है. साथ ही सोनपुर और दीघा के नजदीक भी पुल का निर्माण होना है. ऐसे में गंगा नदी पर एक और पुल बिहार में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में मददगार होगा.
रेलवे के भी कई प्रोजेक्ट का होगा उद्घाटनः इसके साथ रेलवे और एनएच के भी कई प्रोजेक्ट हैं, जो काफी समय से लंबित हैं. जिसमें जमीन सहित कई कारणों से विलंब हो रहा है. अब प्रधानमंत्री के शिलान्यास करने से बजट की उनके लिए कोई समस्या नहीं रहेगी और काम में गति आने की संभावना भी है. वहीं नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद से जमीन की समस्या का भी समाधान जल्द से जल्द करने की कोशिश शुरू होगी. एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट के प्रोफेसर विद्यार्थी विकास का कहना है कि प्रधानमंत्री जब आ रहे हैं तो बिहार के लिए योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन के साथ विशेष पैकेज की भी घोषणा करनी चाहिए.
"नदी जोड़ योजना की बिहार की पुरानी मांग है. प्रधानमंत्री को उस पर भी कुछ घोषणा करना चाहिए. बिहार के लिए योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन के साथ विशेष पैकेज की भी घोषणा उन्हें करनी चाहिए"- विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट
"प्रधानमंत्री जिन योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने वाले हैं, उस पर लंबे समय से सियासत होती रही है. अब जदयू के एनडीए में आने के बाद भारत को विश्व गुरु बनने में बिहार भी हर संभव मदद करेगा. प्रधानमंत्री का जब भी कार्यक्रम होगा, उसमें मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे"- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष
बिहार में हो सकती है कोई बड़ी घोषणा: बिहार में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम जनवरी से ही बन रहा है. पहले यह कहा गया कि जनवरी में प्रधानमंत्री आएंगे लेकिन तय नहीं हो पाया. अब 4 फरवरी को प्रधानमंत्री का कार्यक्रम होने वाला था. तैयारी भी जोर-शोर से चल रही थी लेकिन फिलहाल 4 फरवरी की तिथि को भी टाल दिया गया है. अब फरवरी के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम हो सकता है, ऐसा कहा जा रहा है कि बिहार में सरकार के बहुमत साबित करने के बाद प्रधानमंत्री का कार्यक्रम बने, प्रधानमंत्री लोकसभा चुनाव को देखते हुए बिहार के लिए कोई बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं.
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