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पीएम को पसंद आया छत्तीसगढ़ के कोरिया का मिलेट्स कैफे, महाराष्ट्र में मोदी ने इसकी तारीफ में बजवाई तालियां - PM Modi liked Koriya Millets Cafe

कोरिया के मिलेट्स कैफे की हर ओर चर्चा हो रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस कैफे की तारीफ महाराष्ट्र के एक कार्यक्रम में की थी. आइए आपको बताते हैं ये कैफे आखिर क्यों खास है?

PM MODI LIKED KORIYA MILLETS CAFE
पीएम को भाया कोरिया मिलेट्स कैफे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 1, 2024, 8:09 AM IST

महाराष्ट्र में मोदी ने इसकी तारीफ में बजवाई तालियां (ETV Bharat)

कोरिया: जिले के बैकुंठपुर स्थित कोरिया मिलेट्स कैफे की चर्चा अब पूरे देश में हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में महाराष्ट्र के जलगांव में आयोजित एक कार्यक्रम में इस कैफे की तारीफ की थी. प्रधानमंत्री ने कैफे की संचालिका से संवाद कर तालियां भी बजवाईं, जिससे कैफे की ख्याति और भी बढ़ गई है. इससे साफ है कि पीएम मोदी को भी कोरिया मिलेट्स कैफे भा गया है.

इसलिए खास है ये कैफे:आइए आपको हम बताते है कि आखिरकार क्या खास है इस कैफे में, जिस कारण पीएम मोदी भी इस कैफे के मुरीद हो गए हैं. दरअसल, कोरिया मिलेट्स कैफे परंपरागत देसी व्यंजनों को फिर से जीवित कर रहा है. अपने पहले ही साल में 92 लाख रुपये का इस कैफे ने कारोबार किया है. इसके साथ ही इस कैफे ने 38 लोगों को रोजगार देने के साथ ही आर्थिक मजबूती का नया अध्याय लिखा है.

"हाल ही में प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान कैफे की काफी सराहना हुई. इस स्थान का महत्व इस बात से और बढ़ जाता है कि यहां पारंपरिक भोजन को उसी अंदाज में पेश किया जा रहा है, जिसे लोग पसंद करते हैं." -चंदन त्रिपाठी, कलेक्टर

कैफे की शुरुआत और उद्देश्य: कोरिया जिला प्रशासन ने पौष्टिक आहार को लोगों की थाली तक पहुंचाने के उद्देश्य से 10 मई 2023 को इस कैफे की शुरुआत की थी. मिलेट्स से बने व्यंजन जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कुटकी, कोदो और जौ से बने डोसा, चीला, इडली, खीर और गुलाब जामुन जैसे लजीज पकवानों के लिए यह कैफे अब एकमात्र स्थान बन गया है. कोरिया मिलेट्स कैफे को शुरुआत से ही लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. यहां आने वाले ग्राहकों के लिए स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ बैठने की अच्छी व्यवस्था भी की गई है.

"मैंने यहां कोदो की खीर खाई, जो बहुत ही स्वादिष्ट थी. ये स्वाद पूरे कोरिया में मिलना मुश्किल है." -ग्राहक

स्व-सहायता समूह की मेहनत और सफलता: कोरिया मिलेट्स कैफे के सफल संचालन में स्व सहायता समूह की दीदियों का विशेष योगदान रहा है. इस कैफे ने न केवल ग्राहकों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्रदान किया है. बल्कि मिलेट्स के उत्पादकों को भी एक नया बाजार उपलब्ध कराया है. इस योजना से कोरिया मिलेट्स कैफे का उत्पादन करने वाले किसानों को अपने उत्पाद बेचने का नया मंच मिला है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सके हैं.

"शुरू में हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. लेकिन धीरे-धीरे हमने काम सीख लिया साल 2023 में मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार की पहल के बाद हमने नए व्यंजन बनाने की ट्रेनिंग ली, जिससे आज हम सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. लोगों को हमारे कैफे का खाना बेहद भा रहा है." -हीना, मैनेजर, कोरिया मिलेट्स कैफे

भविष्य की योजनाएं: जिला कलेक्टर संजय त्रिपाठी ने इस सफलता के लिए जिला प्रशासन और स्व सहायता समूह की दीदियों को बधाई दी है. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में शासन से मिलने वाली योजनाओं का लाभ दिया जाएगा और जिले में स्व सहायता समूह को बढ़ावा दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस कैफे की सफलता को सराहा है. उनके अनुसार यह कैफे न केवल कोरिया जिले में बल्कि पूरे देश में पारंपरिक भोजन और स्वस्थ आहार को प्रोत्साहित करने का उत्कृष्ट उदाहरण है.

बता दें कि इस कैफे में हर दिन ग्राहकों की भीड़ देखने को मिलती है. यहां आने वाले लोग इस कैफे के खाने की तारीफ करते नहीं थकते. वहीं, यहां की कार्यकर्ता भी अच्छी कमाई और तारीफ से काफी खुश हैं. यहां सभी स्व-सहायता समूह की महिलाएं काम कर रही हैं. इन्होंने एक ट्रेनिंग के बाद इसे शुरू किया. आज हर कोई इस कैफे की तारीफ कर रहा है. यहां तक की पीएम मोदी ने भी इस कैफे की तारीफ की है.

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इसलिए खास है ये कैफे:आइए आपको हम बताते है कि आखिरकार क्या खास है इस कैफे में, जिस कारण पीएम मोदी भी इस कैफे के मुरीद हो गए हैं. दरअसल, कोरिया मिलेट्स कैफे परंपरागत देसी व्यंजनों को फिर से जीवित कर रहा है. अपने पहले ही साल में 92 लाख रुपये का इस कैफे ने कारोबार किया है. इसके साथ ही इस कैफे ने 38 लोगों को रोजगार देने के साथ ही आर्थिक मजबूती का नया अध्याय लिखा है.

"हाल ही में प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान कैफे की काफी सराहना हुई. इस स्थान का महत्व इस बात से और बढ़ जाता है कि यहां पारंपरिक भोजन को उसी अंदाज में पेश किया जा रहा है, जिसे लोग पसंद करते हैं." -चंदन त्रिपाठी, कलेक्टर

कैफे की शुरुआत और उद्देश्य: कोरिया जिला प्रशासन ने पौष्टिक आहार को लोगों की थाली तक पहुंचाने के उद्देश्य से 10 मई 2023 को इस कैफे की शुरुआत की थी. मिलेट्स से बने व्यंजन जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कुटकी, कोदो और जौ से बने डोसा, चीला, इडली, खीर और गुलाब जामुन जैसे लजीज पकवानों के लिए यह कैफे अब एकमात्र स्थान बन गया है. कोरिया मिलेट्स कैफे को शुरुआत से ही लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. यहां आने वाले ग्राहकों के लिए स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ बैठने की अच्छी व्यवस्था भी की गई है.

"मैंने यहां कोदो की खीर खाई, जो बहुत ही स्वादिष्ट थी. ये स्वाद पूरे कोरिया में मिलना मुश्किल है." -ग्राहक

स्व-सहायता समूह की मेहनत और सफलता: कोरिया मिलेट्स कैफे के सफल संचालन में स्व सहायता समूह की दीदियों का विशेष योगदान रहा है. इस कैफे ने न केवल ग्राहकों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्रदान किया है. बल्कि मिलेट्स के उत्पादकों को भी एक नया बाजार उपलब्ध कराया है. इस योजना से कोरिया मिलेट्स कैफे का उत्पादन करने वाले किसानों को अपने उत्पाद बेचने का नया मंच मिला है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सके हैं.

"शुरू में हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. लेकिन धीरे-धीरे हमने काम सीख लिया साल 2023 में मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार की पहल के बाद हमने नए व्यंजन बनाने की ट्रेनिंग ली, जिससे आज हम सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. लोगों को हमारे कैफे का खाना बेहद भा रहा है." -हीना, मैनेजर, कोरिया मिलेट्स कैफे

भविष्य की योजनाएं: जिला कलेक्टर संजय त्रिपाठी ने इस सफलता के लिए जिला प्रशासन और स्व सहायता समूह की दीदियों को बधाई दी है. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले समय में शासन से मिलने वाली योजनाओं का लाभ दिया जाएगा और जिले में स्व सहायता समूह को बढ़ावा दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस कैफे की सफलता को सराहा है. उनके अनुसार यह कैफे न केवल कोरिया जिले में बल्कि पूरे देश में पारंपरिक भोजन और स्वस्थ आहार को प्रोत्साहित करने का उत्कृष्ट उदाहरण है.

बता दें कि इस कैफे में हर दिन ग्राहकों की भीड़ देखने को मिलती है. यहां आने वाले लोग इस कैफे के खाने की तारीफ करते नहीं थकते. वहीं, यहां की कार्यकर्ता भी अच्छी कमाई और तारीफ से काफी खुश हैं. यहां सभी स्व-सहायता समूह की महिलाएं काम कर रही हैं. इन्होंने एक ट्रेनिंग के बाद इसे शुरू किया. आज हर कोई इस कैफे की तारीफ कर रहा है. यहां तक की पीएम मोदी ने भी इस कैफे की तारीफ की है.

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