सीतापुर: मन की बात के 110 वें संसकरण में सीतापुर के ब्लॉक बिसवां के गोंडा मछरेहटा की ड्रोन दीदी सुनीता वर्मा (33) से पीएम मोदी ने फोन पर चर्चा की. उन्होंने ड्रोन दीदी बनने के सफर के बाबत उनसे फोन पर विस्तृत बातचीत की. प्रधानमंत्री ने देश की अन्य हजारों महिलाओं को ड्रोन दीदी बनकर नारी शक्ति को बढ़ावा देने का संदेश दिया.
ड्रोन दीदी ने किराए पर जमीन लेकर की खेती
सुनीता वर्मा के दो बच्चे हैं, जो कक्षा 6 एवं कक्षा 4 में पढ़ते हैं. पति संतोष वर्मा बेरोजगार हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने एवं भूमिहीन होने के कारण परिवार के भरण पोषण के लिए ढाई बीघा जमीन किराए पर लेकर दोनों खेती करते हैं. सुनीता स्वयं सहायता समूह भी चलाती हैं. वर्ष 2018 में कृषि विज्ञान केंद्र कटिया सीतापुर में ग्रामीण महिला तकनीकी पार्क अंतर्गत 15 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया था. प्रेरित होकर कृषि के विभिन्न आयामों में सुनीता ने समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित कराया.
महिलाओं संग इन उत्पादों को तैयार किया
सुनीता वर्मा ने विभिन्न प्रकार के उत्पाद जैसे हर्बल गुलाल, गोबर के बने दीए, धूपबत्ती, गमले, कृषि अवशेषों से चारकोल ब्रैकेट निर्माण, मोमबत्ती व अगरबत्ती जैसे उत्पाद तैयार कर विभिन्न माध्यमों से बिक्री कर समूह की महिलाओं को प्रेरित किया.
अब ड्रोन से करती हैं फसलों पर छिड़काव
वर्ष 2023 में कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम एवं इफको सीतापुर के सहयोग से ड्रोन पायलट में सुनीता का चयन हुआ. इसके उपरांत इफको कार्डेट यूनिट फूलपुर में प्रशिक्षण प्राप्त किया. अब सुनीता किसानों के खेतों में ड्रोन स्प्रे का कार्य कर रही हैं. अब तक सीतापुर के किसानों के 35 एकड़ खेतों में ड्रोन से सफलतापूर्वक स्प्रे कर चुकी हैं. कृषि विज्ञान केंद्र कटिया सीतापुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. दयाशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि सुनीता वर्मा की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण बच्चों की फीस भी कभी-कभी नहीं भर पाती थीं. जिसे सुनकर मन में पीड़ा होती थी. वर्ष 2023 में जब सूचना मिली कि भारत सरकार द्वारा ड्रोन दीदी योजना शुरू की गई है और इफको द्वारा महिलाओं का चयन किया जाना है. फिर क्षेत्रीय प्रबंधक शिव शुक्ला से बातकर सुनीता के नाम का प्रस्ताव भेजा गया. कई चरणों में इफको के अधिकारियों द्वारा साक्षात्कार उपरांत ड्रोन दीदी का फाइनल चयन किया गया. आज प्रधानमंत्री ने जब सुनीता से बात की तो बहुत खुशी हुई.
ड्रोन तकनीक से समय और पैसे की बचत
पीएम मोदी के प्रयासों से अब कृषि में ड्रोन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है. यह नए भारत का परिचारक है. ड्रोन तकनीक से समय, जल, पूंजी की बचत होती है. मुख्य बात यह कि फसल स्थिति के आधार पर पोषक तत्व एवं दवा की सटीक मात्रा सम्यक रूप से पौधों को मिलती है. कीटनाशक एवं फफूदनाशक छिड़काव करते समय जो सरकार के दिशा-निर्देश हैं, उनके अनुपालन में किसी भी प्रकार से चूक हो जाने पर किसानों के साथ अक्सर दुर्घटनाएं होती थीं. इससे व्यापारियों की मनमानी करने पर भी लगाम लगेगी.