लखनऊः लखनऊ विकास प्राधिकरण की मोहान रोड योजना (एजु सिटी) की लांचिंग का रास्ता साफ हो गया है. LDA (Lucknow Development Authority) की ओर से अफसरों ने ग्राम-प्यारेपुर में कैम्प लगाकर किसानों से सहमति के आधार पर जमीन का अनुबंध कराना शुरू कर दिया है. बीते तीन दिनों में 15 किसानों ने अनुबंध पत्र पर साइन करके प्राधिकरण को जमीन का कब्जा सौंप दिया है. इससे 12 हेक्टेयर से अधिक जमीन जुटा ली गई है. इसी के साथ ही यहां 3000 भूखंडों की दीवाली तक की लांचिंग का रास्ता साफ हो गया है. यहां चंडीगढ़ की तर्ज पर प्लॉटिंग डेवलप की जाएगी ताकि लोगों को बेहतरीन सुविधाएं मिल सके. इसी के साथ ही संभावना जताई जा रही है कि यहां सबसे सस्ता प्लॉट 25 लाख रुपए तक उपलब्ध कराया जा सकता है. हालांकि प्लॉट की कीमतों को लेकर एलडीए ने आधिकारिक रूप से कुछ स्पष्ट नहीं किया है.
LDA ने जमीन जुटानी शुरू की
एलडीए के मुताबिक मोहान रोड योजना के लिए काकोरी के ग्राम-प्यारेपुर व कलियाखेड़ा की कुल 785 एकड़ भूमि पूर्व में अर्जित की गई थी. इसमें प्यारेपुर के किसानों को कलियाखेड़ा की तुलना में कम मुआवजा मिला था, जिसे लेकर किसानों द्वारा आपत्ति जताई जा रही थी. हाल ही में हुयी प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में ग्राम-प्यारेपुर के भू-स्वामियों के लिए प्रतिकर की दर बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया गया है. जिसके आधार पर अब ग्राम-प्यारेपुर के किसानों को बढ़ी हुई दर के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्राधिकरण के अधिकारियों व अभियंताओं द्वारा ग्राम-प्यारेपुर में कैम्प लगाकर किसानों से वार्ता करके सहमति बनाई जा रही है. अब तक 15 किसानों ने अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर करके प्राधिकरण को अपनी जमीन का कब्जा दे दिया है. इसके अलावा कई अन्य किसान भी अनुबंध करने के लिए तैयार हो गये हैं. शीघ्र ही अर्जित भूमि पर भौतिक कब्जा लेते हुए योजना में सड़क, सीवर, जलापूर्ति, विद्युतिकरण व ड्रेनेज आदि का विकास कार्य शुरू करा दिया जाएगा. बताया गया कि इसके लिए प्रथम चरण में 225 करोड़ का टेंडर जारी किया गया है. जल्द ही यहां विकास कार्य शुरू होंगे.
चंडीगढ़ जैसी ये सुविधाएं होंगी
एलडीए उपाध्यक्ष के मुताबिक मोहान रोड योजना को चंडीगढ़ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. इसमें 111.12 एकड़ क्षेत्रफल में एकल भूखण्ड, 159.52 एकड़ में ग्रुप हाउसिंग, 39.22 एकड़ में व्यवसायिक, 48.13 एकड़ में सामुदायिक केन्द्र, 183.24 एकड़ में सड़कें व 9.28 एकड़ में ट्रांजिट स्पेस एरिया विकसित किया जाएगा. एजुकेशन सिटी के रूप में विकसित की जाने वाली इस योजना में 73.95 एकड़ जमीन शिक्षण संस्थान के लिए आरक्षित की जाएगी, जबकि 159.85 एकड़ जमीन ग्रीन बेल्ट की होगी. ग्रिड पैटर्न पर विकसित की जाने वाली इस योजना को आठ सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा. यह सभी कार्य चंडीगढ़ की तर्ज पर किए जाएंगे.
सस्ते प्लॉट से लेकर महंगे प्लॉट भी मिलेंगे
प्रत्येक सेक्टर में साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सेक्टोरल शाॅपिंग सेंटर एवं वेंडर के लिए प्राविधान होगा. योजना के मध्य में 42 एकड़ का सेंट्रल पार्क बनाया जाएगा. साथ ही लगभग 45,000 वर्गमीटर एरिया में जलाशय विकसित किया जाएगा. मोहान रोड योजना के सभी बड़े चौराहों पर रोटरी विकसित की जाएगी, जिसमें बायीं ओर मुड़ने वाले ट्रैफिक को फ्री-पास दिया जाएगा. योजना में 112.50 वर्गमीटर से 450 वर्गमीटर तक के कुल 2485 भूखण्ड सृजित किये जाएंगे.
LDA-आवास विकास अब बड़ी संख्या में बेचेंगे प्लॉट
लखनऊ विकास प्राधिकरण अब फ्लैट के बजाय प्लॉट बेजने पर ज्यादा जोर दे रहा है. एलडीए की तर्ज पर ही आवास विकास परिषद ने भी फ्लैट के बजाय प्लॉट बेचने का फैसला किया है. शायद यही वजह कि इस वर्ष दीवाली तक एलडीए करीब 9000 प्लॉट ला सकता है. इसी कड़ी में मोहान रोड योजना के लिए जमीन की अधिग्रहण शुरू हो चुका है. वहीं, आवास विकास परिषद की ओर से भी इस वर्ष करीब गोसाईगंज में 4000 प्लॉट लांच करने की तैयारी की जा रही है. दोनों ही विभागों की ओर से यह फैसला फ्लैट को लेकर खरीदारों में घटती रुचि को लेकर लिया गया है.
लखनऊ में सस्ते प्लॉटों के ई ऑक्शन रजिस्ट्रेशन शुरू
लखनऊ में एलडीए 100 से ज्यादा सस्ते प्लॉटों का ई ऑक्शन भी कराने जा रहा है. इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं. ये रजिस्ट्रेशन 16 सितंबर तक एलडीए की वेबसाइट पर होंगे. इसके बाद 21 सितंबर को इन प्लॉटों की ऑनलाइन नीलामी कराई जाएगी. बताया गया कि कि हरदोई रोड स्थित बसन्तकुंज योजना के सेक्टर-एच में 60-60 वर्ग मीटर के 103 भूखंड उपलब्ध कराए गए हैं. इनका बेस प्राइज करीब 20 लाख रुपए के आसपास होगा.
अभी भी 3000 से ज्यादा फ्लैटों को खरीदारों का इंतजार
आपको बता दें कि एलडीए के करीब 18 सौ फ्लैट आज तक बिक नहीं पाए है. वैसे तो ये फ्लैट 2012 में बनकर पूरी तरह से तैयार हो गए थे लेकिन इनके लिए एलडीए खरीदार नहीं तलाश सका. कुछ ऐसा ही हाल आवास विकास परिषद का भी है. परिषद के करीब 1500 फ्लैट खाली पड़े हुए हैं. इनके लिए खरीदार नहीं मिल सके. ज्यादातर खरीदरों की प्लॉट में रुचि देखकर लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद ने अब प्लॉटिंग पर ज्यादा जोर देने का फैसला किया है. इस वजह से प्लॉट के लिए जमीन का अधिग्रहण तेज कर दिया गया है.
ये भी पढ़ेंः सालभर में अरबपति हो गए रामलला; बंपर डोनेशन मिला, विदेशी भक्तों से भी आया भरपूर धन