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गिग वर्कर्स की पीड़ा आई सामने, कहा- रेटिंग नहीं, चाहिए हक - Gig Workers Demand

Gig Workers Demand, सूचना व रोजगार अधिकार अभियान की ओर से सोमवार को प्रेस वार्ता कर राजस्थान में गिग वर्कर्स के अधिकारों की चिंताजनक स्थिति पर चर्चा की गई. राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम, 2023 को एक साल पूरा होने पर भी सरकार ने नियम बनाकर कानून लागू नहीं किया. इस पर भी चिंता जाहिर की गई.

Gig Workers Demand
गिग वर्कर्स की पीड़ा आई सामने (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 23, 2024, 8:45 PM IST

जयपुर : सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान की ओर से आज प्रेस वार्ता कर राजस्थान में गिग वर्कर्स के अधिकारों की चिंताजनक स्थिति पर चर्चा की गई. राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम, 2023 को एक साल पूरा होने पर भी सरकार ने नियम बनाकर कानून लागू नहीं किया. इस पर भी चिंता जाहिर की गई. मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक निखिल डे ने कहा कि राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम, 2023 को पारित हुए एक वर्ष हो गया है. सरकार ने इसे लागू करने के लिए नियम नहीं बनाए हैं. उन्होंने 'रेटिंग नहीं, हक चाहिए' का नारा लगाते हुए कहा की जब तक सरकार कानून लागू कर सामाजिक सुरक्षा नहीं देगी. तब तक गिग श्रमिकों को गरिमापूर्ण जिंदगी जीने का हक नहीं मिलेगा.

रोहित रमानी की मौत से हालात उजागर : उन्होंने कहा कि गिग वर्कर रोहित रमानी की मौत ने राजस्थान में गिग वर्कर्स की स्थिति को उजागर किया है. वह अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था. अब उसके बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा है. इस घटना से पूरे राजस्थान में गिग वर्कर्स समुदाय में शोक है.

इसे भी पढ़ें - गिग वर्कर्स के लिए बिल लाने वाला पहला राज्य होगा राजस्थान : सीताराम लांबा

असगर को भी नहीं मिला मुआवजा : गिग वर्कर असगर खान ने बताया कि उनका एक्सीडेंट मार्च, 2024 में डिलीवरी करते समय हुआ. उसके घुटने में दो जगह फ्रैक्चर हुआ. डॉक्टर ने 3 महीने आराम की सलाह दी है. कंपनी ने बीमा के पैसे से दवाई, इलाज और बेड रेस्ट के समय में घर चलाने के लिए भुगतान की बात कही. लेकिन कई चक्कर लगाने के बावजूद कोई मुआवजा नहीं मिला.

कागजों में ही है कंपनी सारी पॉलिसी : उन्होंने कहा, कंपनी की सारी पॉलिसी कागजों में ही है. गिग वर्कर को कोई मुआवजा नहीं मिल रहा है. कंपनियां अनुशासनात्मक कार्रवाई के नाम पर वर्कर्स की आईडी को ब्लॉक कर देती है. वर्कर्स के पास अपना पक्ष रखने के लिए कोई मंच नहीं है. पुष्पेंद्र ने कहा कि गिग वर्कर्स के श्रम की गरिमा का कोई सम्मान नहीं है और मौखिक उत्पीड़न बहुत आम है.

आदेश नहीं होने से अटकी पांच हजार की मदद : धौलपुर और भीलवाड़ा के गिग वर्कर्स ने राजस्थान संपर्क पोर्टल पर पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के तहत पांच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि का लाभ पाने के लिए शिकायतें दर्ज की थी. हालांकि, उनकी शिकायतों को श्रम विभाग ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम, 2023 के तहत कोई सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया है.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान पर्यटन विकास निगम में लागू होगी ओल्ड पेंशन स्कीम, बोर्ड बैठक में हुआ अनुमोदन

योजनाओं से उठने लगा है भरोसा : गिग वर्कर पारस बंजारा ने बताया कि 2024-25 के वित्तीय वर्ष में सरकार ने 250 करोड़ रुपए की घोषणा की थी. लेकिन कोई योजना या कार्यक्रम लागू नहीं हुआ. इस कारण गिग वर्कर्स का सरकार की घोषणाओं से विश्वास उठने लगा है. सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान, मजदूर किसान शक्ति संगठन और सोशल अकाउंटेबिलिटी फोरम फॉर एक्शन एंड रिसर्च ने सरकार से राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम, 2023 के तहत तुरंत नियम बनाकर कानून लागू करने की अपील की है. उन्होंने सरकार के सामने सात मांगें भी रखी हैं.

गिग वर्कर्स की प्रमुख मांगें

  • राजस्थान प्लेटफार्म आधारित गिग कर्मकार (पंजीकरण एवं कल्याण ) अधिनियम, 2023 के नियम तुरंत बनाकर कानून लागू किए जाएं.
  • बजट में घोषित 250 करोड़ रुपए की निधि का गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा के लिए इस्तेमाल का प्रावधान किया जाए और गिग वर्कर को लाभ सुनिश्चित किया जाए.
  • पंजीकृत गिग वर्कर को 5,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाए.
  • गिग वर्कर्स के पंजीयन के लिए बने पोर्टल को सुचारू रूप से चालू किया जाए.
  • गिग वर्कर्स की विभिन्न प्रकार की शिकायतों के समाधान की व्यवस्था के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र बनाया जाए. राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था की जाए.
  • गिग वर्कर कानून के लागू नहीं होने तक एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए.
  • डिलीवरी करते समय एक दुर्घटना में जान गंवाने वाले 26 वर्षीय रोहित रमानी के परिवार को पर्याप्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाए.

जयपुर : सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान की ओर से आज प्रेस वार्ता कर राजस्थान में गिग वर्कर्स के अधिकारों की चिंताजनक स्थिति पर चर्चा की गई. राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम, 2023 को एक साल पूरा होने पर भी सरकार ने नियम बनाकर कानून लागू नहीं किया. इस पर भी चिंता जाहिर की गई. मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक निखिल डे ने कहा कि राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम, 2023 को पारित हुए एक वर्ष हो गया है. सरकार ने इसे लागू करने के लिए नियम नहीं बनाए हैं. उन्होंने 'रेटिंग नहीं, हक चाहिए' का नारा लगाते हुए कहा की जब तक सरकार कानून लागू कर सामाजिक सुरक्षा नहीं देगी. तब तक गिग श्रमिकों को गरिमापूर्ण जिंदगी जीने का हक नहीं मिलेगा.

रोहित रमानी की मौत से हालात उजागर : उन्होंने कहा कि गिग वर्कर रोहित रमानी की मौत ने राजस्थान में गिग वर्कर्स की स्थिति को उजागर किया है. वह अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था. अब उसके बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा है. इस घटना से पूरे राजस्थान में गिग वर्कर्स समुदाय में शोक है.

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असगर को भी नहीं मिला मुआवजा : गिग वर्कर असगर खान ने बताया कि उनका एक्सीडेंट मार्च, 2024 में डिलीवरी करते समय हुआ. उसके घुटने में दो जगह फ्रैक्चर हुआ. डॉक्टर ने 3 महीने आराम की सलाह दी है. कंपनी ने बीमा के पैसे से दवाई, इलाज और बेड रेस्ट के समय में घर चलाने के लिए भुगतान की बात कही. लेकिन कई चक्कर लगाने के बावजूद कोई मुआवजा नहीं मिला.

कागजों में ही है कंपनी सारी पॉलिसी : उन्होंने कहा, कंपनी की सारी पॉलिसी कागजों में ही है. गिग वर्कर को कोई मुआवजा नहीं मिल रहा है. कंपनियां अनुशासनात्मक कार्रवाई के नाम पर वर्कर्स की आईडी को ब्लॉक कर देती है. वर्कर्स के पास अपना पक्ष रखने के लिए कोई मंच नहीं है. पुष्पेंद्र ने कहा कि गिग वर्कर्स के श्रम की गरिमा का कोई सम्मान नहीं है और मौखिक उत्पीड़न बहुत आम है.

आदेश नहीं होने से अटकी पांच हजार की मदद : धौलपुर और भीलवाड़ा के गिग वर्कर्स ने राजस्थान संपर्क पोर्टल पर पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के तहत पांच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि का लाभ पाने के लिए शिकायतें दर्ज की थी. हालांकि, उनकी शिकायतों को श्रम विभाग ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम, 2023 के तहत कोई सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया है.

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योजनाओं से उठने लगा है भरोसा : गिग वर्कर पारस बंजारा ने बताया कि 2024-25 के वित्तीय वर्ष में सरकार ने 250 करोड़ रुपए की घोषणा की थी. लेकिन कोई योजना या कार्यक्रम लागू नहीं हुआ. इस कारण गिग वर्कर्स का सरकार की घोषणाओं से विश्वास उठने लगा है. सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान, मजदूर किसान शक्ति संगठन और सोशल अकाउंटेबिलिटी फोरम फॉर एक्शन एंड रिसर्च ने सरकार से राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम, 2023 के तहत तुरंत नियम बनाकर कानून लागू करने की अपील की है. उन्होंने सरकार के सामने सात मांगें भी रखी हैं.

गिग वर्कर्स की प्रमुख मांगें

  • राजस्थान प्लेटफार्म आधारित गिग कर्मकार (पंजीकरण एवं कल्याण ) अधिनियम, 2023 के नियम तुरंत बनाकर कानून लागू किए जाएं.
  • बजट में घोषित 250 करोड़ रुपए की निधि का गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा के लिए इस्तेमाल का प्रावधान किया जाए और गिग वर्कर को लाभ सुनिश्चित किया जाए.
  • पंजीकृत गिग वर्कर को 5,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाए.
  • गिग वर्कर्स के पंजीयन के लिए बने पोर्टल को सुचारू रूप से चालू किया जाए.
  • गिग वर्कर्स की विभिन्न प्रकार की शिकायतों के समाधान की व्यवस्था के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र बनाया जाए. राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था की जाए.
  • गिग वर्कर कानून के लागू नहीं होने तक एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए.
  • डिलीवरी करते समय एक दुर्घटना में जान गंवाने वाले 26 वर्षीय रोहित रमानी के परिवार को पर्याप्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाए.
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