रांची: झारखंड के चाईबासा जिले में ग्रामीणों के तेवर देख नक्सली संगठन पीएलएफआई बैकफुट पर आ गया है. चाईबासा के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. पिछले एक सप्ताह के दौरान पीएलएफआई के तीन उग्रवादियों को मौत की सजा सुनाई गई है.
पीएलएफआई ने पत्र जारी कर दी सफाई
झारखंड के चाईबासा में जब ग्रामीणों ने पीएलएफआई के तीन उग्रवादियों को मार गिराया तो पूरा संगठन सकते में आ गया. जिन लोगों को संगठन कल तक अपना कार्यकर्ता बताता था, अब उनकी मौत के बाद संगठन उन लोगों को चोर गिरोह का सदस्य बता रहा है. दिनेश गोप के जेल जाने के बाद पीएलएफआई के प्रभारी मार्टिन जी ने पत्र जारी कर चाईबासा में आतंक मचाने वाले लोगों के बारे में लिखा कि वे किसी दूसरे गिरोह के लोग हैं. पुलिस को ग्रामीणों के साथ मिलकर इसकी भी जांच करनी चाहिए.
बताया चोर गिरोह
मार्टिन जी ने अपने पत्र में लिखा है कि वे गुदरी के आम लोगों को यह संदेश देना चाहते हैं कि उस इलाके में मेटा टाइगर नाम का कोई व्यक्ति संगठन में भर्ती नहीं हुआ है. उनका संगठन इस बात से इनकार करता है. जरूर कोई चोर गिरोह का व्यक्ति होगा जो संगठन को बदनाम करने के लिए इन घटनाओं को अंजाम दे रहा है. मार्टिन जी के मुताबिक यह आपका अपना संगठन है, आप लोग भी जानते हैं कि संगठन हमेशा आम लोगों के लिए खड़ा रहा है, यह बात किसी से छिपी नहीं है, जिसने भी ऐसा गलत काम किया है, संगठन उसकी पहचान करा रहा है और आम लोगों से अनुरोध है कि आप भी उसे पहचानें और पुलिस भी उसके खिलाफ कार्रवाई करे.
दो ग्रामीणों की हुई थी हत्या
दो सप्ताह पहले चाईबासा में पीएलएफआई नक्सलियों ने दो मासूम ग्रामीणों की बेरहमी से हत्या कर दी थी, जिसके बाद ग्रामीणों ने हथियार उठा लिए थे. अब ग्रामीणों के डर से संगठन में भी खौफ है.
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