कानपुर: सरायमीता क्षेत्र में जर्मनी के विशेषज्ञों की मदद से पांच टन का मैटीरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट (एमआरएफ) जल्द लगाया जाएगा. इस प्लांट के लगने के बाद सरायमीता समेत आसपास के कई क्षेत्रों का जो सूखा कचरा निकलता है, उसे एकत्रित किया जा सकेगा. फिर, उस कूड़े से खाद बनाई जाएगी. इसके लिए नगर निगम के अफसरों ने जर्मनी की संस्था जर्मनी इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन (जीआईजेड) से करार किया है. पिछले चार सालों से संस्था के विशेषज्ञ शहर में नाला सफाई, कचरा प्रबंधन समेत कई अन्य कार्यों में नगर निगम अफसरों की मदद कर रहे हैं. शुक्रवार को संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारी क्रिश्चियन कपफेंस्टीनर ने नगर आयुक्त शिव शरणप्पा से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द नगर निगम उक्त प्लांट को शुरू कराए और उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम तय करें.
नगर आयुक्त शिव शरणप्पा से मुलाकात करते क्रिस्चियन कपफेन्स्टीनर. कृष्णा नगर में प्लांट का संचालन शुरू: जीआईजेड के एक आला अफसर ने बताया कि कानपुर में जीआईजेड की ओर से कृष्णा नगर में एमआरएफ प्लांट संचालित है. इस प्लांट में प्लास्टिक कचरा के निस्तारण को लेकर काम होता है. प्लास्टिक फिशर कंपनी की ओर से इस प्लांट का संचालन किया जाता है. वहीं, समय-समय पर जीआईजेड के अफसर इसकी मॉनीटरिंग करते हैं.
एचबीटीयू को अब जीरो वेस्ट कैम्पस बनाने की तैयारी: नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन व क्रिश्चियन कपफेंस्टीनर की मुलाकात के दौरान यह भी तय हुआ कि आने वाले दिनों में शहर के हरकोर्ट बटलर तकनीकी विवि (एचबीटीयू) को जीरो वेस्ट कैम्पस बनाने की तैयारी है. इसमें कैम्पस के अंदर जितना भी सूखा कचरा निकलता है, उसका निस्तारण कैम्पस के अंदर ही किया जा सकेगा. अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो कई अन्य विवि में भी जीरो वेस्ट कैम्पस की दिशा में काम कराया जाएगा.
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