लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक और बड़ा नाम चुनाव लड़ सकता है. अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी और भारी उद्योग मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय यूपी से केंद्रीय मंत्री हैं. इसके बाद में अब पीयूष गोयल भी उत्तर प्रदेश में भी चुनाव लड़ सकते हैं. उनके लिए गाजियाबाद या मेरठ की सीट को सुरक्षित किया जा सकता है. पीयूष गोयल के मेरठ से लड़ने की दशा में गाजियाबाद की सीट पर कौन लड़ेगा यह भी बड़ा सवाल होगा.
जबकि अगर गोयल गाजियाबाद से लड़े तो मेरठ से राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेई उम्मीदवार हो सकते हैं. फिलहाल बाजपेई राज्यसभा सांसद हैं. बीजेपी कई राज्यसभा सांसदों को उम्मीदवार बनाएगी. पीयूष गोयल भारत में वैश्य समाज के बड़े नेता हैं. केंद्रीय मंत्री हैं. फिलहाल उनको इस बार यूपी से चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है. बीजेपी ने अब तक गाजियाबाद और मेरठ से कोई उम्मीदवार अपनी सूची में घोषित नहीं किया है. जिससे कयास बाजी का दौर तेज हो गया है.
भारतीय जनता पार्टी अपने राज्यसभा सांसदों को भी इस बार चुनाव लड़ा रही है. ऐसे में पीयूष गोयल के लिए उत्तर प्रदेश की कोई सुरक्षित सीट तलाशी जा रही है. इसमें मेरठ और गाजियाबाद नंबर एक पर हैं. मेरठ सीट पर अभी वैश्य उम्मीदवार लगातार भारतीय जनता पार्टी की ओर से जीत दर्ज कर रहा है. ऐसे में पीयूष गोयल के लिए यहां सीट अधिक मुफीद महसूस की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पीयूष गोयल के लिए इन दोनों सीटों में से एक विकल्प की तलाश की जा रही है.
अगर पीयूष गोयल का टिकट गाजियाबाद से हो जाता है, तो फिर लक्ष्मीकांत बाजपेई का टिकट मेरठ से हो सकता है. लक्ष्मीकांत बाजपेई हाल ही में राज्यसभा सांसद बने थे. मगर भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में उनसे लोकसभा चुनाव लड़ने के संबंध में अपनी पसंद की सीट का प्रस्ताव करने के लिए कहा था.जिसमें उन्होंने मेरठ का प्रस्ताव दिया है. ऐसे में अगर पीयूष गोयल गाजियाबाद से लड़ते हैं, तो लक्ष्मीकांत बाजपेई निश्चित तौर पर मेरठ से चुनाव लड़ सकते हैं.