पिथौरागढ़: अपर सत्र न्यायाधीश गीता चौहान की अदालत ने विवाहिता की मौत के मामले में पति को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है. वहीं जुर्माने की धनराशि अदा नहीं करने पर दोषी को दो माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा.
पूरा मामला 15 मार्च 2022 का है. गणाई गंगोली के ऐरीगढ़ गांव निवासी जोगा राम की पत्नी करिश्मा देवी का काग्वाड़ी पुल के नीचे तालाब में संदिग्ध हालात में शव मिला. मायके पक्ष ने ससुरालियों पर हत्या का आरोप लगाया था. जबकि दोनों का विवाह चार साल पहले हुआ था. मृतका की मां रजुली देवी की तहरीर पर राजस्व पुलिस गणाई गंगोली में पति जोगा राम के खिलाफ धारा 304 बी और 498 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. मायके पक्ष में आरोप लगाया था कि शादी के बाद ही पति जोगाराम गाड़ी के लिए दहेज में रुपये की मांग कर लड़ाई-झगड़ा और मारपीट करता था. जिसके बाद दहेज नहीं मिलने पर पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी. मामला अपर सत्र न्यायालय में चला.
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से नौ और बचाव पक्ष की तरफ से एक गवाह परीक्षित कराया गया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश गीता चौहान की अदालत ने जोगा राम को दोषी पाते हुए धारा 304 बी के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. न्यायालय ने धारा 498 ए के अपराध के लिए तीन वर्ष का कठोर कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. जुर्माने की धनराशि अदा नहीं करने पर दोषी को दो माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा.
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