रायपुर : हमारे मन में अनानास को देखकर कई तरह के सवाल जरुर उठते हैं कि इसकी खेती कैसे होती है. क्या इस फल की खेती को दूसरी फसल के साथ लिया जा सकता है या नहीं. छत्तीसगढ़ के किसान अनानास की खेती कैसे और किस तरीके से करें. अनानास की ऐसी कौन-कौन सी किस्म है,जिन्हें लगाकर अधिक उत्पादन और मुनाफा कमाया जा सकता है. इसके साथ ही अनानास की खेती में किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए.इन सारी बातों का जवाब आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के जरिए देने जा रहे हैं.
किस मिट्टी में होती है अनानास की खेती : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम दास साहू ने बताया कि अनानास एक ऐसा फल है जिसको लगाकर प्रदेश के किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं. अनानास की खेती करते समय किसानों को इस बात का ध्यान रखना है कि हल्की मिट्टी वाली जगह पर अनानास की खेती अच्छी होती है. इसके साथ ही इसके लिए 24 से 27 डिग्री तापमान की आवश्यकता पड़ती है.
किस मौसम में होती है अनानास की खेती : कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक किसान अनानास की खेती करते हैं तो इसके लिए छायादार या फिर शेड वाली जगह उपयुक्त मानी गई है. अनानास की खेती करने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त मौसम ठंड के मौसम को माना गया है.
छत्तीसगढ़ के मौसम के हिसाब से अनानास की क्यू और क्वीन किस्म को अच्छा माना जाता है.अनानास को किसान क्राउन स्लिप और शकर विधि से इसकी खेती कर सकते हैं. इस विधि से खेती करके किसान अधिक अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं.छत्तीसगढ़ के किसान अनानास की क्वॉलिटी वाला फल लेना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें कुछ हार्मोन संतुलित मात्रा में स्प्रे या छिड़काव करते हैं तो अनानास का अधिक उत्पादन लिया जा सकता है. ऐसा करने से अनानास एक साथ फलने और पकने वाली होगी- डॉ घनश्याम दास साहू, कृषि वैज्ञानिक इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय
किन चीजों में होता है अनानास का इस्तेमाल ?: अनानास के फल से तरह-तरह की एसिड भी बनाए जाते हैं. अनानास के फ्लेवर भी तैयार किए जाते हैं. इसके साथ ही अनानास की कैंडी भी बनाई जाती है. अनानास में ब्रोमेलिन नामक एंजाइम पाया जाता है जो पेट जनित बीमारियों के लिए रामबाण दवा के रूप में जानी जाती है. अनानास में डाइजेस्टिव फाइबर भी पाया जाता है. अनानास की खेती पलवार के रूप में पैरा, पॉलिथीन और पत्तियों का भी उपयोग किया जा सकता है.