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402 कैमरे बताएंगे इस जंगल में कितने 'शेर'; यूपी के टाइगर रिजर्व में शुरू होगी बाघों की गिनती - PILIBHIT TIGER RESERVE

UP TIGER POPULATION COUNTING: उत्तर प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बाघों की गिनती कराने की तैयारी शुरू हो गई है. एक महीने में पूरा होगा पहला चरण. मुहिम कु शुरुआत पीलीभीत से की जा रही है. साल 2022 में यहां 71 बाघों के होने की पुष्टि हुई थी.

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में फिर से होगी बाघों की गणना.
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में फिर से होगी बाघों की गणना. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 22, 2024, 8:19 AM IST

Updated : Oct 22, 2024, 11:51 AM IST

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के टाइगर रिजर्व के जंगलों में विचरण करने वाले बाघों की संख्या का पता लगाने के लिए एक बार फिर से विभागीय स्तर पर गणना कराई जाएगी. दो चरणों में होने वाली इस गणना का पहला चरण 25 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है. इसके बाद दूसरा चरण शुरू हो होगा. करीब एक महीने में पहला चरण पूरा कर लिया जाएगा. पीलीभीत में इसके लिए 402 कैमरे लगाए जाएंगे. बीते दिनों जारी NTCA के आंकड़ों के अनुसार टाइगर रिजर्व में 71 से अधिक बाघ होने का दावा किया गया था. वर्ष 2014 में यहा 24 बाघ होने की पुष्टि हुई थी. इसके 8 साल बाद 2022 तक यह कुनबा 71 बाघों तक पहुंच गया था.

बाघों की संख्या में इजाफा होने पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व को T2X अवार्ड भी मिला था. टाइगर रिजर्व को तमाम अन्य अंतरराष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं. साल 2024 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन 25 अक्टूबर से करीब 1 महीने तक गणना का काम कराएगा. पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला, महोफ और दियोरिया रेंज में एक महीने तक चलने वाली इस गणना के लिए 201 ग्रिड पर 402 ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे. कैमरे लगाने का यह काम बाघों की संभावित मौजूदगी वाले स्थान पर होगा, करीब 1 महीने के बाद कैमरे के डाटा के आधार पर बाघों की संख्या का आकलन किया जाएगा.

ऐसे की जाती है गिनती : बाघों की गणना के लिए टाइगर की संभावित लोकेशन पर दो पेड़ों पर ठीक आमने-सामने दो ट्रैप कैमरे लगाए जाते हैं. इन कैमरा में एक खास तरह का सेंसर लगा होता है जो किसी भी वन्य जीव के आने जाने पर उनकी तस्वीर कैद कर लेता है. निर्धारित समय के बाद कैमरे में कैद की गई तस्वीरों में से बाघ की तस्वीरों को अलग किया जाता है और बाघ की शरीर की पर धारी व तमाम अन्य यूनिक आईडी के जरिए संख्या का अनुमान लगाया जाता है. सभी बाघों के शरीर की धारियां अलग-अलग होती है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि गणना को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. 201 स्थान पर 402 कैमरे लगाए जाएंगे. पहले चरण की गणना करीब 1 महीने तक चलेगी.

बाघ के अलावा ये जानवर भी हैं टाइगर रिजर्व में : नौ जून 2014 को पीलीभीत के 73 हजार 24.98 हेक्टेयर जंगल को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था. इसमें दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, किशनपुर और कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य, पीलीभीत के जंगल के अलावा उत्तर और दक्षिण खीरी के जंगल शामिल हैं. सूबे में कुल 3 टाइगर रिजर्व हैं. इनमें अमानगढ़ टाइगर रिजर्व, दुधवा टाइगर रिजर्व और पीलीभीत टाइगर रिजर्व हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व यूपी का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व माना जाता है. पूरे देश में कुल 53 बाघ अभयारण्य हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघ के अलावा हाथी, हिरण, तेंदुआ, चीतल, सांभर, जंगली सूअर, हिरण, नीलगाय आदि हैं.

यह भी पढ़ें : नेपाली हाथियों को रास आ रहे भारत के जंगल; दुधवा-पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बढ़ा रहे अपना कुनबा

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के टाइगर रिजर्व के जंगलों में विचरण करने वाले बाघों की संख्या का पता लगाने के लिए एक बार फिर से विभागीय स्तर पर गणना कराई जाएगी. दो चरणों में होने वाली इस गणना का पहला चरण 25 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है. इसके बाद दूसरा चरण शुरू हो होगा. करीब एक महीने में पहला चरण पूरा कर लिया जाएगा. पीलीभीत में इसके लिए 402 कैमरे लगाए जाएंगे. बीते दिनों जारी NTCA के आंकड़ों के अनुसार टाइगर रिजर्व में 71 से अधिक बाघ होने का दावा किया गया था. वर्ष 2014 में यहा 24 बाघ होने की पुष्टि हुई थी. इसके 8 साल बाद 2022 तक यह कुनबा 71 बाघों तक पहुंच गया था.

बाघों की संख्या में इजाफा होने पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व को T2X अवार्ड भी मिला था. टाइगर रिजर्व को तमाम अन्य अंतरराष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुके हैं. साल 2024 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन 25 अक्टूबर से करीब 1 महीने तक गणना का काम कराएगा. पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला, महोफ और दियोरिया रेंज में एक महीने तक चलने वाली इस गणना के लिए 201 ग्रिड पर 402 ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे. कैमरे लगाने का यह काम बाघों की संभावित मौजूदगी वाले स्थान पर होगा, करीब 1 महीने के बाद कैमरे के डाटा के आधार पर बाघों की संख्या का आकलन किया जाएगा.

ऐसे की जाती है गिनती : बाघों की गणना के लिए टाइगर की संभावित लोकेशन पर दो पेड़ों पर ठीक आमने-सामने दो ट्रैप कैमरे लगाए जाते हैं. इन कैमरा में एक खास तरह का सेंसर लगा होता है जो किसी भी वन्य जीव के आने जाने पर उनकी तस्वीर कैद कर लेता है. निर्धारित समय के बाद कैमरे में कैद की गई तस्वीरों में से बाघ की तस्वीरों को अलग किया जाता है और बाघ की शरीर की पर धारी व तमाम अन्य यूनिक आईडी के जरिए संख्या का अनुमान लगाया जाता है. सभी बाघों के शरीर की धारियां अलग-अलग होती है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि गणना को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. 201 स्थान पर 402 कैमरे लगाए जाएंगे. पहले चरण की गणना करीब 1 महीने तक चलेगी.

बाघ के अलावा ये जानवर भी हैं टाइगर रिजर्व में : नौ जून 2014 को पीलीभीत के 73 हजार 24.98 हेक्टेयर जंगल को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था. इसमें दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, किशनपुर और कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य, पीलीभीत के जंगल के अलावा उत्तर और दक्षिण खीरी के जंगल शामिल हैं. सूबे में कुल 3 टाइगर रिजर्व हैं. इनमें अमानगढ़ टाइगर रिजर्व, दुधवा टाइगर रिजर्व और पीलीभीत टाइगर रिजर्व हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व यूपी का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व माना जाता है. पूरे देश में कुल 53 बाघ अभयारण्य हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघ के अलावा हाथी, हिरण, तेंदुआ, चीतल, सांभर, जंगली सूअर, हिरण, नीलगाय आदि हैं.

यह भी पढ़ें : नेपाली हाथियों को रास आ रहे भारत के जंगल; दुधवा-पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बढ़ा रहे अपना कुनबा

Last Updated : Oct 22, 2024, 11:51 AM IST
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