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हाईकोर्ट में पेश हुआ चाइनीज लहसुन, जज ने सरकार-प्रशासन से पूछा, जब बैन है तो कैसे बिक रहा? - Chinese Garlic

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ में एक अधिवक्ता ने बाजार में बिक रहे चाइनीज लहसुन को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है. इसके साथ ही आधा किलो चाइनीज लहसुन खरीद कर कोर्ट में पेश भी किया. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए जिम्मेदारों को तलब किया है.

हाईकोर्ट में अधिवक्ता ने पेश किया चाइनीज लहसुन.
हाईकोर्ट में अधिवक्ता ने पेश किया चाइनीज लहसुन. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 27, 2024, 5:46 PM IST

लखनऊ: चाइनीज लहसुन की भारत में एक बार फिर से अवैध रूप से एंट्री होने का मामला कोर्ट तक पहुंच गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिकाकर्ता आधा किलो लहसुन खरीद कर पेश किया और कहा कि जब 2014 चाइनीज लहसुन भारत में प्रतिबंधित है तो यह कैसे बाजार में बिक रहा है. कोर्ट के बुलावे पर शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी जज के सामने पेश हुए और चाइनीज लहसुन को सीज किया. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को अधिवक्ता मोती लाल यादव की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सेहत के लिए हानिकारक प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन के बाजार में धड़ल्ले से बिक्री पर नाराजगी जताई.

हाईकोर्ट ने खाद्य सुरक्षा और ड्रग प्रशासन विभाग के अफसरों को तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि चाइनीज लहसुन बाजारों में कैसे खुलेआम बेचा जा रहा है? जबकि उस पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. कोर्ट ने इस दौरान केंद्र सरकार के वकील से पूछा कि देश में प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन को रोकने के लिए क्या तंत्र है?

चाइनीज लहसुन की बिक्री को लेकर हाईकोर्ट में चायिका दाखिल. (Video Credit; ETV Bharat)
दरअसल, अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की थी. उन्होंने चिहट बाजार से आधा किलो चाइनीज लहसुन भी खरीद कर कोर्ट के सामने पेश किया था. कहा था कि प्रतिबंध के बाद भी यह कैसे बिक रहा है. इस पर न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने अफसरों को इस बाबत तलब किया था. शुक्रवार को हाईकोर्ट में सहायक खाद्य आयुक्त विजय प्रताप सिंह पेश हुए. इस दौरान कोर्ट ने विजय प्रताप को कड़ी फटकार लगाते हुए अपने सामने ही वकील द्वारा पेश किए गए आधा किलो लहसुन को सीज करने के आदेश दिया. जिसके बाद विजय सिंह ने उसे सीज किया. अब अगली सुनवाई एक अक्टूबर को होगी. अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि वर्ष 2014 में केंद्र सरकार ने चाइनीज लहसुन पर प्रतिबंध लगा दिया था. प्रतिबंध के बावजूद देशी लहसुन से काफी सस्ता होने की वजह से यह अवैध तरीके से तस्करी होकर बाजार में बेचा जा रहा है. इस पर केंद्र व राज्य सरकारें लगाम लगाने में असमर्थ दिख रही हैं.

इसे भी पढ़ें-यूपी में पहुंचा चाइनीज लहसुन, कहीं आपने तो नहीं खाया, जानिए कितना खतरनाक है और कैसे पहचानें

लखनऊ: चाइनीज लहसुन की भारत में एक बार फिर से अवैध रूप से एंट्री होने का मामला कोर्ट तक पहुंच गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिकाकर्ता आधा किलो लहसुन खरीद कर पेश किया और कहा कि जब 2014 चाइनीज लहसुन भारत में प्रतिबंधित है तो यह कैसे बाजार में बिक रहा है. कोर्ट के बुलावे पर शुक्रवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी जज के सामने पेश हुए और चाइनीज लहसुन को सीज किया. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को अधिवक्ता मोती लाल यादव की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सेहत के लिए हानिकारक प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन के बाजार में धड़ल्ले से बिक्री पर नाराजगी जताई.

हाईकोर्ट ने खाद्य सुरक्षा और ड्रग प्रशासन विभाग के अफसरों को तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि चाइनीज लहसुन बाजारों में कैसे खुलेआम बेचा जा रहा है? जबकि उस पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. कोर्ट ने इस दौरान केंद्र सरकार के वकील से पूछा कि देश में प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन को रोकने के लिए क्या तंत्र है?

चाइनीज लहसुन की बिक्री को लेकर हाईकोर्ट में चायिका दाखिल. (Video Credit; ETV Bharat)
दरअसल, अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की थी. उन्होंने चिहट बाजार से आधा किलो चाइनीज लहसुन भी खरीद कर कोर्ट के सामने पेश किया था. कहा था कि प्रतिबंध के बाद भी यह कैसे बिक रहा है. इस पर न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने अफसरों को इस बाबत तलब किया था. शुक्रवार को हाईकोर्ट में सहायक खाद्य आयुक्त विजय प्रताप सिंह पेश हुए. इस दौरान कोर्ट ने विजय प्रताप को कड़ी फटकार लगाते हुए अपने सामने ही वकील द्वारा पेश किए गए आधा किलो लहसुन को सीज करने के आदेश दिया. जिसके बाद विजय सिंह ने उसे सीज किया. अब अगली सुनवाई एक अक्टूबर को होगी. अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि वर्ष 2014 में केंद्र सरकार ने चाइनीज लहसुन पर प्रतिबंध लगा दिया था. प्रतिबंध के बावजूद देशी लहसुन से काफी सस्ता होने की वजह से यह अवैध तरीके से तस्करी होकर बाजार में बेचा जा रहा है. इस पर केंद्र व राज्य सरकारें लगाम लगाने में असमर्थ दिख रही हैं.

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