लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जंगलों में अब बाघों का टोटा नहीं है, बल्कि बाघों की संख्या बढ़ रही है. उत्तर प्रदेश धीरे-धीरे टाइगर प्रदेश बनता जा रहा है. वर्तमान में प्रदेश में टाइगर्स की संख्या बढ़कर 205 हो गई है. प्रदेश में बाघों की संख्या में और बढ़ोतरी हो, बाघ जंगल को छोड़कर रिहायशी क्षेत्र की तरफ न बढ़ें, इसके लिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार वन क्षेत्र की संख्या में लगातार इजाफा कर रही है.
उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में वन व पर्यावरण विभाग की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी. बताया कि वर्ष 2025 में भी 35 करोड़ से अधिक पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में प्रदेश में वृक्षाच्छादन प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 9.96 प्रतिशत हो गया है. उत्तर प्रदेश वनावरण व वृक्षाच्छादन में वृद्धि के मामले में पूरे देश में दूसरे स्थान पर रहा है.
वर्ष 2021-2022 से वर्ष 2024-2025 तक प्रदेश में कुल 138.98 करोड़ पौधरोपण किया जा चुका है. वर्षाकाल-2025 में भी 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य प्रस्तावित है. प्रदेश में वर्ष 2018 में बाघों की संख्या 173 से वर्ष 2022 में बढ़कर 205 हो गई है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या दोगुनी होने की वजह से इस टाइगर रिजर्व को टीएक्स-2 अवार्ड से सम्मानित किया गया है.
उत्तर प्रदेश में गिद्धों की संख्या बढ़ाने के लिए भी योगी आदित्यनाथ सरकार प्रयास कर रही है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने जानकारी दी कि गोरखपुर में कैम्पियर रेंज के अन्तर्गत "रेड हेडेड गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र" देश का पहला गिद्ध प्रजनन केन्द्र स्थापित किया गया है. अब गोरखपुर में उत्तर प्रदेश वानिकी एवं औद्यानिक विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने की नई योजना प्रस्तावित की गई है. इसके लिए लगभग 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
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