जींद: चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय और स्काइलाइन जियो इंफॉर्मेटिक्स संस्था रोहतक के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं. इस समझौते के तहत विश्वविद्यालय में जियो इंफॉर्मेटिक्स विज्ञान में पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाएगा. जो विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के तहत रहेगा. भूगोल विभाग के इंचार्ज डॉक्टर सितेंदर मलिक ने बताया कि विभाग इस कोर्स के लिए पिछले एक साल से प्रयासरत था. जिसमें आज सफलता प्राप्त हुई है.
जियो इंफॉर्मेटिक्स विज्ञान में पीजी डिप्लोमा: डॉक्टर सितेंदर मलिक ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में कुलपति डॉक्टर रणपाल सिंह के निर्देशन का महत्वपूर्ण योगदान रहा. इस मौके पर विभाग की ओर से डीन रिसर्च डॉक्टर अनुपम भाटिया, स्काइलाइन जियो इंफॉर्मेटिक्स संस्था की तरफ से निदेशक अजय पूनिया, अकेडमिक निदेशक अजय देशवाल मौजूद रहे.
एक साल का होगा कोर्स: भूगोल विभाग के इंचार्ज डॉक्टर सितेंदर मलिक ने बताया कि इंडस्ट्री में जियो इंफॉर्मेटिक्स में पारंगत विद्यार्थियों की मांग बहुत अधिक है. इस कोर्स की अवधि एक साल रहेगी. जिसमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आधुनिक विज्ञान जिसमें लिडार, रडार, जीपीएस सर्वेक्षण, ड्रोन मैपिंग आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसके बाद विद्यार्थी अपना स्वयं का कार्य भी शुरू कर सकते हैं और एक बेहतरीन नौकरी भी प्राप्त कर सकते हैं.
जियो इंफॉर्मेटिक्स विषय की प्राइवेट और सरकारी क्षेत्र में मांग: वीसीसीआरस कुलसचिव डॉक्टर रणपाल सिंह ने कहा कि जो कोर्स विद्यार्थियों को सक्षम बनाते हैं या नौकरी दिलवाने में सहायक हैं, विश्वविद्यालय इस प्रकार के कोर्स को शुरू करने के लिए सदैव तत्पर है. जियो इंफॉर्मेटिक्स विषय की प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्रों में बहुत अधिक मांग है. भूगोल विषय की वर्तमान में बहुत अधिक मांग है और विद्यार्थी इस विषय को प्राथमिकता देते हैं. ये कोर्स विभाग और विद्यार्थियों दोनों की ही दक्षता बढ़ाने में सहायक होगा.