जयपुर. प्रदेश में 10 और 11 मार्च को प्रदेशव्यापी हड़ताल का आह्वान कर चुके पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के आंदोलन से जयपुर के डीलर्स ने आज खुद को अलग कर लिया. हालांकि, इसके पहले 24 घंटे प्रदेशव्यापी बंद रखा गया. सोमवार सुबह राजस्थान डीलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर सभी डीलर्स मौन जुलूस निकालने के लिए स्टैचू सर्किल पर जमा हुए, जहां उन्हें प्रशासन की ओर से परमिशन नहीं दी गई. इन सभी डीलर्स ने एकजुट होकर शहीद स्मारक पर अपना विरोध जताया और सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया.
सबसे महंगा पेट्रोल श्रीगंगानगर में : राजस्थान पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि सर्वाधिक वैट होने के कारण देश का सबसे महंगा पेट्रोल श्रीगंगानगर में मिलता है. सरहदी जिलों के लोग हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जाकर पेट्रोल भरवाकर आते हैं. इसके कारण सीमा से सटे जिलों में लगातार पेट्रोल डीलर्स घाटे में जा रहे हैं और पड़ोसी राज्यों को इसका फायदा हो रहा है. राजस्थान में पेट्रोल पर 31.04 और डीजल पर 19.30 फीसदी वैट वसूली जाती है, जो देश में सबसे ज्यादा है. पड़ोसी राज्य हरियाणा में पेट्रोल पर 18.20 और डीजल पर 16 फीसदी वैट है, जबकि पंजाब और गुजरात में ईंधन पर 13.77 और 9.92 फीसदी वैट है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि प्रदेश में आम जनता महंगाई का शिकार हो रही है.
पढ़ें. आमजन के लिए राहत की खबर, 24 घंटे बाद खुले पेट्रोल पंप
428 पंप हुए बंद : राजेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि प्रदेश में 57 फीसदी पेट्रोल पंप सरकार की नीतियों के कारण बंद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं. 428 पेट्रोल पंप पर ताला लग चुका है. ऐसे में सरकार अभी भी सिर्फ आश्वासन ही दे रही है. सरकार से मुलाकात के दौरान मोदी की गारंटी का जिक्र तो हुआ, पर उस पर अमल नहीं किया गया. भाटी ने कहा कि सरकार की ओर से की जा रही देरी को लेकर उन्हें कोई वजह समझ में नहीं आ रही है. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक सरकार ने लंबे वक्त से ईंधन पर लगने वाले वैट में कोई कटौती नहीं की है और न ही डीलर्स के कमीशन में इजाफा किया है. ऐसे में सरकार के इस रुख से बीते 7 साल में डीलरों के कमीशन में भारी कमी आई है.