भरतपुर. राजस्थान में पेट्रोल और डीजल पर वैट अधिक होने से आम जनता के जेब पर हर दिन लाखों रुपए अतिरिक्त भार पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश से सटे होने की वजह से भरतपुर जिले के पेट्रोल पंप व्यवसाइयों को भारी नुकसान के दौर से गुजरना पड़ रहा है. हालत ये हैं कि जिले के करीब 20 पेट्रोल पंप तो व्यवसाय नहीं मिलने की वजह से बंद हो गए हैं. इतना ही नहीं करीब 40 पेट्रोल पंप भी आखिरी सांस गिन रहे है. अब राजस्थान सरकार के अंतरिम बजट में भी वैट कम करने को लेकर कोई घोषणा नहीं को गई है, जिसकी वजह से पेट्रोलियम एसोसिएशन में रोष व्याप्त है. साथ ही एसोसिएशन ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेशव्यापी हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी है.
भरतपुर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार ने बताया कि कांग्रेस सरकार के राज में राजस्थान में डीजल पर 19.3% और पेट्रोल पर 31.4% वैट है, जिसकी वजह से भरतपुर समेत पूरे राजस्थान में पेट्रोल, डीजल की कीमतें अन्य राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा है. सत्येंद्र कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के आगरा और मथुरा जिलों की तुलना में भरतपुर में पेट्रोल करीब 12 रुपए प्रति लीटर और डीजल 3.50 रुपए प्रति लीटर महंगा है. यानी भरतपुर में वर्तमान में पेट्रोल की कीमत 107.95 रुपए प्रति लीटर और डीजल 93.22 रुपए प्रति लीटर है.
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20 पेट्रोल पंप बंद: सत्येंद्र कुमार ने बताया कि बीते सात साल में लगातार वैट में वृद्धि की वजह से राजस्थान में पेट्रोल-डीजल महंगा होता गया. हालात ये हैं कि मथुरा और आगरा बॉर्डर के आसपास के कई पेट्रोल पंप तो बंद हो गए हैं. वाहन चालक राजस्थान के पेट्रोल पंप से महंगा पेट्रोल-डीजल भरवाने के बजाय उत्तर प्रदेश के पेट्रोल पंपों से भरवाना पसंद करता है. यही वजह है कि पूरे जिले में 182 में से 20 पेट्रोल पंप व्यवसाय नहीं मिलने की वजह से ताले लग गए हैं और 40 पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर हैं.
भरतपुर जिले में पेट्रोल पंपों की हालत:
- भरतपुर में कुल 182 पेट्रोल पंप
- जिले के 20 पेट्रोल पंपों पर लगा ताला
- जिले में हर दिन पेट्रोल खपत 1.62 लाख लीटर
- जिले में हर दिन डीजल खपत 3.24 लाख लीटर
- जिले में पेट्रोल पर हर दिन दे रहे 19.44 लाख रुपए अतिरिक्त
- जिले में डीजल पर हर दिन दे रहे 11.34 लाख रुपए
60% तक गिर गया व्यवसाय: सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2016 में प्रदेश में वैट बढ़ा, लेकिन उसके बाद कांग्रेस सरकार में वैट में काफी वृद्धि कर दी. आज से सात साल पहले जिले में हर दिन करीब 4.86 लाख लीटर पेट्रोल और 32.40 लाख लीटर डीजल की खपत होती थी, लेकिन अब हर दिन पेट्रोल की खपत घटकर 1.62 लाख लीटर और डीजल की 3.24 लाख लीटर रह गई है जिससे पेट्रोल पंप व्यवसाय को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.