बूंदी. स्थाई लोक अदालत बूंदी ने आवारा सांडों के जानलेवा हमलों से मुक्त कराने संबंधी याचिका की सुनवाई करते हुए नगर परिषद बूंदी सभापति व आयुक्त को जमानत वारंट से तलब किया है. गौरतलब है कि शहरवासियों को आवारा सांडों के जानलेवा हमलों से मुक्त कराने के लिए याचिकाकर्ता समाजसेवी अशोक जैन ने अप्रैल 2023 में स्थाई लोक अदालत में याचिका दायर की थी.
मंगलवार को सभापति नगर परिषद, आयुक्त के विरुद्ध अप्रैल 2023 लंबित याचिका में सुनवाई करते स्थाई लोक अदालत ने परिषद सभापति एवं आयुक्त को 50-50 हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब कर 20 मार्च को न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए हैं. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय नुवाल एडवोकेट ने पैरवी करते हुए दलील दी कि गत एक वर्ष से भी अधिक समय से शहर के आम रास्तों पर आवारा सांड स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं. जिनके हमलों से निर्दोष आमजन व राहगीर गंभीर घायल हो रहे हैं और कुछ गंभीर घायलों की मौत भी हो चुकी हैं. यहां तक कि पंडित बृजसुंदर शर्मा राजकीय चिकित्सालय में भर्ती मरीजों भी इन सांडों के हमले से अछूते नहीं हैं.
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उन्होंने बताया कि इन घटनाओं का प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशन होने के बाद भी नगर परिषद एव जिला कलेक्टर कुंभकर्णी नींद सो रहें है. जबकि नगर परिषद एवं जिला कलेक्टर का दायित्व है कि आम राजमार्ग पर आमजन को सुरक्षित एव जानमाल जोखिम रहित, सुरक्षित आवागमन की सुविधा प्रदान करें. लेकिन यह सब जानबूझकर ऐसा नहीं कर रहे, इसी कारण से निर्दोष बूंदी के आमजन सांडों का शिकार बन रहे हैं. आमजन ने न्यायालय के इस कदम का स्वागत करते स्थाई लोक अदालत बूंदी ने आवारा सांडों के जानलेवा हमलों से मुक्त कराने संबंधी याचिका की सुनवाई करते हुए नगर परिषद बूंदी सभापति व आयुक्त को जमानत वारंट से तलब किया है.