मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट संगठन ने प्रधान परिवार न्यायाधीश की कोर्ट (Court of Principal Family Judge) में श्री कृष्ण जन्मभूमि को लेकर एक नया वाद दाखिल किया गया. जिसमें मांग की गई है कि भगवान श्रीकृष्ण नाबालिग हैं, उनका संरक्षक जिलाधिकारी या फिर न्यायाधीश को नियुक्त करने की मांग की गई है. क्योंकि मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा होती है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को तय की गई है.
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. बांकी की जमीन पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर केशव भवन, भागवत भवन बना हुआ है. मंदिर परिसर से अवैध शाही ईदगाह मस्जिद हटाने को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मुकदमें दाखिल कर रखे हैंं. फिलहाल सभी मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने बताया कि मंगलवार को प्रधान परिवार न्यायाधीश की कोर्ट में श्रीकृष्ण भगवान को नाबालिग बताते हुए वाद दाखिल किया गया है. क्योंकि मथुरा में भगवान की सेवा एक बालक के रूप में की जाती है. भगवान की संपत्ति और देखरेख के लिए संरक्षक का होना बहुत जरूरी है. इसीको देखते हुए हमने मांग की है कि, जिलाधिकारी या फिर न्यायाधीश को संरक्षक नियुक्त किया जाए. मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी.