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जयपुर जिंदा बम मामले में आरोपी आजमी को शहर छोड़ने की मंजूरी, हर सप्ताह आजमगढ़ में लगानी होगी हाजिरी - SUPREME COURT

सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर जिंदा बम मामले में आरोपी सरवर आजमी को मिली जमानत की शर्तों में किया बदलाव.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

जयपुर : सुप्रीम कोर्ट ने मई, 2008 में शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर मिले जिंदा बम मामले में आरोपी सरवर आजमी को मिली जमानत की शर्तों में बदलाव किया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को जयपुर छोड़ने की मंजूरी दे दी है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने यह आदेश आरोपी की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने आरोपी को कहा है कि वह हर सप्ताह आजमगढ़ के पुलिस थाने में हाजिरी दर्ज कराएगा. इसके अलावा वह अपना स्थायी पता भी एटीएस को देगा और अपना मोबाइल नंबर भी नहीं बदलेगा. इससे पूर्व अदालत ने आरोपी को जमानत देते हुए यह शर्त लगाई थी कि वह हर सुबह दस से बारह बजे तक जयपुर के एटीएस कार्यालय में उपस्थिति देगा.

इसे भी पढ़ें - जिंदा बम प्रकरण में गलता गेट थाने के तत्कालीन एसएचओ का बयान दर्ज - Jaipur Live Bomb Case

आरोपी की ओर से प्रार्थना पत्र में कहा कि वह जयपुर से आजमगढ़ शिफ्ट होना चाहता है. वहीं, उसने जमानत की शर्तों का पूरी तरह से पालन किया है. इसलिए उसका आवेदन स्वीकार कर उसे आजमगढ़ जाने की मंजूरी दी जाए. इसके विरोध में राज्य सरकार के एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि आरोपी उत्तर प्रदेश में शिफ्ट होना चाहता है. इससे वह राज्य के पुलिस अफसरों की पहुंच से बाहर हो जाएगा. इसलिए उसे दी गई जमानत की शर्तों को सख्त किया जाए, जिससे कि वह जमानत का दुरुपयोग नहीं कर सके. इस पर अदालत ने आरोपी पर नई शर्तें लगाते हुए उसे आजमगढ़ जाने की अनुमति दी है.

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने जयपुर के जिंदा बम मामले में आरोपी सरवर को अक्टूबर 2023 में जमानत दे दी थी. इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी, 2024 को हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दी थी.

जयपुर : सुप्रीम कोर्ट ने मई, 2008 में शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर मिले जिंदा बम मामले में आरोपी सरवर आजमी को मिली जमानत की शर्तों में बदलाव किया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को जयपुर छोड़ने की मंजूरी दे दी है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने यह आदेश आरोपी की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने आरोपी को कहा है कि वह हर सप्ताह आजमगढ़ के पुलिस थाने में हाजिरी दर्ज कराएगा. इसके अलावा वह अपना स्थायी पता भी एटीएस को देगा और अपना मोबाइल नंबर भी नहीं बदलेगा. इससे पूर्व अदालत ने आरोपी को जमानत देते हुए यह शर्त लगाई थी कि वह हर सुबह दस से बारह बजे तक जयपुर के एटीएस कार्यालय में उपस्थिति देगा.

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आरोपी की ओर से प्रार्थना पत्र में कहा कि वह जयपुर से आजमगढ़ शिफ्ट होना चाहता है. वहीं, उसने जमानत की शर्तों का पूरी तरह से पालन किया है. इसलिए उसका आवेदन स्वीकार कर उसे आजमगढ़ जाने की मंजूरी दी जाए. इसके विरोध में राज्य सरकार के एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि आरोपी उत्तर प्रदेश में शिफ्ट होना चाहता है. इससे वह राज्य के पुलिस अफसरों की पहुंच से बाहर हो जाएगा. इसलिए उसे दी गई जमानत की शर्तों को सख्त किया जाए, जिससे कि वह जमानत का दुरुपयोग नहीं कर सके. इस पर अदालत ने आरोपी पर नई शर्तें लगाते हुए उसे आजमगढ़ जाने की अनुमति दी है.

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने जयपुर के जिंदा बम मामले में आरोपी सरवर को अक्टूबर 2023 में जमानत दे दी थी. इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी, 2024 को हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखते हुए राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दी थी.

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