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रहमत और माफी की रात 'शब-ए-बारात' आज, इबादत करने दिल्ली की मस्जिदों में जुटेंगे लोग - shaban month

Shab-e-Baraat 2024: दिल्ली की विभिन्न मस्जिदों में रविवार को भारी संख्या में लोग शब-ए-बारात के मौके पर जुटेंगे. इस दौरान वे इबादत कर अपने गुनाहों की माफी मांगेंगे. इस्लाम धर्म में इस दिन की बड़ी अहमियत है.

shab e Baraat
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 25, 2024, 2:59 PM IST

Updated : Feb 26, 2024, 6:20 AM IST

आज मनाया जाएगा शब-ए-बरात

नई दिल्ली: देशभर में रविवार को शब-ए-बारात मनाया जाएगा. इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए यह फजीलत वाली रात होती है और लोग अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. लोग पूरी रात जागकर अल्लाह की इबादत और नमाज अदा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि शब-ए-बारात की रात सच्चे दिल से इबादत करने पर अल्लाह बंदे के सारे गुनाहों को माफ कर देता है.

शब-ए-बारात को लेकर राजू पार्क इलाके में स्थित मस्जिद के इमाम ने बताया कि लोग आज की रात कब्रिस्तान जाते हैं. लेकिन यह जरूरी नहीं है. इससे बेहतर है कि वह अपने घर पर रहकर अल्लाह की इबादत करें और अपने गुनाहों की माफी मांगें. हालांकि कुछ लोग पूरी रात जागकर इबादत नहीं कर सकते. ऐसे में वे लोग मस्जिद में ही अल्लाह की इबादत कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें-शब-ए- बारात पर अखूंदजी मस्जिद में नहीं पढ़ी जा सकेगी नमाज, दिल्ली हाईकोर्ट से नहीं मिली अनुमति

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, इस त्योहार को शाबान (इस्लामिक कैलेंडर का आठवां महीना) महीने की 14वीं तारीख को सूर्यास्त के बाद मनाया जाता है. शाबान रजब महीने के बाद आता है. शब-ए-बारात को पूरे विश्व में इस्लाम धर्म के लोग मानते हैं. इसी तरह दिल्ली में भी शब-ए-बारात को मानने वालों की संख्या लाखों में है और इस दिन दिल्ली में रहने वाले इस्लाम धर्म के लोग अल्लाह की इबादत और अपने गुनाहों की माफी मांगने के लिए मस्जिदों का रुख करते हैं. कुछ लोग इस दौरान कब्रिस्तान भी जाते हैं और फातिहा पढ़कर इबादत करते हैं.

यह भी पढ़ें-जानिए किन-किन वजहों से खास रहा दिल्ली विश्वविद्यालय का 100वां दीक्षांत समारोह

आज मनाया जाएगा शब-ए-बरात

नई दिल्ली: देशभर में रविवार को शब-ए-बारात मनाया जाएगा. इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए यह फजीलत वाली रात होती है और लोग अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. लोग पूरी रात जागकर अल्लाह की इबादत और नमाज अदा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि शब-ए-बारात की रात सच्चे दिल से इबादत करने पर अल्लाह बंदे के सारे गुनाहों को माफ कर देता है.

शब-ए-बारात को लेकर राजू पार्क इलाके में स्थित मस्जिद के इमाम ने बताया कि लोग आज की रात कब्रिस्तान जाते हैं. लेकिन यह जरूरी नहीं है. इससे बेहतर है कि वह अपने घर पर रहकर अल्लाह की इबादत करें और अपने गुनाहों की माफी मांगें. हालांकि कुछ लोग पूरी रात जागकर इबादत नहीं कर सकते. ऐसे में वे लोग मस्जिद में ही अल्लाह की इबादत कर सकते हैं.

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इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, इस त्योहार को शाबान (इस्लामिक कैलेंडर का आठवां महीना) महीने की 14वीं तारीख को सूर्यास्त के बाद मनाया जाता है. शाबान रजब महीने के बाद आता है. शब-ए-बारात को पूरे विश्व में इस्लाम धर्म के लोग मानते हैं. इसी तरह दिल्ली में भी शब-ए-बारात को मानने वालों की संख्या लाखों में है और इस दिन दिल्ली में रहने वाले इस्लाम धर्म के लोग अल्लाह की इबादत और अपने गुनाहों की माफी मांगने के लिए मस्जिदों का रुख करते हैं. कुछ लोग इस दौरान कब्रिस्तान भी जाते हैं और फातिहा पढ़कर इबादत करते हैं.

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Last Updated : Feb 26, 2024, 6:20 AM IST
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