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देहरादून से चंद किमी दूर का हाल! जान हथेली पर लेकर 'मौत' का 'सफर' कर रहे लोग, कौन लेगा सुध? - Maldevta Road Conditions - MALDEVTA ROAD CONDITIONS

Bad Condition of Maldevta Area Roads in Dehradun देहरादून शहर से चंद किलोमीटर की दूरी पर सड़क की बदहाली उन दावों की पोल खोल रहा है, जिसमें सड़कों का जाल बिछाने और बेहतरीन सड़क बनाने का दावा किया जाता है. यहां सड़क बेहद खस्ता है. जहां वाहन हिचकोले खाकर गुजरते हैं तो इन वाहनों में लोग जान जोखिम में डालकर सफर करते हैं. इतना ही नहीं इन वाहनों में जानवरों की तरह सवारियां भरी जाती हैं. जो लोग इन वाहनों में सफर नहीं करते हैं, उन्हें मजबूरन 5-6 किमोमीटर की पैदल दूरी नापनी पड़ती है. पढ़िए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

PEOPLE TRAVELING ON VEHICLE PUT THEIR LIVES ON RISK
मौत का 'सफर'
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 16, 2024, 5:40 PM IST

Updated : Apr 16, 2024, 8:41 PM IST

देहरादून से चंद किमी दूर का हाल!

देहरादून: पहाड़ों में सड़कों की स्थिति क्या ही होगी? जब राजधानी देहरादून से चंद किलोमीटर दूरी पर सड़क का हाल ही खस्ता है. सरकार भले ही दावा करती हो कि शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़कों का जाल बिछा दिया गया है, लेकिन दून शहर से मात्र 15 किलोमीटर दूर ही ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति सरकार के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है. जहां मालदेवता से आगे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आज भी दून आने के लिए 5 से 6 किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ता है.

ईटीवी भारत के कैमरे कैद हुई खतरनाक तस्वीरें: दरअसल, मालदेवता से 6 किलोमीटर दूर बसे ग्रामीणों को मालदेवता या फिर देहरादून शहर में आने के लिए मालदेवता तक पैदल चलकर आना पड़ता है. क्योंकि, उस क्षेत्र की सड़क इतनी खराब है कि गाड़ी चला ही नहीं सकते. अगर कोई गाड़ी संचालित भी होती है तो उसमें ठूंस-ठूंस कर सवारियों को भरा जाता है. ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और ग्रामीणों की समस्याएं सुनी. जहां ईटीवी भारत के कैमरे ऐसी तस्वीरें कैद हुई, जिसे देख किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं.

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मालदेवता क्षेत्र में खस्ताहाल सड़क

मजबूरन जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे लोग: पर्वतीय क्षेत्र में गाड़ी चलाने के दौरान तमाम सावधानियां बरतनी होती हैं, क्योंकि एक तरफ खाई और दूसरे तरफ पहाड़ से टकराने का खतरा रहता है. ऐसे में ओवरलोडिंग गाड़ियां हमेशा ही दुर्घटना का शिकार होती रही है. बावजूद इसके देहरादून से चंद किलोमीटर दूर इस गांव में गाड़ियां न सिर्फ ओवरलोड होकर संचालित हो रही हैं. बल्कि, गाड़ियों के ऊपर बिना किसी सुरक्षा के ही लोग बैठकर सफर करते यह दिखाई दे रहे हैं.

वाहनों के अंदर ठूंस-ठूंस कर भरी सवारियां, छत भी बैठे दिखे लोग: वहीं, खस्ताहाल सड़कों पर गाड़ियां हिचकोले खा रही हैं. इन गाड़ियों में अंदर तो सवारियां ठूंस-ठूंस कर भरी हैं. इतना ही नहीं छत पर भी सवारियां बैठे नजर आए. इन गाड़ियों में सिर्फ बड़े और ग्रामीण नहीं हैं, बल्कि स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र और छात्राएं मालदेवता से पैदल जाने के बजाय इन गाड़ियों में की छतों पर सवार होकर स्कूल जाते दिखे. कच्ची सड़क से उड़ती धूल को फांकते हुए और अपनी जान जोखिम में डालकर लोग सफर करते नजर आए.

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वाहनों में ओवरलोडिंग

साल 2022 आपदा के बाद से नहीं सुधरी स्थिति: मालदेवता क्षेत्र से आगे मौजूद ग्रामीण क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ इलाका है, उस क्षेत्र में साल 2022 में आपदा भी आई थी. जिसके बाद से स्थिति बद से बदतर हो गई. क्योंकि, आपदा आने के बाद सड़कें पूरी तरह से खराब हो गई थी. सड़कें मलबे में तब्दील हो गई थी. इसके बाद से ही स्थिति जस की तस बनी हुई है. जिन ग्रामीणों के पास गाड़ी है, वो तो अपने वाहनों के जरिए शहर में आ जा रहे हैं, लेकिन जिनके पास वाहन नहीं है, उनको 5 से 6 किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ता है.

5 से 6 किलोमीटर पैदल दूरी नापते हैं ग्रामीण: ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें राशन और अन्य सामान लेने के लिए 5 से 6 किलोमीटर पैदल मालदेवता आना पड़ता है. उसके बाद देहरादून शहर जाने के लिए वहां से साधन मिल जाता है. देहरादून से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र में सड़क और सार्वजनिक परिवहन के अभाव के सवाल पर देहरादून जिलाधिकारी सोनिका का कहना है कि उस क्षेत्र में साल 2022 में आपदा आई थी. जिसके चलते उस क्षेत्र की सड़कों को काफी नुकसान हुआ था.

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जान जोखिम में डालकर सफर करते लोग

ओवरलोडिंग पर डीएम सोनिका ने कही ये बात: वर्तमान समय में उस क्षेत्र में सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है. जिसके बाद स्थानीय लोगों को आवाजाही में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. वहीं, वाहनों में जानवरों की तरह लोगों को भरकर लाने और ले जाने के सवाल पर डीएम सोनिका ने कहा कि यह जांच का विषय है. ऐसे में इस मामले को दिखाया जाएगा, लेकिन लोगों को भी अपनी जान का ख्याल रखना चाहिए और सावधानियां भी बरतनी चाहिए.

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ईटीवी भारत के कैमरे कैद हुई खतरनाक तस्वीरें: दरअसल, मालदेवता से 6 किलोमीटर दूर बसे ग्रामीणों को मालदेवता या फिर देहरादून शहर में आने के लिए मालदेवता तक पैदल चलकर आना पड़ता है. क्योंकि, उस क्षेत्र की सड़क इतनी खराब है कि गाड़ी चला ही नहीं सकते. अगर कोई गाड़ी संचालित भी होती है तो उसमें ठूंस-ठूंस कर सवारियों को भरा जाता है. ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और ग्रामीणों की समस्याएं सुनी. जहां ईटीवी भारत के कैमरे ऐसी तस्वीरें कैद हुई, जिसे देख किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं.

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मालदेवता क्षेत्र में खस्ताहाल सड़क

मजबूरन जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे लोग: पर्वतीय क्षेत्र में गाड़ी चलाने के दौरान तमाम सावधानियां बरतनी होती हैं, क्योंकि एक तरफ खाई और दूसरे तरफ पहाड़ से टकराने का खतरा रहता है. ऐसे में ओवरलोडिंग गाड़ियां हमेशा ही दुर्घटना का शिकार होती रही है. बावजूद इसके देहरादून से चंद किलोमीटर दूर इस गांव में गाड़ियां न सिर्फ ओवरलोड होकर संचालित हो रही हैं. बल्कि, गाड़ियों के ऊपर बिना किसी सुरक्षा के ही लोग बैठकर सफर करते यह दिखाई दे रहे हैं.

वाहनों के अंदर ठूंस-ठूंस कर भरी सवारियां, छत भी बैठे दिखे लोग: वहीं, खस्ताहाल सड़कों पर गाड़ियां हिचकोले खा रही हैं. इन गाड़ियों में अंदर तो सवारियां ठूंस-ठूंस कर भरी हैं. इतना ही नहीं छत पर भी सवारियां बैठे नजर आए. इन गाड़ियों में सिर्फ बड़े और ग्रामीण नहीं हैं, बल्कि स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र और छात्राएं मालदेवता से पैदल जाने के बजाय इन गाड़ियों में की छतों पर सवार होकर स्कूल जाते दिखे. कच्ची सड़क से उड़ती धूल को फांकते हुए और अपनी जान जोखिम में डालकर लोग सफर करते नजर आए.

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वाहनों में ओवरलोडिंग

साल 2022 आपदा के बाद से नहीं सुधरी स्थिति: मालदेवता क्षेत्र से आगे मौजूद ग्रामीण क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ इलाका है, उस क्षेत्र में साल 2022 में आपदा भी आई थी. जिसके बाद से स्थिति बद से बदतर हो गई. क्योंकि, आपदा आने के बाद सड़कें पूरी तरह से खराब हो गई थी. सड़कें मलबे में तब्दील हो गई थी. इसके बाद से ही स्थिति जस की तस बनी हुई है. जिन ग्रामीणों के पास गाड़ी है, वो तो अपने वाहनों के जरिए शहर में आ जा रहे हैं, लेकिन जिनके पास वाहन नहीं है, उनको 5 से 6 किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ता है.

5 से 6 किलोमीटर पैदल दूरी नापते हैं ग्रामीण: ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें राशन और अन्य सामान लेने के लिए 5 से 6 किलोमीटर पैदल मालदेवता आना पड़ता है. उसके बाद देहरादून शहर जाने के लिए वहां से साधन मिल जाता है. देहरादून से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र में सड़क और सार्वजनिक परिवहन के अभाव के सवाल पर देहरादून जिलाधिकारी सोनिका का कहना है कि उस क्षेत्र में साल 2022 में आपदा आई थी. जिसके चलते उस क्षेत्र की सड़कों को काफी नुकसान हुआ था.

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जान जोखिम में डालकर सफर करते लोग

ओवरलोडिंग पर डीएम सोनिका ने कही ये बात: वर्तमान समय में उस क्षेत्र में सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है. जिसके बाद स्थानीय लोगों को आवाजाही में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. वहीं, वाहनों में जानवरों की तरह लोगों को भरकर लाने और ले जाने के सवाल पर डीएम सोनिका ने कहा कि यह जांच का विषय है. ऐसे में इस मामले को दिखाया जाएगा, लेकिन लोगों को भी अपनी जान का ख्याल रखना चाहिए और सावधानियां भी बरतनी चाहिए.

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Last Updated : Apr 16, 2024, 8:41 PM IST
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