नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा के तहसील जेवर के गांव गोविंदगढ़ में उसे समय जश्न का माहौल बन गया, जब पेरिस में चल रहे पैरालंपिक में गांव के पैरा एथलीट प्रवीण कुमार ने एशिया रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता. गांव वालों ने प्रवीण कुमार की इस उपलब्धि को गांव के शिव मंदिर में लगे टीवी में देखा और एक दूसरे को बधाइयां दी. अब उन्हें प्रवीण का इंतजार है, जब वह प्रवीण कुमार आएंगे तो उनका भव्य स्वागत किया जाएगा.
प्रवीण को गोल्डन जंप लगाकर आसमान की ऊंचाइयों को छूते देख, ग्रेटर नोएडा के गांव गोविंदगढ़ के लोग जश्न में डूबे नजर आए. आपने आम तौर पर क्रिकेट के लिए लोगों के हुजूम को टीवी पर चिपके हुए देखा होगा, लेकिन जेवर के गोविंदगढ़ गांव में लोगों में ऐसा ही जुनून तब दिखाई दिया जब शिव मंदिर में लगे टीवी में चल रहे पैरालंपिक की लाइव टेलीकास्ट को देखने भारी संख्या में गांव के लोग जुटे हुए थे और जयकारों के बीच लोगों ने प्रवीण को गोल्डन जंप लगाकर आसमान की ऊंचाइयों को छूते हुए देखा और जश्न मनाने लगे.
प्रवीण के पिता अमर पाल ने बेटे की कामयाबी पर जताई खुशी
गांव के लोगों का कहना था कि यह उनके जीवन का ऐसा पल है जो शायद फ़िर आए ना आए, इसलिए भी इस पल को अच्छी तरह से सेलिब्रेट करना चाहते हैं. प्रवीण के पिता अमर पाल का कहना है कि मेरे बेटे गोल्ड मेडल लाकर गांव का ही नहीं देश का भी नाम रोशन किया है.
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प्रवीण का चुनौतियों भरा रहा सफर
प्रवीण कुमार का पैरा एथलीट बनने का सफर चुनौतियों भरा रहा है. वे अपनी शारीरिक विकलांगता के कारण हीन भावनाओं से जूझते रहे और इससे निपटने के लिए उन्होंने दोस्तों के साथ खेल में शामिल हुए, फिर जो खेलों के प्रति जुनून पैदा हुआ वह उन्हें ऊंचाइयों तक ले आया. इसके लिए भी अपने एथलेटिक्स कोच को धन्यवाद देते हैं जो उन्हें ऊंचाइयों में पहुंचने में अपना विशेष योगदान दिया है.
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