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दिल्ली में ठंड के साथ-साथ प्रदूषण का भी कहर, नोएडा और गाजियाबाद वालों को मिली राहत - AQI LEVEL IN DELHI

दिल्ली NCR में बारिश के बाद वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुवा है. लेकिन प्रदूषण में बढ़ोतरी की आशंका.लोग स्वस्थ श्वास के लिए चिंतित हैं.

दिल्ली में ठंड के साथ-साथ प्रदूषण का भी कहर
दिल्ली में ठंड के साथ-साथ प्रदूषण का भी कहर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 10, 2024, 1:41 PM IST

Updated : Dec 14, 2024, 11:16 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली एनसीआर में अब ठंड महसूस किया जाने लगा है. मौसम विभाग की माने तो आने वाले कुछ दिनों में राजधानी में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है. वहीं प्रदूषण की बात करें तो रविवार को हुई बारिश के बाद प्रदूषण में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी दिल्ली एनसीआर के लोगों को सांस लेने के लिए साफ हवा नहीं मिल पा रही है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर ऑरेंज जोन में बरकरार है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अभी भी 'खराब' श्रेणी में बना हुआ है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़े

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के 38 इलाकों में से 28 इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब श्रेणी में है. यानी कि यहां का एकयूआई 201 से 300 के बीच है. दिल्ली की तुलना में गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा काफी साफ है. तीनों छेत्रों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के नीचे पहुंच गया है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई इलाके ऐसी भी हैं जहां पर एकयूआई 100 से कम है. यानी कि यह एकयूआई ग्रीन जोन में है.

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (ETV Bharat)

प्रदूषण में बढ़ोतरी की आशंका

एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में हवा की रफ्तार कम होने से प्रदूषण में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि, यदि इस बीच बारिश होती है तो आसमान से प्रदूषण छठ सकता है. घंटे भर की बारिश से दिल्ली एनसीआर के सभी इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 150 के नीचे पहुंच सकता है. मौजूदा समय में प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी के चलते सांस के मरीजों को खासा परेशानी उठानी पड़ रही है. ठंड बढ़ने और प्रदूषण के चलते अस्पताल में सांस के मरीजों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है.

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स क्या है

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को गंभीर और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं.

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नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली एनसीआर में अब ठंड महसूस किया जाने लगा है. मौसम विभाग की माने तो आने वाले कुछ दिनों में राजधानी में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है. वहीं प्रदूषण की बात करें तो रविवार को हुई बारिश के बाद प्रदूषण में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी दिल्ली एनसीआर के लोगों को सांस लेने के लिए साफ हवा नहीं मिल पा रही है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर ऑरेंज जोन में बरकरार है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अभी भी 'खराब' श्रेणी में बना हुआ है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़े

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के 38 इलाकों में से 28 इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब श्रेणी में है. यानी कि यहां का एकयूआई 201 से 300 के बीच है. दिल्ली की तुलना में गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा काफी साफ है. तीनों छेत्रों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के नीचे पहुंच गया है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई इलाके ऐसी भी हैं जहां पर एकयूआई 100 से कम है. यानी कि यह एकयूआई ग्रीन जोन में है.

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (ETV Bharat)

प्रदूषण में बढ़ोतरी की आशंका

एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में हवा की रफ्तार कम होने से प्रदूषण में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि, यदि इस बीच बारिश होती है तो आसमान से प्रदूषण छठ सकता है. घंटे भर की बारिश से दिल्ली एनसीआर के सभी इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 150 के नीचे पहुंच सकता है. मौजूदा समय में प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी के चलते सांस के मरीजों को खासा परेशानी उठानी पड़ रही है. ठंड बढ़ने और प्रदूषण के चलते अस्पताल में सांस के मरीजों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है.

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स क्या है

एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को गंभीर और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं.

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Last Updated : Dec 14, 2024, 11:16 AM IST
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