नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी गई. इसके तहत अब तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिल पाएगी. इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम माना जा रहा है.
इस पर सरवन मिश्रा ने कहा, "अगर केंद्र सरकार हमारे लिए कोई फैसला ले रही है तो हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. इसका हम स्वागत करते हैं." वहीं बृजेश राय ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है यह बहुत अच्छा फैसला है. इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. इसे लेकर पूर्व दिल्ली में काफी बवाल हुआ था, लेकिन संसद में कोई कानून बनाया गया है तो कुछ सोच समझकर ही बनाया गया होगा. जो शरणार्थी यहां पिछले कई सालों से रह रहे हैं, उन्हें नागरिकता मिलेगी, इससे अच्छी क्या बात होगी.
उनके अलावा पेशे से सॉफटवेयर इंजीनियर आनंद सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने मेनिफेस्टो में भी नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र किया था. इसको लेकर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. अगर दूसरे देशों से आए लोगों को नागरिकता मिल रही है तो इसमें गलत क्या है. यह फैसला बहुत अच्छा फैसला है. मोदी सरकार जो भी निर्णय ले रही है देश हित में ले रही है.
यह भी पढ़ें-केंद्र सरकार ने जारी की नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना
स्टेट हज कमेटी ने कही ये बात: वहीं, दिल्ली स्टेट हज कमेटी की चेयरपर्सन कौसर जहां ने सीएए पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि CAA को लेकर एक बार फिर विपक्ष द्वारा मुसलमानों को भ्रमित करने का षड़यंत्र किया जा रहा है. मेरी आप सभी से गुज़ारिश है कि विपक्ष द्वारा बिछाए जा रहे षड़यंत्र के जाल में ना फंसे. सीएए नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का क़ानून है, इससे किसी को भी घबराने या डरने की जरूरत नहीं है.
यह भी पढ़ें-क्या है सीएए, मुस्लिमों को इस कानून से क्यों रखा गया है बाहर, जानें