करनाल: 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगा दी थी. इस इमरजेंसी का विरोध हरियाणा के करनाल जिले में भी कुछ लोगों ने किया गया था और उनको जेल में डाल दिया गया था. उन लोगों को जेल में 2 साल गुजारने पड़े और इसके बाद वे जेल से बाहर आए थे.
उसमें करनाल के जबाला व अन्य गांव के भी करीब 34 लोग इमरजेंसी के दौरान जेल में गए थे और करीब 50 वर्षों के बाद अब उनको और उनके परिवार वालों को सरकार के द्वारा ताम्रपत्र से सम्मानित किया गया है.
ताम्रपत्र से सम्मानित: ताम्र पत्र से सम्मानित हुए दिलबाग सिंह ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी के द्वारा लगाई गई इमरजेंसी का विरोध किया था. जिसके चलते उनको 2 साल के लिए जेल में डाला गया था. उनके साथ और भी कई साथी थे. लेकिन वह सभी अब भगवान को प्यारे हो गए हैं. एकमात्र वही बचे हैं जो ताम्र पत्र लेने के लिए पहुंचे हैं. जो अन्य व्यक्ति थे. उनकी पत्नियां भी इस कार्यक्रम में पहुंची है. जिनको ताम्रपत्र से सम्मानित किया गया है. उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद उनको भारतीय जनता पार्टी की सरकार में ताम्रपत्र से सम्मानित किया गया है. जिसके चलते उनमें खुशी की लहर है. इमरजेंसी के समय में केवल पुरुष ही नहीं महिलाओं को भी जेल में बंद कर दिया गया था.
इमरजेंसी का किया था विरोध: इमरजेंसी के दौरान जेल में गई महिला खाजानी देवी के बेटे दिलबाग ने कहा कि वह अपनी माता के लिए ताम्र पत्र लेने के लिए आए हैं. उनकी माता उस समय इमरजेंसी के दौरान जेल में गई थी. उन्होंने कहा कि 2017 में मनोहर लाल द्वारा हमारे सभी लोगों की ₹10000 पेंशन लागू की गई थी. तो वहीं हरियाणा रोडवेज में आना जाना फ्री किया गया था. लेकिन अब नायब सैनी के द्वारा हमारे पेंशन 10000 से बढ़कर 20000 रुपए कर दी गई है. आज हमें ताम्रपत्र से सम्मानित भी किया गया है.
34 लोगों को जिला प्रशासन ने किया सम्मानित: जिला प्रशासन द्वारा ताम्रपत्र करीब 34 लोगों को दिया गया है. जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल है. उन्होंने कहा कि अब हमें यह सम्मानित होने से प्रदेश की अन्य योजनाओं का भी लाभ मिलेगा. क्योंकि हमें ऐसी बहुत सी योजनाएं थीं, जिनका लाभ नहीं मिल रहा था. लेकिन अब हमें अन्य योजनाओं का भी लाभ मिलेगा. सम्मानित होने पर लोगों में खुशी की लहर है.
ये भी पढ़ें: खुशखबरी...चंडीगढ़ से प्रयागराज के लिए बस सेवा शुरू, जानें समय, टिकट और सुविधाओं की पूरी जानकारी
ये भी पढ़ें: लाडो लक्ष्मी योजना के लिए महिलाओं को करना होगा और इंतजार, बजट सत्र में मिल सकती है 2100 रुपये की सौगात