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नैनीताल में मां नंदा सुनंदा महोत्सव की धूम, कदली वृक्ष का हुआ भव्य स्वागत, संस्कृति की दिखी झलक - Nanda Sunanda Mahotsav Nainital

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 9, 2024, 10:51 PM IST

Updated : Sep 9, 2024, 11:03 PM IST

Kadali Vriksha Nainital, Nanda Sunanda Mahotsav 2024 कुमाऊं में कदली यानी केले के पेड़ से मां नंदा सुनंदा की प्रतिमा बनाई जाती है. जिसके लिए कदली वृक्ष लाया जाता है. नैनीताल में मां नंदा सुनंदा की प्रतिमा बनाने के लिए कदली वृक्ष लाया गया. जिसका उत्तराखंड की परिधान में महिलाओं ने भव्य स्वागत किया.

Kadali Vriksha Nainital
नैनीताल में मां नंदा सुनंदा महोत्सव (फोटो- ETV Bharat)

नैनीताल/रानीखेत: सरोवर नगरी नैनीताल में मां नंदा सुनंदा महोत्सव का आगाज हो गया है. आज मां नंदा सुनंदा की मूर्ति के लिए कदली वृक्ष लाया गया. जिन्हें नगर भ्रमण के बाद मंदिर परिसर में रख दिया गया है. जहां अब कदली वृक्ष से मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं का निर्माण किया जाएगा.

नैनीताल में कदली वृक्ष का भव्य स्वागत (वीडियो- ETV Bharat)

मां नंदा देवी के 122वें महोत्सव का आगाज: नैनीताल में मां नंदा देवी के 122वें महोत्सव का आगाज हो चुका है. आज मां की मूर्ति निर्माण के लिए मंगोली के रोखड गांव से कदली यानी केले के पेड़ नैनीताल ले जाया गया. कदली वृक्ष को नैनीताल लाने के बाद स्थानीय महिलाओं और भक्तों ने उत्तराखंड पारंपरिक परिधान पहनकर कदली वृक्ष का स्वागत किया.

Kadali Vriksha in Nanda Sunanda Mahotsav
कदली वृक्ष का स्वागत (फोटो- ETV Bharat)

इस दौरान पूरा नैनीताल मां नंदा सुनंदा के जयकारों से गुंजायमान हो उठा. कदली वृक्ष का नैनीताल भ्रमण कराया गया. जिसमें नगर के स्कूली बच्चों ने भव्य शोभायात्रा भी निकाली. नगर भ्रमण के बाद मां नयना देवी मंदिर परिसर में कदली वृक्षों का अभिषेक किया गया. अब कल यानी 10 सितंबर को इन वृक्षों से मां नंदा-सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण किया जाएगा.

अष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में प्रतिमा के कर सकेंगे दर्शन: वहीं, अष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में मां नंदा-सुनंदा की प्रतिमाओं को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा. मां नंदा सुनंदा की मूर्ति निर्माण के लिए रविवार को रामसेवक सभा से एक दल रोखड़ गांव गया था. जो आज यानी सोमवार कदली वृक्ष लेकर नैनीताल पहुंचा. जिसके बाद रामसेवक सभा ने कदली वृक्ष को सुखताल और चीन बाबा क्षेत्र पहुंचाया. जहां कदली वृक्ष की पूजा अर्चना हुई. जिसके बाद कदली को वैष्णो देवी मंदिर तल्लीताल लाया गया.

Kadali Vriksha in Nanda Sunanda Mahotsav
शिव पार्वती के रूप में छात्र (फोटो- ETV Bharat)

जहां से स्थानीय महिलाओं, स्कूली बच्चों समेत तमाम लोग शोभायात्रा के रूप में पलीताल बाजार मॉल रोड होते हुए रामसेवक सभा पहुंचे. वहीं, शाम को कदली वृक्ष को मां नैना देवी मंदिर लाया गया. जहां वृक्ष का अभिषेक किया गया. इसके बाद दोनों वृक्षों को मूर्ति निर्माण के लिए मंदिर प्रांगण में रख दिया गया है.

Kadali Vriksha in Nanda Sunanda Mahotsav
पारंपरिक परिधान में छात्राएं (फोटो- ETV Bharat)

वहीं, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत भी मां नंदा सुनंदा महोत्सव में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने नैना देवी मंदिर में पहुंच कर कदली वृक्ष की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की. इस दौरान दीपक रावत ने कहा कि मेले की व्यवस्था साल दर साल बेहतर हो रही है. नंदा महोत्सव पर नैनीताल नगर का माहौल अद्भुत और दर्शनीय होता है. इसे मानस खंड से भी जोड़ा गया है. नगर को बेहतर बनाने के कई विकास कार्य भी किए जाने हैं.

Kadali Vriksha in Nanda Sunanda Mahotsav
नैनीताल में शोभायात्रा (फोटो- ETV Bharat)

बारिश भी नहीं डिगा सकी भक्तों की आस्था: कदली वृक्ष के स्वागत के दौरान नैनीताल में देर शाम तेज झमाझम बारिश हुई. बारिश के बावजूद भी भक्तों का जोश काम नहीं हुआ और भक्त कर ली वृक्ष को कंधों पर लेकर मॉल रोड, बड़ा बाजार होते हुए मंदिर परिसर तक लेकर पहुंचे. उधर, अल्मोड़ा के रानीखेत में भी 134वें मां नंदा सुनंदा महोत्सव का शुभारंभ हो गया है.

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नैनीताल में कदली वृक्ष का भव्य स्वागत (वीडियो- ETV Bharat)

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Kadali Vriksha in Nanda Sunanda Mahotsav
कदली वृक्ष का स्वागत (फोटो- ETV Bharat)

इस दौरान पूरा नैनीताल मां नंदा सुनंदा के जयकारों से गुंजायमान हो उठा. कदली वृक्ष का नैनीताल भ्रमण कराया गया. जिसमें नगर के स्कूली बच्चों ने भव्य शोभायात्रा भी निकाली. नगर भ्रमण के बाद मां नयना देवी मंदिर परिसर में कदली वृक्षों का अभिषेक किया गया. अब कल यानी 10 सितंबर को इन वृक्षों से मां नंदा-सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण किया जाएगा.

अष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में प्रतिमा के कर सकेंगे दर्शन: वहीं, अष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में मां नंदा-सुनंदा की प्रतिमाओं को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा. मां नंदा सुनंदा की मूर्ति निर्माण के लिए रविवार को रामसेवक सभा से एक दल रोखड़ गांव गया था. जो आज यानी सोमवार कदली वृक्ष लेकर नैनीताल पहुंचा. जिसके बाद रामसेवक सभा ने कदली वृक्ष को सुखताल और चीन बाबा क्षेत्र पहुंचाया. जहां कदली वृक्ष की पूजा अर्चना हुई. जिसके बाद कदली को वैष्णो देवी मंदिर तल्लीताल लाया गया.

Kadali Vriksha in Nanda Sunanda Mahotsav
शिव पार्वती के रूप में छात्र (फोटो- ETV Bharat)

जहां से स्थानीय महिलाओं, स्कूली बच्चों समेत तमाम लोग शोभायात्रा के रूप में पलीताल बाजार मॉल रोड होते हुए रामसेवक सभा पहुंचे. वहीं, शाम को कदली वृक्ष को मां नैना देवी मंदिर लाया गया. जहां वृक्ष का अभिषेक किया गया. इसके बाद दोनों वृक्षों को मूर्ति निर्माण के लिए मंदिर प्रांगण में रख दिया गया है.

Kadali Vriksha in Nanda Sunanda Mahotsav
पारंपरिक परिधान में छात्राएं (फोटो- ETV Bharat)

वहीं, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत भी मां नंदा सुनंदा महोत्सव में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने नैना देवी मंदिर में पहुंच कर कदली वृक्ष की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की. इस दौरान दीपक रावत ने कहा कि मेले की व्यवस्था साल दर साल बेहतर हो रही है. नंदा महोत्सव पर नैनीताल नगर का माहौल अद्भुत और दर्शनीय होता है. इसे मानस खंड से भी जोड़ा गया है. नगर को बेहतर बनाने के कई विकास कार्य भी किए जाने हैं.

Kadali Vriksha in Nanda Sunanda Mahotsav
नैनीताल में शोभायात्रा (फोटो- ETV Bharat)

बारिश भी नहीं डिगा सकी भक्तों की आस्था: कदली वृक्ष के स्वागत के दौरान नैनीताल में देर शाम तेज झमाझम बारिश हुई. बारिश के बावजूद भी भक्तों का जोश काम नहीं हुआ और भक्त कर ली वृक्ष को कंधों पर लेकर मॉल रोड, बड़ा बाजार होते हुए मंदिर परिसर तक लेकर पहुंचे. उधर, अल्मोड़ा के रानीखेत में भी 134वें मां नंदा सुनंदा महोत्सव का शुभारंभ हो गया है.

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Last Updated : Sep 9, 2024, 11:03 PM IST
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