नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में साया गोल्ड सोसाइटी में रहने वाले लोग स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से जूझ रहे हैं. समिति के निवासियों का कहना है कि समिति में पानी गंदा आ रहा है. इसके चलते लोग बीमार पड़ रहे हैं. निवासी पीएस राठौर का कहना है कि लापरवाही की चलते सोसाइटी में गंदा पानी आ रहा है. सोसाइटी में लोग बीमार पड़ रहे हैं. यह एक प्रीमियम समिति है और हम प्रीमियम सर्विस चार्ज देते हैं. इसके बावजूद सर्विस और मेंटेनेंस के नाम पर सुविधा नहीं है. कई बार 40 मंजिला इमारत में लिफ्ट खराबी की समस्याएं भी आम बात है.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि समिति में मुख्य समस्या पानी की है. पानी बिल्कुल साफ नहीं आ रहा है. सोसाइटी में रहने वाले अधिकतर लोग डायरिया लूज मोशन उल्टी आदि से ग्रसित हैं. सोसाइटी में रहने वाले लोगों का कहना है कि हम हफ्ते भर से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
जिला सर्वेलांस अधिकारी सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने बताया कि सोसाइटी में पिछले कुछ दिनों से सप्लाई के पानी में लिकेज की शिकायत थी. इसकी जानकारी सोसाइटी को मेन्टेनेन्स विभाग को दी गई. पीने के पानी में सम्भवतः सीवर का पानी मिल जाने के कारण पानी साफ नहीं आ रहा था. यह भी बताया गया कि यही पानी लोग यूज कर रहे थे. सोसाइटी के रहने वाले सभी आठों टावर के लगभग विभिन्न परिवारों में पेट में दर्द, उल्टी, सर दर्द, दस्त, जी मिचलाना आदि समस्या से ग्रस्त निवासियों की सूचना सोसाइटी के निजी व्हाटसएप ग्रुप में शेयर की जाने लगी.
डीएसओ से मिली जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग गाजियाबाद को सूचना प्राप्त होने के बाद चिकित्कीय टीम द्वारा संयुक्त रूप से हेल्थ कैम्प लगाकर सोसाइटी में दवा वितरण और ओआरएस वितरण किया गया है. हेल्थ कैम्प में पाया गया कि मरीजों को मुख्यतः पेट दर्द, उल्टी, सर दर्द, दस्त, जी मिचलाना आदि के लक्षण थे. डॉक्टरों ने कुल 45 मरीजों को इलाज किया.
ये भी पढ़ें : ग्रेटर नोएडा: गंगाजल परियोजना के पाइपलाइन में लीकेज, घरों में दूषित पानी पहुंचने से लोगों को हो रही परेशानी
स्वास्थ विभाग के मुताबिक, सोसाइटी के विभिन्न स्थानों से 15 पानी के सैम्पल लिये गए. आगामी दो दिनों के लिए चिकित्सकीय टीम को हैल्थ कैम्प के लिए आदेशित किया गया है. वर्तमान में स्थिति सामान्य है.
ये भी पढ़ें : दूषित पानी से सालाना 3.7 करोड़ भारतीय होते हैं बीमार, 3360 करोड़ रु. का होता है नुकसान