पटना: होली का जिक्र हो और फगुआ की बात ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता है. बिहार में फगुआ के बिना होली अधूरी है. पूरे बिहार में होली उत्सव की धूम है गांव से लेकर शहरों तक इसे धूमधाम से मनाया गया. राजधानी पटना में होली के मौके पर फगुआ गीत गाया गया. पारंपरिक फगुआ के बिना होली उत्सव काफी फीका लगता है. परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए हर से होली के मौके पर फगुआ गीत का आयोजन किया जाता है पारंपरिक झाल और ढोलक की धुन पर फगुआ गीत गाना और सुनना दोनों ही आनंददायक है.
गांव से शहर तक पहुंचा फगुआ: बिहार में बसंत पंचमी के बाद से ही फगुआ गीत गाए जाने लगते हैं और सिलसिला होली तक बरकरार रहता है. फगुआ गीत के चाहने वाले तो कई हैं लेकिन गाने वालों की संख्या कम होती जा रही है. राजधानी पटना में फगुआ गीत गाने वालों ने होली उत्सव में चार चांद लगा दिया. फगुआ गीत गांव से निकलकर शहर तक पहुंच चुका है और इसके कदरदान शहर में भी मौजूद हैं.
होली पर फगुआ गीत का आयोजन: बिहार और उत्तर प्रदेश में फगुआ गीत बड़े ही उत्साह के साथ गया जाता है. पूर्वांचल इलाके में फगुआ गीत का क्रेज आज भी है. होली के त्यौहार के दौरान अगर फगुआ गीत का आयोजन हो तो होली उत्सव में चार-चांद लग जाता है. राजधानी पटना में फगुआ गीत का आयोजन होली के मौको को पर किया जाता है और सभी उम्र के लोग आयोजन का हिस्सा बनते हैं.