श्रीनगर: अंकिता भंडारी हत्याकांड के खिलाफ अंकिता के परिजनों द्वारा किया जा रहा आंदोलन अब उग्र रूप लेने जा रहा है. दरअसल वीआईपी की गिरफ्तारी, तत्कालीन एसडीएम और यमकेश्वर विधायक पर कार्रवाई की मांग को लेकर आज बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और सरकार का पुतला फूंककर जमकर नारेबाजी की. साथ ही कुछ लोगों ने हाईवे को जाम कर दिया. जिससे हाईवे पर कुछ देर तक वाहनों के पहिए थमे रहे.
प्रदर्शनकारियों और लोगों के बीच हुई बहस: बता दें कि धरने पर बैठे लोगों और पुलिस बीच जमकर तू-तू मैं-मैं भी हुई. इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस कार्यकर्ता सहित अंकिता के परिजन मौजूद रहे. अंकिता के पिता ने कहा कि सरकार अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने वाले लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसा रही है. हाल ही में अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलाने में सहयोग कर रहे पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष नेगी को पुलिस ने एससी एसटी केस में गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बाद भी ये आंदोलन जारी रहेगा.
अंकिता के परिजन बोले लोग करें हमारी मदद: अंकिता के पिता ने कहा कि वह पिछले आठ दिनों से धरना दे रहे हैं. वीआईपी, यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट और तत्कालीन एसडीएम पर कार्रवाई मांग उठा रहे हैं, लेकिन सरकार कार्रवाई के बदले आंदोलन तोड़ने की कोशिश कर रही है. अंकिता की मां ने कहा कि सरकार चाहे कुछ भी कर ले, उनका और उनके पति का आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को मानती नहीं है, तब तक वह आंदोलन करते रहेंगे. इसके अलावा उन्होंने लोगों से उनका समर्थन करने की अपील की है.
आशुतोष नेगी पर दर्ज है ये मामला: पौड़ी के ग्राम पयासू के शिकायतकर्ता राजेश सिंह राजा कोली की लिखित तहरीर के आधार पर बीते 05 जनवरी 2024 को कोतवाली पौड़ी में 01/24, धारा 504/506 IPC, धारा 66 (C) सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2000 और धारा 3(1) (घ) SC/ST एक्ट बनाम आशुतोष एवं अन्य के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया. जिसकी विवेचना क्षेत्राधिकारी कोटद्वार वैभव सैनी द्वारा की जा रही है. वहीं विवेचना में पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर पूर्व में एक अभियुक्त दीप मैठाणी को देहरादून से गिरफ्तार किया गया था. वहीं मंगलवार देर सायं आशुतोष नेगी को भी गिरफ्तार कर दिया गया है. जिसे न्यायालय में पेश किया गया है. आशुतोष नेगी को न्यायालय के आदेशों के बाद 15 मार्च तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार पौड़ी भेज दिया गया है.
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