खटीमा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह क्षेत्र खटीमा में खटीमा-मझोला हाईवे पिछले एक साल से बदहाल स्थिति पर है. जिसके चलते लोगों को आवाजाही करने में खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले इस मुख्य मार्ग की बदहाली के पीछे राष्ट्रीय राजमार्ग की उदासीनता भी नजर आ रही है. बदहाली के चलते हाईवे दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है.
सीएम धामी ने प्रदेश के सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के अधिकारियों को निर्देशित किया है. लेकिन खुद उनके गृह क्षेत्र खटीमा में पिछले 1 साल से खटीमा-मझोला राष्ट्रीय राजमार्ग बदहाली में है. बदहाली का आलम यह है कि सड़क में गड्ढे हैं या गढ़ों में सड़क है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है. खटीमा से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग का लगभग 15 किलोमीटर का पेंच बुरी तरह जर्जर हो चुका है. इस सड़क मार्ग से जुड़ने वाले दर्जनों गांव के ग्रामीणों को मुख्य नगर खटीमा आने के लिए रोजाना दुश्वारियां उठानी पड़ रही हैं. वहीं जर्जर हाईवे हादसे का सबब बना हुआ है.
हाईवे को लेकर कई बार ग्रामीण शासन प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार उनकी सुनवाई किसी स्तर पर नहीं हो रही है. सड़क से गुजरने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि अगर वह सुबह घर से निकलते हैं तो शाम को वह सकुशल घर पहुंचेंगे इस बात का उन्हें विश्वास नहीं रहता है. लोगों ने शासन-प्रशासन से मार्ग जल्द दुरुस्त करने की मांग की है.
खटीमा लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता प्रेम प्रकाश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2018 में इस सड़क को राजमार्ग से राष्ट्रीय राजमार्ग किए जाने की घोषणा हुई. वहीं अप्रैल 2024 को खटीमा मझोला सड़क मार्ग एनएच को हस्तांतरित भी किया जा चुका है. अब इसके निर्माण की कार्रवाई एनएच विभाग द्वारा ही की जाएगी. फिलहाल वर्तमान में एनएच द्वारा बदहाल सड़क पर गड्ढों को ईंटों को भरने का कार्य शुरू किया गया है.
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