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सर्दियों में लोगों को अस्पताल पहुंचा रहा एक छोटा सा पिस्सू, जानिए बचाव के तरीके

श्रीनगर गढ़वाल में पशुओं में रहने वाला पिस्सू इंसान के कान में घुसकर जमा रहे अड्डा, सिर और कान दर्द की बन रहे वजह

FLEA INSECT UTTARAKHAND
पिस्सू से खतरा (फोटो- ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

श्रीनगर: सर्दियां आते ही एकाएक कान और सिर दर्द की शिकायत लेकर मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. जब ईएनटी विशेषज्ञ मरीजों की कान की जांच कर रहे हैं तो वो हैरत में पड़ रहे हैं. क्योंकि, जांच करने पर पता चल रहा है कि उनके कानों में पिस्सू (Flea) घर बना रहे हैं. जिसके कारण लोगों का सिर और कान दर्द हो रहा है. ऐसा एक मरीज नहीं, बल्कि दर्जनों मरीजों के साथ ऐसा हो रहा है.

दरअसल, राजकीय संयुक्त उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर गढ़वाल में बढ़ती ठंड के साथ ही ईएनटी विभाग में रोजाना गले में एलर्जी और कान में दर्द के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. रोजाना अस्पताल पहुंच रहे 50 से ज्यादा मरीज गले में टॉन्सिलाइटिस और फैरिंजाइटिस से ग्रसित हैं. दूसरी ओर ठंड से मरीजों में कान में दर्द की शिकायत भी ज्यादा मिल रही है. डॉक्टरों की मानें तो मरीजों के कान में दर्द का कारण पशुओं के बालों में रहने वाला कीड़ा पिस्सू है.

कान में मिल रहा पिस्सू: कान में तेज दर्द की शिकायत पर अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की जब जांच की जा रही है तो उनके कान में पिस्सू (साइफोनेप्टेरा) नाम का कीड़ा मिल रहा है. ये कीड़ा कान के अंदर अंडे तक दे रहा है, जिससे मरीजों में कान के दर्द के साथ तेज सिर दर्द की शिकायत भी देखने को मिल रही है.

ऐसे में 5 से 10 मरीज रोजाना इस तरह की समस्याएं लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है कि पशुपालक ज्यादातर समय अपने पशुओं के साथ बिताते हैं. इस दौरान ये पिस्सू पशुओं के जरिए लोगों के कान तक पहुंच रहा है. जिसके कारण लोगों को इस प्रकार की तकलीफ हो रही है.

ईएनटी विशेषज्ञ दिगपाल दत्त ने कही ये बात: राजकीय संयुक्त उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर गढ़वाल के ईएनटी विशेषज्ञ दिगपाल दत्त ने बताया कि ठंड बढ़ते ही ओपीडी में गले और कान दर्द की समस्या को लेकर 50 से ज्यादा बच्चों से लेकर बुजुर्ग मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं. ऐसे मरीजों के गले में टॉन्सिलाइटिस और फैरिंजाइटिस, दाने होना और कान में कीड़े का घुसना भी पाया जा रहा है.

ईएनटी विशेषज्ञ दिगपाल दत्त ने सलाह दी कि ऐसे में जब भी कोई व्यक्ति किसी पशु के संपर्क में आएं तो वो कान में रुई अवश्य लगाएं. ताकि, पिस्सू कान में न जा सके. उन्होंने कहा कि जब भी सिर या कान दर्द की शिकायत हो तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं.

कैसा होता है पिस्सू? पिस्सू एक छोटा सा कीड़ा होता है. जो भूरे से लेकर करीबन काला रंग का होता है. इसके पंख नहीं होते हैं, लेकिन ये तेजी के साथ छलांग लगाते हैं. इसका खोल सख्त होता है. जबकि, शरीर पतला और चपटा होता है. अकसर ये जीव बालों या शरीर के अन्य गर्म जगहों में रहता है. छलांग लगाने की वजह से इसे आसानी से नहीं पकड़ा जा सकता है.

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श्रीनगर: सर्दियां आते ही एकाएक कान और सिर दर्द की शिकायत लेकर मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. जब ईएनटी विशेषज्ञ मरीजों की कान की जांच कर रहे हैं तो वो हैरत में पड़ रहे हैं. क्योंकि, जांच करने पर पता चल रहा है कि उनके कानों में पिस्सू (Flea) घर बना रहे हैं. जिसके कारण लोगों का सिर और कान दर्द हो रहा है. ऐसा एक मरीज नहीं, बल्कि दर्जनों मरीजों के साथ ऐसा हो रहा है.

दरअसल, राजकीय संयुक्त उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर गढ़वाल में बढ़ती ठंड के साथ ही ईएनटी विभाग में रोजाना गले में एलर्जी और कान में दर्द के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. रोजाना अस्पताल पहुंच रहे 50 से ज्यादा मरीज गले में टॉन्सिलाइटिस और फैरिंजाइटिस से ग्रसित हैं. दूसरी ओर ठंड से मरीजों में कान में दर्द की शिकायत भी ज्यादा मिल रही है. डॉक्टरों की मानें तो मरीजों के कान में दर्द का कारण पशुओं के बालों में रहने वाला कीड़ा पिस्सू है.

कान में मिल रहा पिस्सू: कान में तेज दर्द की शिकायत पर अस्पताल पहुंच रहे मरीजों की जब जांच की जा रही है तो उनके कान में पिस्सू (साइफोनेप्टेरा) नाम का कीड़ा मिल रहा है. ये कीड़ा कान के अंदर अंडे तक दे रहा है, जिससे मरीजों में कान के दर्द के साथ तेज सिर दर्द की शिकायत भी देखने को मिल रही है.

ऐसे में 5 से 10 मरीज रोजाना इस तरह की समस्याएं लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है कि पशुपालक ज्यादातर समय अपने पशुओं के साथ बिताते हैं. इस दौरान ये पिस्सू पशुओं के जरिए लोगों के कान तक पहुंच रहा है. जिसके कारण लोगों को इस प्रकार की तकलीफ हो रही है.

ईएनटी विशेषज्ञ दिगपाल दत्त ने कही ये बात: राजकीय संयुक्त उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर गढ़वाल के ईएनटी विशेषज्ञ दिगपाल दत्त ने बताया कि ठंड बढ़ते ही ओपीडी में गले और कान दर्द की समस्या को लेकर 50 से ज्यादा बच्चों से लेकर बुजुर्ग मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं. ऐसे मरीजों के गले में टॉन्सिलाइटिस और फैरिंजाइटिस, दाने होना और कान में कीड़े का घुसना भी पाया जा रहा है.

ईएनटी विशेषज्ञ दिगपाल दत्त ने सलाह दी कि ऐसे में जब भी कोई व्यक्ति किसी पशु के संपर्क में आएं तो वो कान में रुई अवश्य लगाएं. ताकि, पिस्सू कान में न जा सके. उन्होंने कहा कि जब भी सिर या कान दर्द की शिकायत हो तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं.

कैसा होता है पिस्सू? पिस्सू एक छोटा सा कीड़ा होता है. जो भूरे से लेकर करीबन काला रंग का होता है. इसके पंख नहीं होते हैं, लेकिन ये तेजी के साथ छलांग लगाते हैं. इसका खोल सख्त होता है. जबकि, शरीर पतला और चपटा होता है. अकसर ये जीव बालों या शरीर के अन्य गर्म जगहों में रहता है. छलांग लगाने की वजह से इसे आसानी से नहीं पकड़ा जा सकता है.

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