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दिल्ली सरकार की कैट्स एम्बुलेंस सेवा का सर्वर डाउन, मरीज प्राइवेट व्यवस्था के सहारे - CATS ambulance service server down

CATS ambulance service server down: दिल्ली में 'कैट्स' एंबुलेंस सेवा लाखों लोगों के लिए मददगार है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से इसका सर्वर डाउन होने के चलते लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कहा जा रहा है कि इसे जल्द ठीक कर लिया जाएगा, लेकिन क्या है जमीनी हकीकत, आइए जानते हैं...

CATS ambulance service server down
CATS ambulance service server down
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 15, 2024, 7:20 PM IST

सर्वर डाउन होने के चलते लोगों को हो रही परेशानी

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की सेंट्रलाइज्ड एक्सीडेंट एंड ट्रॉमा सर्विसेज (कैट्स) एंबुलेंस सेवा का सर्वर करीब एक हफ्ते से डाउन होने की वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आपातकालीन स्थिति में मरीज को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर वापस ले जाने के लिए मरीज के तीमारदार 102 नंबर पर कॉल करके एंबुलेंस मंगाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सर्वर डाउन होने की वजह से कई बार कॉल नहीं लग रहा है, तो कभी कॉल लगने के काफी देर बाद जवाब मिल रहा है.

लोगों को हो रही फजीहत: जीबी पंत अस्पताल में अपनी मां को हार्ट की समस्या के इलाज के लिए आए फैयाज ने बताया कि उनकी मां दो दिन से यहां एडमिट हैं. डॉक्टर ने उनकी मां को डिस्चार्ज करने की बात कहकर एंबुलेंस की व्यवस्था करने को कहा. लेकिन उन्होंने जब नि:शुल्क कैट्स एंबुलेंस सेवा के लिए 102 नंबर डायल किया तो पहले दो बार तो कॉल ही नहीं उठा. तीसरी बार ऑपरेटर ने पूछा कि आपको कहां जाना है और क्या इमरजेंसी है, जिसके बाद उन्हें सारी बात बताई. इस पर ऑपरेटर ने कहा कि आप पहले डॉक्टर से लिखवा लें की मरीज को एंबुलेंस की जरूरत है, क्योंकि सर्वर डाउन होने के कारण बहुत ज्यादा जरूरत होने पर ही एंबुलेंस उपलब्ध करा रहे हैं.

ऑपरेटर ने यह भी बताया कि सर्वर डाउन होने की वजह से कॉल सीधे ड्राइवर के पास नहीं जा रही और हम मैनुअल रूप से काम कर रहे हैं. इसके बाद कहा गया कि आपका नंबर ड्राइवर को दिया जा रहा है. आपके पास कॉल जाएगा. इसके करीब 20 मिनट बाद एंबुलेंस ड्राइवर का कॉल आया, जिसमें उसने 20-25 मिनट में आने की बात कही. हालांकि, तब तक फैयाज की मां की अस्पताल से छुट्टी हो गई, तो उसने इंतजार न करते हुए कैब बुक कर ली. साथ ही कैट्स एंबुलेंस की रिक्वेस्ट भी कैंसल करा दी.

आंकड़ों पर एक नजर
आंकड़ों पर एक नजर

फिलहाल इस तरह चल रहा काम: उधर, शकरपुर स्थित कैट्स एंबुलेंस के कंट्रोल रूम में कार्यरत टेक्निकल विभाग के प्रभारी एसडी खान ने बताया कि सर्वर में तकनीकी खराबी की वजह से कैट्स एंबुलेंस सेवा के संचालन में समस्या आ रही है. इसका समाधान करने की हम लगातार कोशिश कर रहे हैं. मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए हम तरीके से कॉल अटेंड कर ड्राइवर को कॉलर का नंबर देकर एंबुलेंस उपलब्ध करा रहे हैं. जल्द ही सर्वर को ठीक करके पहले की तरह सेवाएं सुचारू रूप से शुरु कर दी जाएंगी. अब मरीजों को धीरे-धीरे समय पर एंबुलेंस उपल्बध कराई जा रही है. अब पहले जितनी समस्या नहीं है.

वहीं, एक कैट्स एंबुलेंस ड्राइवर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अभी कंट्रोल रूम में टेबल नंबर वाइज कॉल अटेंड करने की व्यवस्था की गई है. जिस भी टेबल पर कॉल आता है, ड्राइवर को कॉल करके टेबल नंबर और कॉलर का नंबर बताया जाता है. इसे हम अपने रिकॉर्ड में दर्ज करते हैं. इसके बाद मरीज के तीमारदार को कॉल कर उसके पास पहुंचते हैं. पहले सीधे सर्वर पर कॉल आने के बाद कॉल डायरेक्ट के पास ट्रांसफर कर दी जाती थी. साथ ही सर्वर की मदद से कॉलर की बताई गई लोकेशन पर आसपास के एंबुलेंस को भी सर्च कर लिया जाता था, लेकिन अब यह नहीं हो पा रहा है. इसके चलते एंबुलेंस को मरीज तक पहुंचने में समय लग रहा है. कैट्स सेवा के अधिकारियों के अनुसार उनके पास अभी कुल 380 एंबुलेंस है, जिनकी अलग अलग कैटेगरी है.

194 करोड़ रुपये का मिला बजट: 2014 में विभाग के पास कुल 155 एंबुलेंस थी, लेकिन तब उन्हें मरीजों तक पहुंचने में करीब 55 मिनट का समय लगता था, लेकिन कैट्स एंबुलेंस के बाद यह समय घटकर 15 मिनट रह गया था. दिल्ली सरकार ने इस साल पेश किए बजट में कैट्स एंबुलेंस के लिए 194 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान रखा है, जिससे एडवांस लाइफ सपोर्ट और और बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जाएगी.

यह भी पढ़ें-दिल्ली एम्स में जल्द होगी 'स्क्रीनिंग ओपीडी', गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को मिलेगी सहूलियत

दिल्ली पुलिस को लोग घुमा रहे फोन: इसे लेकर एम्स के नर्सिंग अधिकारी कनिष्क यादव ने भी बताया कि गुरुवार को ड्यूटी कर के जाते समय उन्हें एक बाइक सवार सड़क हादसे में घायल मिला था, जिस पर उसे ट्रामा सेंटर पहुंचाने के लिए उन्होंने 102 पर कॉल किया था. जब 30 मिनट तक कॉल का जवाब नहीं मिला तो उन्होंने दिल्ली पुलिस की पीसीआर सेवा के लिए 108 नंबर पर कॉल करके मदद मांगी और घायल को ट्रामा सेंटर भिजवाया. तब उन्हें पता चला था कि कैट्स सर्विस का सर्वर डाउन है. उधर दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट से मिली जानकारी के अनुसार, कैट्स एंबुलेंस सर्विस का सर्वर डाउन होने की वजह से बुधवार रात से गुरुवार दोपहर ढाई बजे तक उनके पास करीब 215 लोगों ने पीसीआर पर कॉल करके अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर पहुंचाने के लिए मदद मांगी.

यह भी पढ़ें-सर्वाइकल कैंसर को डिटेक्ट करने के लिए जल्द मिलेगा स्वदेशी टेस्टिंग किट, Delhi AIIMS में चल रहा परीक्षण

सर्वर डाउन होने के चलते लोगों को हो रही परेशानी

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की सेंट्रलाइज्ड एक्सीडेंट एंड ट्रॉमा सर्विसेज (कैट्स) एंबुलेंस सेवा का सर्वर करीब एक हफ्ते से डाउन होने की वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आपातकालीन स्थिति में मरीज को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर वापस ले जाने के लिए मरीज के तीमारदार 102 नंबर पर कॉल करके एंबुलेंस मंगाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सर्वर डाउन होने की वजह से कई बार कॉल नहीं लग रहा है, तो कभी कॉल लगने के काफी देर बाद जवाब मिल रहा है.

लोगों को हो रही फजीहत: जीबी पंत अस्पताल में अपनी मां को हार्ट की समस्या के इलाज के लिए आए फैयाज ने बताया कि उनकी मां दो दिन से यहां एडमिट हैं. डॉक्टर ने उनकी मां को डिस्चार्ज करने की बात कहकर एंबुलेंस की व्यवस्था करने को कहा. लेकिन उन्होंने जब नि:शुल्क कैट्स एंबुलेंस सेवा के लिए 102 नंबर डायल किया तो पहले दो बार तो कॉल ही नहीं उठा. तीसरी बार ऑपरेटर ने पूछा कि आपको कहां जाना है और क्या इमरजेंसी है, जिसके बाद उन्हें सारी बात बताई. इस पर ऑपरेटर ने कहा कि आप पहले डॉक्टर से लिखवा लें की मरीज को एंबुलेंस की जरूरत है, क्योंकि सर्वर डाउन होने के कारण बहुत ज्यादा जरूरत होने पर ही एंबुलेंस उपलब्ध करा रहे हैं.

ऑपरेटर ने यह भी बताया कि सर्वर डाउन होने की वजह से कॉल सीधे ड्राइवर के पास नहीं जा रही और हम मैनुअल रूप से काम कर रहे हैं. इसके बाद कहा गया कि आपका नंबर ड्राइवर को दिया जा रहा है. आपके पास कॉल जाएगा. इसके करीब 20 मिनट बाद एंबुलेंस ड्राइवर का कॉल आया, जिसमें उसने 20-25 मिनट में आने की बात कही. हालांकि, तब तक फैयाज की मां की अस्पताल से छुट्टी हो गई, तो उसने इंतजार न करते हुए कैब बुक कर ली. साथ ही कैट्स एंबुलेंस की रिक्वेस्ट भी कैंसल करा दी.

आंकड़ों पर एक नजर
आंकड़ों पर एक नजर

फिलहाल इस तरह चल रहा काम: उधर, शकरपुर स्थित कैट्स एंबुलेंस के कंट्रोल रूम में कार्यरत टेक्निकल विभाग के प्रभारी एसडी खान ने बताया कि सर्वर में तकनीकी खराबी की वजह से कैट्स एंबुलेंस सेवा के संचालन में समस्या आ रही है. इसका समाधान करने की हम लगातार कोशिश कर रहे हैं. मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए हम तरीके से कॉल अटेंड कर ड्राइवर को कॉलर का नंबर देकर एंबुलेंस उपलब्ध करा रहे हैं. जल्द ही सर्वर को ठीक करके पहले की तरह सेवाएं सुचारू रूप से शुरु कर दी जाएंगी. अब मरीजों को धीरे-धीरे समय पर एंबुलेंस उपल्बध कराई जा रही है. अब पहले जितनी समस्या नहीं है.

वहीं, एक कैट्स एंबुलेंस ड्राइवर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अभी कंट्रोल रूम में टेबल नंबर वाइज कॉल अटेंड करने की व्यवस्था की गई है. जिस भी टेबल पर कॉल आता है, ड्राइवर को कॉल करके टेबल नंबर और कॉलर का नंबर बताया जाता है. इसे हम अपने रिकॉर्ड में दर्ज करते हैं. इसके बाद मरीज के तीमारदार को कॉल कर उसके पास पहुंचते हैं. पहले सीधे सर्वर पर कॉल आने के बाद कॉल डायरेक्ट के पास ट्रांसफर कर दी जाती थी. साथ ही सर्वर की मदद से कॉलर की बताई गई लोकेशन पर आसपास के एंबुलेंस को भी सर्च कर लिया जाता था, लेकिन अब यह नहीं हो पा रहा है. इसके चलते एंबुलेंस को मरीज तक पहुंचने में समय लग रहा है. कैट्स सेवा के अधिकारियों के अनुसार उनके पास अभी कुल 380 एंबुलेंस है, जिनकी अलग अलग कैटेगरी है.

194 करोड़ रुपये का मिला बजट: 2014 में विभाग के पास कुल 155 एंबुलेंस थी, लेकिन तब उन्हें मरीजों तक पहुंचने में करीब 55 मिनट का समय लगता था, लेकिन कैट्स एंबुलेंस के बाद यह समय घटकर 15 मिनट रह गया था. दिल्ली सरकार ने इस साल पेश किए बजट में कैट्स एंबुलेंस के लिए 194 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान रखा है, जिससे एडवांस लाइफ सपोर्ट और और बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जाएगी.

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दिल्ली पुलिस को लोग घुमा रहे फोन: इसे लेकर एम्स के नर्सिंग अधिकारी कनिष्क यादव ने भी बताया कि गुरुवार को ड्यूटी कर के जाते समय उन्हें एक बाइक सवार सड़क हादसे में घायल मिला था, जिस पर उसे ट्रामा सेंटर पहुंचाने के लिए उन्होंने 102 पर कॉल किया था. जब 30 मिनट तक कॉल का जवाब नहीं मिला तो उन्होंने दिल्ली पुलिस की पीसीआर सेवा के लिए 108 नंबर पर कॉल करके मदद मांगी और घायल को ट्रामा सेंटर भिजवाया. तब उन्हें पता चला था कि कैट्स सर्विस का सर्वर डाउन है. उधर दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट से मिली जानकारी के अनुसार, कैट्स एंबुलेंस सर्विस का सर्वर डाउन होने की वजह से बुधवार रात से गुरुवार दोपहर ढाई बजे तक उनके पास करीब 215 लोगों ने पीसीआर पर कॉल करके अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर पहुंचाने के लिए मदद मांगी.

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