गिरिडीह: जिले के दोनों लोकसभा सीट और एक विधानसभा सीट पर मतदान हो चुका है. इन तीनों सीटों पर चुनाव प्रचार के दरमियान के बाद सभी प्रत्याशियों ने एक ही बात कही कि क्षेत्र का समुचित विकास होगा. इसी विकास की उम्मीद बेंगाबाद के बधवारा के लोगों ने कर रखी है. यहां के लोग बदहाल सड़क को बनाने की मांग कर रहे हैं.
सड़क ही किसी क्षेत्र के विकास का आईना होती है. सड़कें चकाचक हो तो आवागमन में सुविधा होती है, वहीं यदि सड़क बदहाल हो तो लोगों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है. कुछ इसी तरह की समस्या बेंगाबाद प्रखंड के बधवारा पंचायत के लोगों को झेलना पड़ रहा है. यहां की मुख्य सड़क काफी बदहाल है. पारडीह से लेकर बधवारा तक की सड़क टूटी हुई है.
विधायक से लेकर मंत्री तक लगाई गुहार
यहां के मुखिया प्रतिनिधि रघुनंदन कुमार बताते हैं कि पारडीह मोड से बधवारा पतरो नदी पुल (बिहार-झारखण्ड की सीमा) और बधवारा मोड से गोराडीह चौराहा होते हुए सहयारी एवं खोसोखार तक 13 किमी यह सड़क पूरी तरह से जर्जर है. इस सड़क को बनाने की मांग यहां के विधायक रहे डॉ सरफराज अहमद (पूर्व विधायक एवं वर्तमान में राज्यसभा सांसद) एवं उस वक्त के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से की गई. हालांकि अभी तक सड़क बनाने का काम शुरू नहीं किया गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क बनेगी तो इस क्षेत्र के लोगों की जिंदगी में काफी परिवर्तन आएगा. यहां बता दें कि यह क्षेत्र गांडेय विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है.
सड़क को मिली है स्वीकृति, आचार संहिता के बाद शुरू होगा काम
इधर, इस सड़क को लेकर ग्रामीण विकास विभाग के गिरिडीह जिला कार्यपालक अभियंता से बात की गई. उन्होंने बताया कि यह सड़क स्वीकृत हो चुकी है. चूंकि स्वीकृति के बाद टेंडर भी हो गया लेकिन तब तक आचार संहिता लागू हो गया था. ऐसे में आगे का काम आचार संहिता हटते ही शुरू किया जाएगा. बहरहाल सड़क की स्वीकृति मिलना निश्चित तौर पर इस क्षेत्र के लोगों के लिए सुकून देनेवाली खबर है. अब लोगों को इंतजार है कि आचार संहिता कब खत्म हो और सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो.
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