शिमला: देशभर में शारदीय नवरात्रि के साथ ही 3 अक्टूबर से फेस्टिवल सीजन शुरू हो गया है. हिमाचल में भी फेस्टिवल सीजन में बाजार पूरी तरह से सज गए हैं, लेकिन प्रदेश में सवा दो लाख कर्मचारियों और पौने दो लाख पेंशनर्स को डीए की किस्त ना मिलने से मार्केट में रौनक गायब है.
हालत तो ये है कि रिटायर कर्मचारियों के खाते में अभी तक पेंशन तक नहीं आई है. इस तरह से अब फेस्टिवल सीजन में घर को सजाने के लिए सामान खरीदना तो दूर पेंशनर्स को रोजमर्रा के छोटे-मोटे खर्च चलाने के लिए भी पैसे के लाले पड़ गए हैं. वहीं, सरकारी कर्मचारियों ने भविष्य के लिए योजनाएं तैयार की थी. वे भी डीए ना मिलने से धरी की धरी रह गई हैं. ऐसे में लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के सब्र का बांध अब जवाब दे गया है.
इस तरह से अब हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ ने 14 अक्टूबर को जनरल हाउस करने का निर्णय लिया है. वहीं, प्रदेश पेंशनर्स वेलफेयर ने भी मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों के घेराव करने का फैसला लिया है.
सीएम सुक्खू कल से बैठेंगे सचिवालय
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शनिवार को दिल्ली से वापस लौट आए हैं. ऐसे में सोमवार से सीएम सुक्खू सचिवालय में कामकाज निपटाएंगे. वहीं, कर्मचारियों को भी अब उम्मीद है कि अब मुख्यमंत्री स्वस्थ हो गए हैं, जिसके बाद सीएम डीए और छठे वेतनमान के संशोधित एरियर जारी करने को लेकर कर्मचारियों को बैठक के लिए बुला सकते हैं.
पिछली बार भी कर्मचारियों ने 17 सितम्बर को प्रस्तावित जरनल हाउस मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर की ओर से वार्ता का प्रस्ताव मिलने का बाद स्थगित कर दिया था लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री अस्वस्थ हो गए, जिसके बाद सीएम के सचिव और कर्मचारियों के बीच वार्ता हुई थी जिसमें कोई नतीजा नहीं निकला था.
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा का कहना है कि कल से मुख्यमंत्री सचिवालय में बैठेंगे. ऐसी उम्मीद है कि सीएम अब कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुला सकते हैं.
सचिवालय में वापस लौटने पर कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुला सकते हैं, लेकिन अगर अगले दो से तीन दिनों तक परिसंघ मुख्यमंत्री को वार्ता के लिए बुलाते हैं तो सचिवालय के कर्मचारी फिर से 14 अक्टूबर को जरनल हाउस करने को मजबूर होंगे.
मंत्रियों और विधायकों का होगा घेराव
पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन प्रदेशाध्यक्ष आत्माराम शर्मा का कहना है कि इतिहास में ये पहली बार हुआ है. रिटायर कर्मचारियों को पेंशन कभी महीने की 10 और कभी 9 तारीख को डाली जा रही है.
डीए की भी तीन किस्त देय हैं. छठे वेतनमान का संशोधित एरियर अभी तक नहीं मिला है जिससे पेंशनर्स में भारी रोष है. फेस्टिवल सीजन चल रहा है लेकिन पेंशनर्स की जेब खाली है.
ऐसे में हम बिना पैसे के कैसे त्योहार मना पाएंगे इसलिए पेंशनर्स ने फैसला लिया है कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई तो प्रदेशभर में मंत्रियों और कांग्रेस के विधायकों का घेराव किया जाएगा. पेंशनर्स ने इसको लेकर कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह को ज्ञापन भी सौंपा है.
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