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पीसीएस-प्री, RO-ARO एग्जाम डेट विवाद; हाईकोर्ट की महिला वकील बोलीं, आयोग का फैसला सुप्रीम कोर्ट की अवमानना - PCS RO ARO EXAM DATE CONTROVERSY

अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह का कहना है कि आयोग ने फैसला वापस नहीं लिया तो यूपी लोकसेवा आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करेंगी.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 12, 2024, 5:56 PM IST

प्रयागराज: यूपी लोकसेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह पहुंचीं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए बताया कि आयोग द्वारा परीक्षा का विज्ञापन जारी करने के बाद परीक्षा के नियमों में बदलाव करना उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवमानना है. अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह का कहना है कि आयोग ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वो यूपी लोकसेवा आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करेंगी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर पहुंची महिला वकील: यूपी लोकसेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्र सोमवार से अनवरत आंदोलन की शुरुआत कर चुके हैं. आयोग के बाहर विरोध कर रहे इन प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने इलाहाबाद हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह पहुंची थीं.

मीडिया से बात करतीं अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

श्वेताक्षी सिंह अपने साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर पहुंची थीं जिसमें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तेज प्रकाश पाठक के केस में आदेश दिया गया था कि किसी भी परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है. ऐसा करना संविधान के द्वारा बनाये गए नियमों के खिलाफ है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना: प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद भर्ती परीक्षा के निमयों में बदलाव करके यूपी लोकसेवा आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहा है. वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट की अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला दिया था कि भर्ती का विज्ञापन जारी होने के बाद प्रक्रिया के बीच में नियम नहीं बदले जा सकते हैं.

लोकसेवा आयोग ने फैसला वापस नहीं लिया तो हाईकोर्ट में डालेंगी अवमानना याचिका: इलाहाबाद हाईकोर्ट की वकील श्वेताक्षी सिंह का कहना है कि यूपी लोक सेवा आयोग का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है. अगर आयोग ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वो अभ्यर्थियों की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दाखिल करेंगी.

ये भी पढ़ेंः पीसीएस-प्री, RO-ARO एग्जाम डेट विवाद; डिप्टी सीएम मौर्य छात्रों के समर्थन में उतरे, बोले- समस्या हल करें अधिकारी

प्रयागराज: यूपी लोकसेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह पहुंचीं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए बताया कि आयोग द्वारा परीक्षा का विज्ञापन जारी करने के बाद परीक्षा के नियमों में बदलाव करना उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवमानना है. अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह का कहना है कि आयोग ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वो यूपी लोकसेवा आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करेंगी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर पहुंची महिला वकील: यूपी लोकसेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्र सोमवार से अनवरत आंदोलन की शुरुआत कर चुके हैं. आयोग के बाहर विरोध कर रहे इन प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने इलाहाबाद हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह पहुंची थीं.

मीडिया से बात करतीं अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

श्वेताक्षी सिंह अपने साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर पहुंची थीं जिसमें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तेज प्रकाश पाठक के केस में आदेश दिया गया था कि किसी भी परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है. ऐसा करना संविधान के द्वारा बनाये गए नियमों के खिलाफ है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना: प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद भर्ती परीक्षा के निमयों में बदलाव करके यूपी लोकसेवा आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहा है. वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट की अधिवक्ता श्वेताक्षी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला दिया था कि भर्ती का विज्ञापन जारी होने के बाद प्रक्रिया के बीच में नियम नहीं बदले जा सकते हैं.

लोकसेवा आयोग ने फैसला वापस नहीं लिया तो हाईकोर्ट में डालेंगी अवमानना याचिका: इलाहाबाद हाईकोर्ट की वकील श्वेताक्षी सिंह का कहना है कि यूपी लोक सेवा आयोग का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है. अगर आयोग ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वो अभ्यर्थियों की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दाखिल करेंगी.

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