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पीसीएस-प्री, RO-ARO एग्जाम डेट विवाद; आंदोलनकारी छात्र दूसरी रात भी डटे रहे, UPPSC अध्यक्ष से मांगा इस्तीफा

आयोग अध्यक्ष के लापता होने और उनका पता बताने वाले को इनाम देने का पोस्टर भी प्रतियोगी छात्रों ने UPPSC के बाहर लगा दिया है.

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प्रयागराज में UPPSC कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते युवा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 12, 2024, 8:04 PM IST

Updated : Nov 13, 2024, 7:19 AM IST

प्रयागराज: यूपी लोकसेवा आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने आंदोलन के दूसरे दिन आयोग अध्यक्ष संजय श्रीनेत पर तमाम आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है. प्रतियोगी छात्र आयोग अध्यक्ष के कार्यकाल में हुई भर्तियों में गड़बड़ी को गिनाते हुए उनको पद से हटाने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही आयोग अध्यक्ष के लापता होने और उनका पता बताने वाले को इनाम देने का पोस्टर भी प्रतियोगी छात्रों ने आयोग के बाहर लगा दिया है. वहीं, आंदोलित छात्र मंगलवार रात को भी आयोग के गेट के बाहर जमा रहे. छात्र लगातार नारेबाजी कर रहे हैं.

यूपी लोकसेवा आयोग के बाहर आरओ एआरओ भर्ती परीक्षा 2023 और पीसीएस प्री 2024 परीक्षा को दो-दो दिन में करवाने के फैसले के विरोध में प्रतियोगी छात्रों ने आन्दोलन को आर-पार की लड़ाई बना दिया है. अब आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के कार्यकाल में हुई भर्तियों में गड़बड़ियों को गिनाते हुए छात्र उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

प्रयागराज में UPPSC कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने बताई अपनी बात. (Video Credit; ETV Bharat)

संजय श्रीनेत के कार्यकाल में हुई पीसीएस जे, आरओ-एआरओ जैसी बड़ी परीक्षाओं में गड़बड़ी के साथ ही पीसीएस 2024 की प्री परीक्षा की तारीखें बार-बार बदली गईं. अब 7 और 8 दिसम्बर की तारीख तय की गयी है. इसी तरह से पेपर लीक होने की वजह से आरओ एआरओ की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसम्बर की तारीख तय की गई है. एक परीक्षा को दो दिन कराने के फैसले का छात्र विरोध कर रहे हैं.

यूपी लोकसेवा आयोग के बाहर दो दिनों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले हजारों छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र लगातार आयोग के अध्यक्ष को बाहर बुलाकर उनसे अपनी बात कहना चाह रहे हैं. लेकिन, आयोग के अध्यक्ष के बाहर न आने और छात्रों की मांगे ना सुनी जाने की वजह से उनमें गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है.

सोमवार को जहां प्रतियोगी छात्रों ने आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की थी वही मंगलवार को आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों ने न सिर्फ विरोध प्रदर्शन किया बल्कि आयोग अध्यक्ष के पोस्टर लगाए. उनके लापता होने का पोस्टर भी आयोग के बाहर के दरवाजों-दीवारों पर जगह-जगह लगाया गया है.

इसके साथ ही आयोग के अध्यक्ष का पता बताने वाले को इनाम देने की घोषणा की गई. यही नहीं छात्र आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग भी कर रहे हैं. इसके साथ ही कई छात्रों ने आयोग अध्यक्ष की प्रतीकात्मक रूप से शव यात्रा निकाल कर भी विरोध प्रदर्शन किया है. छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं पूरी की जाती है तब तक वह इसी तरह से आयोग के बाहर डटे रहेंगे.

राधाकृष्णन कमेटी ने भी दो पालियों में परीक्षा कराने की अनुशंसा की: यूपीपीएससी के प्रवक्ता का कहना है कि आयोग ने नॉर्मलाइजेशन का फॉर्मूला पारदर्शी तरीके से प्रतियोगी छात्रों के बीच रखा. जहां किसी एक विज्ञापन के सापेक्ष एकाधिक दिवसों/पालियों में परीक्षाएं आयोजित कराई जाती हैं, वहां परीक्षा के मूल्यांकन के लिए प्रसामान्यीकरण की प्रक्रिया अपनाई जानी आवश्यक है. जैसा कि देश के विभिन्न प्रतिष्ठित भर्ती निकायों, आयोगों आदि में अपनाई जाती है.

न्यायालय के विभिन्न निर्णयों द्वारा व्याख्यायित भी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नीट परीक्षा के लिए गठित राधाकृष्णन कमेटी द्वारा भी दो पालियों में परीक्षा कराने की अनुशंसा की गई है. वहीं, पुलिस भर्ती परीक्षा भी कई पालियों में कराई गई.

आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि पूरी व्यवस्था में न्यूनतम हयूमन इंटरफेयरेन्स सुनिश्चित किया जा रहा है. सब कुछ सिस्टम ड्रिवेन है. तकनीक का उपयोग कर व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाया गया है. मूल्यांकन में रोल नं. को फेक नं. में परिवर्तित कर नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया की जाएगी, जिससे किसी अभ्यर्थी का रोल नं. मालूम नहीं चलेगा एवं मूल्यांकन प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी होगी.

अभ्यर्थियों के सुझावों का स्वागत करता है आयोग: आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि Normalisation के संदर्भ में आयोग, अभ्यर्थियों के सुझावों का स्वागत करता है और जिसको भी उसके संदर्भ में कोई सुधार-सुझाव और बेहतर व्यवस्था हो, वह अभ्यर्थी दे सकते हैं जिससे कि लब्धप्रतिष्ठित विशेषज्ञों की समिति के समक्ष सारी चीज रखी जाएगी और जो शुचिता गुणधर्मिता, अभ्यर्थियों के हित में आवश्यक होगा, उसका पालन किया जाएगा.

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यूपी लोकसेवा आयोग के बाहर आरओ एआरओ भर्ती परीक्षा 2023 और पीसीएस प्री 2024 परीक्षा को दो-दो दिन में करवाने के फैसले के विरोध में प्रतियोगी छात्रों ने आन्दोलन को आर-पार की लड़ाई बना दिया है. अब आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के कार्यकाल में हुई भर्तियों में गड़बड़ियों को गिनाते हुए छात्र उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

प्रयागराज में UPPSC कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने बताई अपनी बात. (Video Credit; ETV Bharat)

संजय श्रीनेत के कार्यकाल में हुई पीसीएस जे, आरओ-एआरओ जैसी बड़ी परीक्षाओं में गड़बड़ी के साथ ही पीसीएस 2024 की प्री परीक्षा की तारीखें बार-बार बदली गईं. अब 7 और 8 दिसम्बर की तारीख तय की गयी है. इसी तरह से पेपर लीक होने की वजह से आरओ एआरओ की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसम्बर की तारीख तय की गई है. एक परीक्षा को दो दिन कराने के फैसले का छात्र विरोध कर रहे हैं.

यूपी लोकसेवा आयोग के बाहर दो दिनों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले हजारों छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र लगातार आयोग के अध्यक्ष को बाहर बुलाकर उनसे अपनी बात कहना चाह रहे हैं. लेकिन, आयोग के अध्यक्ष के बाहर न आने और छात्रों की मांगे ना सुनी जाने की वजह से उनमें गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है.

सोमवार को जहां प्रतियोगी छात्रों ने आयोग के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की थी वही मंगलवार को आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों ने न सिर्फ विरोध प्रदर्शन किया बल्कि आयोग अध्यक्ष के पोस्टर लगाए. उनके लापता होने का पोस्टर भी आयोग के बाहर के दरवाजों-दीवारों पर जगह-जगह लगाया गया है.

इसके साथ ही आयोग के अध्यक्ष का पता बताने वाले को इनाम देने की घोषणा की गई. यही नहीं छात्र आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग भी कर रहे हैं. इसके साथ ही कई छात्रों ने आयोग अध्यक्ष की प्रतीकात्मक रूप से शव यात्रा निकाल कर भी विरोध प्रदर्शन किया है. छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं पूरी की जाती है तब तक वह इसी तरह से आयोग के बाहर डटे रहेंगे.

राधाकृष्णन कमेटी ने भी दो पालियों में परीक्षा कराने की अनुशंसा की: यूपीपीएससी के प्रवक्ता का कहना है कि आयोग ने नॉर्मलाइजेशन का फॉर्मूला पारदर्शी तरीके से प्रतियोगी छात्रों के बीच रखा. जहां किसी एक विज्ञापन के सापेक्ष एकाधिक दिवसों/पालियों में परीक्षाएं आयोजित कराई जाती हैं, वहां परीक्षा के मूल्यांकन के लिए प्रसामान्यीकरण की प्रक्रिया अपनाई जानी आवश्यक है. जैसा कि देश के विभिन्न प्रतिष्ठित भर्ती निकायों, आयोगों आदि में अपनाई जाती है.

न्यायालय के विभिन्न निर्णयों द्वारा व्याख्यायित भी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नीट परीक्षा के लिए गठित राधाकृष्णन कमेटी द्वारा भी दो पालियों में परीक्षा कराने की अनुशंसा की गई है. वहीं, पुलिस भर्ती परीक्षा भी कई पालियों में कराई गई.

आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि पूरी व्यवस्था में न्यूनतम हयूमन इंटरफेयरेन्स सुनिश्चित किया जा रहा है. सब कुछ सिस्टम ड्रिवेन है. तकनीक का उपयोग कर व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाया गया है. मूल्यांकन में रोल नं. को फेक नं. में परिवर्तित कर नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया की जाएगी, जिससे किसी अभ्यर्थी का रोल नं. मालूम नहीं चलेगा एवं मूल्यांकन प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी होगी.

अभ्यर्थियों के सुझावों का स्वागत करता है आयोग: आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि Normalisation के संदर्भ में आयोग, अभ्यर्थियों के सुझावों का स्वागत करता है और जिसको भी उसके संदर्भ में कोई सुधार-सुझाव और बेहतर व्यवस्था हो, वह अभ्यर्थी दे सकते हैं जिससे कि लब्धप्रतिष्ठित विशेषज्ञों की समिति के समक्ष सारी चीज रखी जाएगी और जो शुचिता गुणधर्मिता, अभ्यर्थियों के हित में आवश्यक होगा, उसका पालन किया जाएगा.

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Last Updated : Nov 13, 2024, 7:19 AM IST
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