जयपुर: राजस्थान के 21 जिलों में पानी पहुंचाने वाली पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) और अब पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना (पीकेसी) पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जयपुर के दादिया की जनसभा में इस योजना का शिलान्यास किया. इस पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस योजना का काम शुरू कर दिया था. अब पीएम मोदी शिलान्यास कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने दो बार वादा किया था, लेकिन इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया गया है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मुद्दे पर सरकार से श्वेत पत्र लाने की मांग की है. इससे पहले प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रदेश प्रभारी द्वारा नियुक्त पदाधिकारियों की बैठक ली और उन्हें पार्टी के अभियान को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी है. इसके साथ ही उन्होंने बुधवार को राजभवन के घेराव को लेकर महिला कांग्रेस की पदाधिकारियों की भी बैठक ली.
डोटासरा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा सरकार को एक साल हो गया. लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ जनता ने भाजपा को सत्ता सौंपी, लेकिन कोई काम नहीं हुआ. आज भी जनता को उम्मीद थी कि पीएम मोदी जनता के लिए खजाना खोलेंगे, लेकिन प्रदेश की जनता को कुछ नहीं मिला. प्रधानमंत्री ने चुनावी सभा में दो बार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा किया था.आज भी यह दर्जा नहीं दिया गया.
पीएम पर लगाया भ्रमित करने का आरोप: वे बोले- आज की सभा में पीएम ने हनुमानगढ़, झुंझुनू व सीकर तक नर्मदा का पानी पहुंचाने की बात कही है. जबकि नर्मदा का पानी पश्चिमी राजस्थान के कुछ इलाकों को पहले से ही मिल रहा है. उन्होंने कहा कि ईआरसीपी का नाम बदलकर पीकेसी तो कर दिया, लेकिन इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया. पेट्रोल-डीजल सस्ता करने का दावा किया. जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पेट्रोल-डीजल के दाम हरियाणा के बराबर करने का वादा किया था. आज भी प्रदेश में हरियाणा से महंगा पेट्रोल-डीजल मिल रहा है.
पेपर होंगे, तब पता चलेगा लीक होते हैं कि नहीं: पेपर लीक को लेकर पीएम मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए डोटासरा ने कहा, अब पेपर हो ही नहीं रहे तो लीक कहां से होगा. जब पेपर होंगे तब पता चलेगा कि लीक होंगे या डबल लीक. डोटासरा बोले- एक साल होने के बाद सरकार ने वैकेंसी निकाली, लेकिन उसमें ज्यादातर पद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के हैं या संविदा के हैं. एक साल में प्रोफेशनल डिग्रीधारकों के लिए छह हजार पद पर भी विज्ञप्ति नहीं निकाली है. उन्होंने कहा, कांग्रेस भाजपा सरकार की नीतियों का सड़क से सदन तक विरोध करेगी.
आज एमओयू किया तो पहले क्या किया था: डोटासरा बोले- आज की सभा में पीएम मोदी ने उपचुनाव में दो-चार सीटों पर जीत का जिक्र किया, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा. पीएम को उस पर भी बोलना चाहिए था. वे बोले- पीएम मोदी कह रहे हैं कि आज राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच एमओयू हुआ है. फिर मुख्यमंत्री ने विधानसभा में जिस एमओयू का जिक्र किया. वो क्या था. उन्हें माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने जनता से झूठ बोला. वे बोले- हरियाणा के साथ हुए समझौते को लेकर आज एक शब्द नहीं बोला.
सीएम के बजाय अधिकारियों को दी जा रही पर्ची: डोटासरा ने कहा, ये लोग वन स्टेट वन इलेक्शन का फार्मूला लागू कर ही नहीं पाएंगे. कांग्रेस इसे लेकर जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार जनप्रतिनिधियों को खत्म करना चाहती है. ये प्रशासन के जरिए ही सरकार चलाना चाह रहे हैं. वे बोले- पहले दिल्ली बुलाकर सीएम को पर्ची दी जाती थी, लेकिन अब तो दिल्ली बुलाकर पर्चियां सीधे अधिकारियों को ही दी जा रही है कि किसे ठेका देना है.
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केंद्र सरकार ने लटकाया ईआरसीपी को: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आज जयपुर आए और लोकार्पण-शिलान्यास किया. वे प्रधानमंत्री होकर भी झूठ बोल रहे हैं कि ईआरसीपी को कांग्रेस ने अटकाया, जबकि इस योजना को अटकाने का काम केंद्र की मोदी सरकार ने किया था. वे बोले- पहले जो एमओयू हुआ. उसे भी जनता से छुपाया गया. अब आज जो एमओयू किया गया है. उसे भी जनता के सामने नहीं रखेंगे. जूली ने कहा कि भाजपा सरकार ईआरसीपी का नाम पीकेसी कर लोगों को गुमराह कर रही है. सरकार को इस पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.
भाजपा के वादे पूरे नहीं हुए: टीकाराम जूली ने कहा, अपनी मांगों को लेकर आज किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं. उस पर सर्दी में पानी की बौछार की जा रही है. आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं. भाजपा ने किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने की घोषणा की, लेकिन दी नहीं. हरियाणा के बराबर पेट्रोल-डीजल के दाम करने का दावा किया, लेकिन नहीं हुए. गेहूं की एमएसपी बढ़ाने और बाजरे की एमएसपी पर खरीद भी नहीं की. राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिए गए किसानों के ऋण माफ करने की बात कही, लेकिन नहीं किया. कुल मिलाकर भाजपा ने जो भी वादे किए, उन्हें पूरा नहीं किया.