ETV Bharat / state

डोटासरा बोले- कमजोर पैरवी से छूट रहे पेपर लीक के आरोपी, अभी भी पकड़ से दूर 'मगरमच्छ' - GOVIND DOTASRA

पेपर लीक के आरोपियों को जमानत मिलने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने भाजपा सरकार को घेरा. भाजपा नेताओं पर लगाया ये बड़ा आरोप.

Govind Dotasra
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 13, 2024, 8:13 PM IST

जयपुर: उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती पेपर लीक के मामले में आरोपियों को जमानत मिलने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, कमजोर पैरवी के चलते पेपर लीक के आरोपी छूट रहे हैं और बड़े मगरमच्छ (माफिया) अभी भी पकड़ से दूर हैं. उन्होंने भाजपा नेताओं पर सत्ता हासिल करने के लिए राजनीतिक विरोधियों की छवि खराब करने का भी आरोप लगाया.

गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर कहा, 'भाजपा ने सत्ता में आने से पहले आरपीएससी को भंग करने एवं पेपर लीक के आरोपियों और माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई का दंभ भरा था. भाजपा नेताओं ने सत्ता हासिल करने के लिए षड्यंत्रपूर्वक राजनीतिक विरोधियों की छवि को धूमिल करने का भी कुप्रयास किया, लेकिन सरकार में आने के बाद थोथी वाहवाही लूटने एवं जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिए केवल खानापूर्ति जैसी कार्रवाई हुई.

पढ़ें : एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में 16 आरोपियों को जमानत, एक को राहत नहीं - RAJASTHAN HIGH COURT

झूठा माहौल बनाने से हालात नहीं बदलते : डोटासरा ने कहा, सच ये है कि भाजपा सरकार की कमजोर पैरवी की वजह से आरोपी छूट रहे हैं एवं 'मगरमच्छ' (माफिया) अभी भी सरकार की पहुंच से बाहर हैं. सरकार ने 100 आरोपी भी नहीं पकड़े और हालात ये हैं कि पकड़े गए ज्यादातर आरोपी भी जमानत पर रिहा हो रहे हैं. सिर्फ झूठा माहौल बनाने से हालात नहीं बदलते. इससे कहीं ज्यादा कठोर कार्रवाई पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय हुई.

हमने कटारा को जेल भेजा, कार्मिकों को किया बर्खास्त : उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समय करीब 260 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा को जेल भेजा एवं संलिप्त पाए गए कार्मिकों को नौकरी से बर्खास्त किया. इतना ही नहीं, कांग्रेस सरकार ने पेपर लीक पर उम्रकैद और 10 करोड़ रुपए जुर्माने का सख्त कानून बनाया. भाजपा की भांति सिर्फ प्रोपेगेंडा नहीं चलाया. उन्होंने कहा, सरकार का 1 साल पूर्ण होने के बाद भी नकल माफियाओं का गिरफ्त से बाहर होना, एसआई भर्ती के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं कर पाना एवं गत सरकार के निर्णयों पर समीक्षा नहीं होना मुखिया के कमजोर नेतृत्व और अक्षमता को दर्शाते हैं.

जयपुर: उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती पेपर लीक के मामले में आरोपियों को जमानत मिलने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, कमजोर पैरवी के चलते पेपर लीक के आरोपी छूट रहे हैं और बड़े मगरमच्छ (माफिया) अभी भी पकड़ से दूर हैं. उन्होंने भाजपा नेताओं पर सत्ता हासिल करने के लिए राजनीतिक विरोधियों की छवि खराब करने का भी आरोप लगाया.

गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर कहा, 'भाजपा ने सत्ता में आने से पहले आरपीएससी को भंग करने एवं पेपर लीक के आरोपियों और माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई का दंभ भरा था. भाजपा नेताओं ने सत्ता हासिल करने के लिए षड्यंत्रपूर्वक राजनीतिक विरोधियों की छवि को धूमिल करने का भी कुप्रयास किया, लेकिन सरकार में आने के बाद थोथी वाहवाही लूटने एवं जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिए केवल खानापूर्ति जैसी कार्रवाई हुई.

पढ़ें : एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में 16 आरोपियों को जमानत, एक को राहत नहीं - RAJASTHAN HIGH COURT

झूठा माहौल बनाने से हालात नहीं बदलते : डोटासरा ने कहा, सच ये है कि भाजपा सरकार की कमजोर पैरवी की वजह से आरोपी छूट रहे हैं एवं 'मगरमच्छ' (माफिया) अभी भी सरकार की पहुंच से बाहर हैं. सरकार ने 100 आरोपी भी नहीं पकड़े और हालात ये हैं कि पकड़े गए ज्यादातर आरोपी भी जमानत पर रिहा हो रहे हैं. सिर्फ झूठा माहौल बनाने से हालात नहीं बदलते. इससे कहीं ज्यादा कठोर कार्रवाई पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय हुई.

हमने कटारा को जेल भेजा, कार्मिकों को किया बर्खास्त : उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समय करीब 260 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा को जेल भेजा एवं संलिप्त पाए गए कार्मिकों को नौकरी से बर्खास्त किया. इतना ही नहीं, कांग्रेस सरकार ने पेपर लीक पर उम्रकैद और 10 करोड़ रुपए जुर्माने का सख्त कानून बनाया. भाजपा की भांति सिर्फ प्रोपेगेंडा नहीं चलाया. उन्होंने कहा, सरकार का 1 साल पूर्ण होने के बाद भी नकल माफियाओं का गिरफ्त से बाहर होना, एसआई भर्ती के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं कर पाना एवं गत सरकार के निर्णयों पर समीक्षा नहीं होना मुखिया के कमजोर नेतृत्व और अक्षमता को दर्शाते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.