बस्तर: पूर्व विधायक बृजमोहन अग्रवाल के मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा है कि आखिर क्या वजह है कि बृजमोहन अग्रवाल अबतक मंत्री पद नहीं छोड़ रहे हैं. मीडिया से बातचीत में दीपक बैज ने कहा कि नियम के मुताबिक तो जैसे ही आप विधायक पद से इस्तीफा देते हैं आपको मंत्री पद भी तुरंत छोड़ देना होता है. ऐसे में आप किस तरह से मंत्री पद पर बने हुए हैं.
बृजमोहन अग्रवाल के मंत्री पद नहीं छोड़ने पर तंज: दीपक बैज ने कहा कि रायपुर के नव निर्वाचित सांसद और पूर्व विधायक बृजमोहन अग्रवाल किन नियमों के तहत वो मंत्री पद नहीं छोड़ रहे हैं इसका खुलासा होना चाहिए. बृजमोहन अग्रवाल ने मंत्री पद छोड़ने का फैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया है. ऐसे में साफ तौर से जाहिर होता है कि बृजमोहन अग्रवाल मुख्यमंत्री और सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश के बड़े और वरिष्ठ नेता हैं. उनकी राजनीति को हाशिए पर लाने की साजिश है. उनके कद को कम करने की कोशिश बीजेपी ने शुरु कर दी है.
विवाद को किसने दी हवा: दरअसल छत्तीसगढ़ से एक सांसद को मंत्री बनाने की चर्चा मोदी कैबिनेट में चल रही थी. तमाम सियासी पंडितों की भी राय थी कि बृजमोहन अग्रवाल को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. पर जब दिल्ली से फोन आने शुरु हुए तो नाम तोखन साहू का सामने आ गया. बीजेपी में इसको लेकर कोई विरोध नहीं हुआ. कांग्रेस ने जरुर तोखन साहू के बहाने बीजेपी पर सियासी हमले की कोशिश की. बृजमोहन अग्रवाल के मंत्री पद नहीं छोड़ने पर जिस तरह से कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं वो उसी का एक हिस्सा हो सकता है.